ETV Bharat / city

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले योगी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, नौकरियों में ओबीसी कोटा पूरा करने की बड़ी तैयारी

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024) से पहले उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अति पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक चलने जा रही है. शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों की मानें तो सभी विभागों में पिछड़े वर्ग के लोगों की नौकरियों का कोटा व्यवस्थित करने के साथ-साथ पूरा किये जाने पर विचार विमर्श हो रहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Sep 1, 2022, 4:10 PM IST

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024) से पहले उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अति पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक चलने जा रही है. शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों की मानें तो सभी विभागों में पिछड़े वर्ग के लोगों की नौकरियों का कोटा व्यवस्थित करने के साथ-साथ पूरा किये जाने पर विचार विमर्श हो रहा है. इसको लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के सभी 84 विभागों में पिछड़ी जातियों की नौकरियों का प्रतिनिधित्व का आकलन कराया जा रहा है. शासन को आने वाली रिपोर्ट के बाद इस दिशा में सभी विभागों में अति पिछड़े वर्ग को मिलने वाली नौकरियों में उनका कोटा व्यवस्थित कराने की बड़ी पहल सरकार के स्तर पर की जा रही है.


राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह 2024 के चुनाव के लिए बीजेपी का एक बड़ा दांव है. अति पिछड़ी जातियों को पार्टी के साथ और अधिक मजबूती से जोड़ने के लिए योगी सरकार का यह प्रयास बड़ा कारगर साबित हो सकता है. बीजेपी नेतृत्व की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े वोट बैंक ओबीसी पर पूरा फोकस किया जाए. इसको लेकर हर स्तर पर काम भी किया जा रहा है. एक तरफ जहां बीजेपी संगठन ने ओबीसी समाज से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चौधरी भूपेंद्र सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी है. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी ओबीसी समाज को पूरा प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की जा रही है. मंत्रिमंडल में भी डिप्टी सीएम सहित अन्य विभागों के मंत्री भी पिछड़ी जाति से हैं. अब जब 2024 लोकसभा की चुनाव की तैयारियों को हर स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है तो वहीं सरकार के स्तर पर भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है. बीजेपी नेतृत्व के निर्देश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी विभागों में ओबीसी जातियों का नौकरियों में प्रतिनिधित्व का आकलन करने का बड़ा फैसला किया है और प्रदेश के सभी 84 विभागों से पूरी ओबीसी समाज के प्रतिनिधित्व की रिपोर्ट मांगी गई है. इसके साथ ही विभागों में कितने पद ओबीसी समाज के लोगों को नौकरी देने के लिए रिक्त हैं, उसके सापेक्ष कितनी नौकरी दी गई हैं, ऐसी तमाम जानकारी मांगी गई है. जिससे लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही इस पूरे काम को अंजाम दिया जा सके और ओबीसी कोटे की सभी भर्तियां पूरी की जा सके. जिससे बीजेपी के चुनाव में बड़ा सियासी लाभ मिल सकेगा.

जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक राजबहादुर सिंह


शासन के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि इस आकलन से यह पता लगाया जा सके कि सभी विभागों में प्रदेश की पिछड़ी जातियों की 79 उप जातियों में से किस जाति का कितना प्रतिनिधित्व है और कितने कर्मचारी हैं. रिपोर्ट आने के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग की तरफ से भेजे गए निर्देश के मुताबिक, अगले कुछ समय में सभी विभागों में समूह 'क' से लेकर समूह 'घ' तक के कुल पदों पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा मांगा गया है. इसके अलावा सभी विभाग के सभी पदों का विवरण संवर्ग बार भी देने की बात कही गई है. इसके बाद स्वीकृत पद, भरे गए पद, पिछड़ी जातियों के लिए तय पद, पिछड़ी जातियों से भरे गए पद, सामान्य श्रेणी में चयनित ओबीसी की संख्या, कुल भरे गए, पदों के मुकाबले ओबीसी का फीसद आदि की पूरी जानकारी विभागों से मांगी गई है. विभागों में नियुक्ति के समय आरक्षण का कोटा पूरा हुआ है या नहीं यह भी जानकारी प्रमुख रूप से मांगी गई है.


इसके अलावा खासतौर पर समूह 'क' से लेकर समूह 'घ' के पदों में पिछड़ी जातियों की उप जातियों की भी प्रमुखता से स्थिति बताने को कहा गया है. पिछड़े वर्ग की 79 उप जातियों को विभागों में नियुक्ति में आरक्षण मिला है या नहीं, इसका भी ब्यौरा मांगा गया है. इसके अंतर्गत जनवरी 2010 से लेकर मार्च 2020 तक विभिन्न विभागों में की गई कुल नियुक्तियों में चयनित अभ्यर्थियों का जातिवार विवरण सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव व विभागाध्यक्षों से मांगा है.



