लखनऊ: उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के 22 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई, जिससे रेलवे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. रेलवे के एक बड़े अधिकारी पर 30 लाख रूपए आरक्षण केंद्र से मनमाने तरीके से मंगवाए जाने के चलते पूर्वोत्तर रेलवे के बड़े अधिकारी पर कार्रवाई की गई है. रेलवे की एक यूनियन ने इस कार्रवाई का विरोध किया है.
रेलवे बोर्ड ने अकाउंट, पर्सनल, कॉमर्शियल, इंजीनियरिंग और यांत्रिक के कुल ऐसे 32 अधिकारियों को चिन्हित किया था, जिन पर जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जानी थी. रेलवे बोर्ड ने 32 में से 22 अफसरों पर कार्रवाई की है. वहीं जिन 22 अफसरों पर कार्रवाई हुई है, उनमें से एक अधिकारी 2014 में लखनऊ मंडल में तैनात रहे थे.
इसे भी पढ़ें- अलीगढ़: 10 रुपये के स्टांप पर लिखकर दिया तीन तलाक, मुकदमा दर्ज
इसी दौरान उन्होंने आरक्षण केंद्र से मनमाने ढंग से 30 लाख रुपए लाने के निर्देश रेल कर्मियों को दिए थे. हालांकि रेल कर्मियों ने उनके आदेश पर आपत्ति भी जताई थी. दो रेलवे अधिकारियों ने 30 लाख रुपए लिए और उसकी रिसीविंग पीआरएस में दी, लेकिन इनमें से एक अफसर रकम हैंडओवर करने से पहले रिसीविंग देने की जिद पर अड़ गए. आला अफसर ने रिसीविंग देकर रकम ले ली.
मंडल मंत्री ने दी जानकारी
एनई रेलवे के मंडल मंत्री यूनियन अजय कुमार वर्मा ने बताया कि अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है, हम लोग इसका विरोध करते हैं. जब आदमी काम करेगा तो उससे गलती भी होगी. सरकार जो कर रही है, उसका हम विरोध करते हैं. रेल प्रशासन ने जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की है, उन पर कार्रवाई करने का तर्क दिया है कि जनहित और अधिकारियों की कार्यक्षमता के मद्देनजर इस तरह का निर्णय लिया गया है.
इन अफसरों पर हुई कार्रवाई
आईआरएएस अशोक कुमार, आईआरपीएस जी. शेट्टी, आईआरटीएस एनके सिंह, आरपी मीणा, पीसी ड्डड्डी, आईआरएसई में बीसी मीणा, अनिल कुमार, आरके मीणा, वी. गोपाल रेड्डी, वी. वेंकटेश्वर राव, बीएस रिजवी, आईआरएसइइ में बी. समझधार, एसके झीना, के. मुखर्जी आई आईआरएसएस विजय सिंह मीणा, आर.मीणा, एलेक्स टोपो, आरसीएफ से राकेश कुमार, आई आरएमएमइ के एस. मंडल, संजय पोद्दार और सीपी शर्मा शामिल हैं.