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लखनऊ: उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे अधिकारियों पर गिरी गाज, 22 अधिकारी जबरन सेवानिवृत्त

रेलवे बोर्ड ने उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के 22 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी है. अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति देने से हड़कंप मचा हुआ है. वहीं रेलवे की एक यूनियन ने इस कार्रवाई का विरोध किया है.

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Published : Dec 12, 2019, 11:09 PM IST

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उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों पर गिरी गाज.

लखनऊ: उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के 22 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई, जिससे रेलवे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. रेलवे के एक बड़े अधिकारी पर 30 लाख रूपए आरक्षण केंद्र से मनमाने तरीके से मंगवाए जाने के चलते पूर्वोत्तर रेलवे के बड़े अधिकारी पर कार्रवाई की गई है. रेलवे की एक यूनियन ने इस कार्रवाई का विरोध किया है.

जानकारी देते एनई रेलवे के मंडल मंत्री यूनियन अजय कुमार वर्मा.

रेलवे बोर्ड ने अकाउंट, पर्सनल, कॉमर्शियल, इंजीनियरिंग और यांत्रिक के कुल ऐसे 32 अधिकारियों को चिन्हित किया था, जिन पर जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जानी थी. रेलवे बोर्ड ने 32 में से 22 अफसरों पर कार्रवाई की है. वहीं जिन 22 अफसरों पर कार्रवाई हुई है, उनमें से एक अधिकारी 2014 में लखनऊ मंडल में तैनात रहे थे.

इसे भी पढ़ें- अलीगढ़: 10 रुपये के स्टांप पर लिखकर दिया तीन तलाक, मुकदमा दर्ज

इसी दौरान उन्होंने आरक्षण केंद्र से मनमाने ढंग से 30 लाख रुपए लाने के निर्देश रेल कर्मियों को दिए थे. हालांकि रेल कर्मियों ने उनके आदेश पर आपत्ति भी जताई थी. दो रेलवे अधिकारियों ने 30 लाख रुपए लिए और उसकी रिसीविंग पीआरएस में दी, लेकिन इनमें से एक अफसर रकम हैंडओवर करने से पहले रिसीविंग देने की जिद पर अड़ गए. आला अफसर ने रिसीविंग देकर रकम ले ली.

मंडल मंत्री ने दी जानकारी
एनई रेलवे के मंडल मंत्री यूनियन अजय कुमार वर्मा ने बताया कि अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है, हम लोग इसका विरोध करते हैं. जब आदमी काम करेगा तो उससे गलती भी होगी. सरकार जो कर रही है, उसका हम विरोध करते हैं. रेल प्रशासन ने जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की है, उन पर कार्रवाई करने का तर्क दिया है कि जनहित और अधिकारियों की कार्यक्षमता के मद्देनजर इस तरह का निर्णय लिया गया है.

इन अफसरों पर हुई कार्रवाई
आईआरएएस अशोक कुमार, आईआरपीएस जी. शेट्टी, आईआरटीएस एनके सिंह, आरपी मीणा, पीसी ड्डड्डी, आईआरएसई में बीसी मीणा, अनिल कुमार, आरके मीणा, वी. गोपाल रेड्डी, वी. वेंकटेश्वर राव, बीएस रिजवी, आईआरएसइइ में बी. समझधार, एसके झीना, के. मुखर्जी आई आईआरएसएस विजय सिंह मीणा, आर.मीणा, एलेक्स टोपो, आरसीएफ से राकेश कुमार, आई आरएमएमइ के एस. मंडल, संजय पोद्दार और सीपी शर्मा शामिल हैं.

लखनऊ: उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के 22 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई, जिससे रेलवे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. रेलवे के एक बड़े अधिकारी पर 30 लाख रूपए आरक्षण केंद्र से मनमाने तरीके से मंगवाए जाने के चलते पूर्वोत्तर रेलवे के बड़े अधिकारी पर कार्रवाई की गई है. रेलवे की एक यूनियन ने इस कार्रवाई का विरोध किया है.

जानकारी देते एनई रेलवे के मंडल मंत्री यूनियन अजय कुमार वर्मा.

रेलवे बोर्ड ने अकाउंट, पर्सनल, कॉमर्शियल, इंजीनियरिंग और यांत्रिक के कुल ऐसे 32 अधिकारियों को चिन्हित किया था, जिन पर जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जानी थी. रेलवे बोर्ड ने 32 में से 22 अफसरों पर कार्रवाई की है. वहीं जिन 22 अफसरों पर कार्रवाई हुई है, उनमें से एक अधिकारी 2014 में लखनऊ मंडल में तैनात रहे थे.

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इसी दौरान उन्होंने आरक्षण केंद्र से मनमाने ढंग से 30 लाख रुपए लाने के निर्देश रेल कर्मियों को दिए थे. हालांकि रेल कर्मियों ने उनके आदेश पर आपत्ति भी जताई थी. दो रेलवे अधिकारियों ने 30 लाख रुपए लिए और उसकी रिसीविंग पीआरएस में दी, लेकिन इनमें से एक अफसर रकम हैंडओवर करने से पहले रिसीविंग देने की जिद पर अड़ गए. आला अफसर ने रिसीविंग देकर रकम ले ली.

