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लखनऊ विश्वविद्यालय के कैंपस में लगे एलयू वीसी मुर्दाबाद के नारे, जानिए क्यों नाराज हैं छात्र - उत्तर प्रदेश समाचार

लखनऊ विश्वविद्यालय के परिसर में गुरुवार को कुलपति आलोक कुमार राय के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. छात्रों ने एलयू वीसी मुर्दाबाद के नारे लगाए.

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Published : Nov 11, 2021, 10:49 PM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के परिसर में गुरुवार को कुलपति आलोक कुमार राय के खिलाफ छात्रों ने नारे लगाए. दो दिन पहले यह छात्र विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने छात्रसंघ भवन के रखरखाव और साफ सफाई के मुद्दे को लेकर गए थे. छात्रों का कहना है कि उन्होंने दो दिन का समय दिया गया था. कुलपति ने भी आश्वासन दिया था कि वह व्यवस्थाओं को दुरुस्त करा लेंगे. बावजूद इसके कुछ नहीं किया गया.

इससे नाराज छात्र गुरुवार दोपहर को धरने पर बैठ गए. छात्रों का कहना है कि जब तक छात्रसंघ की सफाई नहीं हो जाती संघर्ष जारी रहेगा. इस मौके पर मुख्य रूप से आर्यन मिश्रा, देव सिंह, कार्तिक पांडेय, आशुतोष मिश्रा, प्रतीक बाजपेयी, आशीष चतुर्वेदी एवं अन्य मौजूद रहे.


छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में दाखिला लेने हर वाले हर छात्र से हर साल छात्र संघ का शुल्क लिया जाता है. यह शुल्क करीब चार से पांच रुपये तक है. हर साल करीब 15 से 18 हजार छात्र-छात्राएं दाखिले ले रहे हैं. छात्रों का कहना है कि कई वर्षों से छात्रसंघ चुनाव नहीं हुआ है. रुपये होने के बावजूद छात्रसंघ भवन का रख-रखाव नहीं किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर में बोले अखिलेश- उत्तराखंड से पलायन करके आए बाबा ने यूपी को बर्बाद कर दिया


लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र संघ चुनाव नहीं कराना चाहता है. वर्ष 2012 से छात्र हेमंत सिंह की याचिका का हवाला देकर अभी तक छात्रसंघ चुनावों को टाला जाता था. आरोप तो यह भी हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र संघ के नाम पर लिए जाने वाले शुल्क का इस्तेमाल अन्य कार्यों में कर रहा है.

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लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के परिसर में गुरुवार को कुलपति आलोक कुमार राय के खिलाफ छात्रों ने नारे लगाए. दो दिन पहले यह छात्र विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने छात्रसंघ भवन के रखरखाव और साफ सफाई के मुद्दे को लेकर गए थे. छात्रों का कहना है कि उन्होंने दो दिन का समय दिया गया था. कुलपति ने भी आश्वासन दिया था कि वह व्यवस्थाओं को दुरुस्त करा लेंगे. बावजूद इसके कुछ नहीं किया गया.

इससे नाराज छात्र गुरुवार दोपहर को धरने पर बैठ गए. छात्रों का कहना है कि जब तक छात्रसंघ की सफाई नहीं हो जाती संघर्ष जारी रहेगा. इस मौके पर मुख्य रूप से आर्यन मिश्रा, देव सिंह, कार्तिक पांडेय, आशुतोष मिश्रा, प्रतीक बाजपेयी, आशीष चतुर्वेदी एवं अन्य मौजूद रहे.


छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में दाखिला लेने हर वाले हर छात्र से हर साल छात्र संघ का शुल्क लिया जाता है. यह शुल्क करीब चार से पांच रुपये तक है. हर साल करीब 15 से 18 हजार छात्र-छात्राएं दाखिले ले रहे हैं. छात्रों का कहना है कि कई वर्षों से छात्रसंघ चुनाव नहीं हुआ है. रुपये होने के बावजूद छात्रसंघ भवन का रख-रखाव नहीं किया जा रहा है.

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लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र संघ चुनाव नहीं कराना चाहता है. वर्ष 2012 से छात्र हेमंत सिंह की याचिका का हवाला देकर अभी तक छात्रसंघ चुनावों को टाला जाता था. आरोप तो यह भी हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र संघ के नाम पर लिए जाने वाले शुल्क का इस्तेमाल अन्य कार्यों में कर रहा है.

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