मंडल मंत्री ने दी जानकारी
एनई रेलवे के मंडल मंत्री यूनियन अजय कुमार वर्मा ने बताया कि अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है, हम लोग इसका विरोध करते हैं. जब आदमी काम करेगा तो उससे गलती भी होगी. सरकार जो कर रही है, उसका हम विरोध करते हैं. रेल प्रशासन ने जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की है, उन पर कार्रवाई करने का तर्क दिया है कि जनहित और अधिकारियों की कार्यक्षमता के मद्देनजर इस तरह का निर्णय लिया गया है.

इन अफसरों पर हुई कार्रवाई
आईआरएएस अशोक कुमार, आईआरपीएस जी. शेट्टी, आईआरटीएस एनके सिंह, आरपी मीणा, पीसी ड्डड्डी, आईआरएसई में बीसी मीणा, अनिल कुमार, आरके मीणा, वी. गोपाल रेड्डी, वी. वेंकटेश्वर राव, बीएस रिजवी, आईआरएसइइ में बी. समझधार, एसके झीना, के. मुखर्जी आई आईआरएसएस विजय सिंह मीणा, आर.मीणा, एलेक्स टोपो, आरसीएफ से राकेश कुमार, आई आरएमएमइ के एस. मंडल, संजय पोद्दार और सीपी शर्मा शामिल हैं.

Intro:उत्तर, पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों पर हुई जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के 22 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई इससे रेलवे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। तमाम अफसर और कर्मचारी इस कार्रवाई से डरे हुए हैं। जिन अफसरों पर जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई हुई है उनमें से कई अफसर उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे में लखनऊ भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जबरन रिटायर किए गए कई अधिकारियों की कई साल तक की अभी नौकरी बाकी थी। रेलवे के एक बड़े अधिकारी पर 30 लाख रूपए आरक्षण केंद्र से मनमाने तरीके से मंगवाए जाने के चलते पूर्वोत्तर रेलवे के बड़े अधिकारी पर कार्रवाई की गई है। अब भ्रष्टाचार के साथ ही अपने काम को सही अंजाम न दे पाने वाले अफसरों और कर्मचारियों को भी कार्रवाई का डर सता रहा है। रेलवे की एक यूनियन ने इस कार्रवाई का विरोध भी कर दिया है।


Body:रेलवे बोर्ड ने अकाउंट, पर्सनल,कमर्शियल, इंजीनियरिंग और यांत्रिक के कुल ऐसे 32 अधिकारियों को चिन्हित किया था जिन पर जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जानी है। 32 में से 22 अफसरों पर रेलवे बोर्ड ने कार्रवाई कर विभाग में हड़कंप मचा दिया है। जिन 22 अफसरों पर कार्रवाई हुई है उनमें से एक अधिकारी 2014 में लखनऊ मंडल में तैनात रहे थे। इसी दौरान उन्होंने आरक्षण केंद्र से मनमाने ढंग से तीस लाख रुपए लाने के निर्देश रेल कर्मियों को दिए थे। हालांकि रेल कर्मियों ने उनके आदेश पर आपत्ति भी जताई थी। दो रेलवे अधिकारियों ने 30 लाख रुपए लिए और उसकी रिसीविंग पीआरएस में दी, लेकिन इनमें से एक अफसर रकम हैंडओवर करने से पहले रिसीविंग देने की जिद पर अड़ गए। आला अफसर ने रिसीविंग देकर रकम ले डाली।

बाइट: अजय कुमार वर्मा: मंडल मंत्री, एनई रेलवे यूनियन

अभी अधिकारियों पर कार्रवाई की बात है हो सकता है बाद में कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए। भारत सरकार का जो रुख है उनकी यही थीम है कि कम से कम कर्मचारी और अधिकारी करते जाएं ताकि प्राइवेटाइजेशन करने में हमें आसानी हो। अभी जो अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है हम लोग इसका विरोध करते हैं। जब आदमी काम करेगा उससे गलती भी होगी तो गलती की सजा तमाम और भी है।  इंक्रीमेंट बंद कर दिया जाता है और भी कार्रवाई कर सकते हैं। जैसी पहले कार्रवाई थी वैसी ही करनी चाहिए थी।किसी के पेट पर लात नहीं मारना चाहिए। गवर्नमेंट जो कर रही है उसका हम विरोध करते हैं।




Conclusion:रेल प्रशासन ने जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की है उन पर कार्रवाई करने का तर्क दिया है कि जनहित और अधिकारियों की कार्यक्षमता के मद्देनजर इस तरह का निर्णय लिया गया है।

इन अफसरों पर हुई कार्रवाई

आईआरएएस अशोक कुमार, आईआरपीएस जी. शेट्टी, आईआरटीएस एनके सिंह, आरपी मीणा, पीसी ड्डड्डी,आईआरएसई में बीसी मीणा, अनिल कुमार, आरके मीणा, वी. गोपाल रेड्डी, वी. वेंकटेश्वर राव, बीएस रिजवी, आईआरएसइइ में बी. समझधार, एसके झीना, के. मुखर्जी आई आईआरएसएस विजय सिंह मीणा, आर.मीणा, एलेक्स टोपो, आरसीएफ से राकेश कुमार, आई आरएमएमइ के एस. मंडल, संजय पोद्दार और सीपी शर्मा शामिल हैं।
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