राजनीतिक विश्लेषक राज बहादुर सिंह कहते हैं कि ऐसा होना स्वाभाविक है. लोकसभा चुनाव हो रहा है. बीजेपी का फोकस अपने कोर ओबीसी वोट बैंक पर है. हाल ही में बीजेपी ने ओबीसी वर्ग से ही अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. उनका फोकस इसी पर रहेगा वह चाहते हैं कि इसके पहले विपक्ष कोई आरोप प्रत्यारोप लगाए उसे पहले ही अपना पूरा काम कर लेना चाहते हैं. जहां जो कमियां हों उनको पूरा कर लें, जिन विभागों में ओबीसी की रिक्तियां हैं, उसे भर लिया जाए. अपने इस वोट बैंक को मजबूत करके भाजपा 2024 का रास्ता सुगम करने पर ध्यान दे रही है. बीजेपी को निश्चित रूप से इससे बड़ा फायदा मिलेगा. बीजेपी का गैर यादव, ओबीसी वोट बैंक पर पूरा दारोमदार टिका हुआ है. उसमें दलित और स्वर्ण एडिशनल के रूप में जोड़ पा रही है.

यह भी पढ़ें : मनीष गुप्ता मर्डर केस: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई आज

बैकवर्ड का हिस्सा ही सबसे बड़ा हिस्सा वोट बैंक है और वह उस जातीय समीकरण को बेहतर करना चाहती है. इसलिए सरकारी विभागों की तरफ ध्यान दिया है, उसे भरकर उसका पूरा राजनीतिक लाभ लिया जा सके. चुनाव से पहले बीजेपी संदेश देगी कि विभागों में पिछड़े वर्ग की रिक्तियां भरने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है. इसे स्वाभाविक रूप से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा सियासी लाभ मिलेगा.

यह भी पढ़ें : जितेंद्र नारायण त्यागी ने बताया जान को खतरा, वीडियो किया जारी

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024) से पहले उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अति पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक चलने जा रही है. शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों की मानें तो सभी विभागों में पिछड़े वर्ग के लोगों की नौकरियों का कोटा व्यवस्थित करने के साथ-साथ पूरा किये जाने पर विचार विमर्श हो रहा है. इसको लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के सभी 84 विभागों में पिछड़ी जातियों की नौकरियों का प्रतिनिधित्व का आकलन कराया जा रहा है. शासन को आने वाली रिपोर्ट के बाद इस दिशा में सभी विभागों में अति पिछड़े वर्ग को मिलने वाली नौकरियों में उनका कोटा व्यवस्थित कराने की बड़ी पहल सरकार के स्तर पर की जा रही है.


राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह 2024 के चुनाव के लिए बीजेपी का एक बड़ा दांव है. अति पिछड़ी जातियों को पार्टी के साथ और अधिक मजबूती से जोड़ने के लिए योगी सरकार का यह प्रयास बड़ा कारगर साबित हो सकता है. बीजेपी नेतृत्व की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े वोट बैंक ओबीसी पर पूरा फोकस किया जाए. इसको लेकर हर स्तर पर काम भी किया जा रहा है. एक तरफ जहां बीजेपी संगठन ने ओबीसी समाज से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चौधरी भूपेंद्र सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी है. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी ओबीसी समाज को पूरा प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की जा रही है. मंत्रिमंडल में भी डिप्टी सीएम सहित अन्य विभागों के मंत्री भी पिछड़ी जाति से हैं. अब जब 2024 लोकसभा की चुनाव की तैयारियों को हर स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है तो वहीं सरकार के स्तर पर भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है. बीजेपी नेतृत्व के निर्देश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी विभागों में ओबीसी जातियों का नौकरियों में प्रतिनिधित्व का आकलन करने का बड़ा फैसला किया है और प्रदेश के सभी 84 विभागों से पूरी ओबीसी समाज के प्रतिनिधित्व की रिपोर्ट मांगी गई है. इसके साथ ही विभागों में कितने पद ओबीसी समाज के लोगों को नौकरी देने के लिए रिक्त हैं, उसके सापेक्ष कितनी नौकरी दी गई हैं, ऐसी तमाम जानकारी मांगी गई है. जिससे लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही इस पूरे काम को अंजाम दिया जा सके और ओबीसी कोटे की सभी भर्तियां पूरी की जा सके. जिससे बीजेपी के चुनाव में बड़ा सियासी लाभ मिल सकेगा.

जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक राजबहादुर सिंह


शासन के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि इस आकलन से यह पता लगाया जा सके कि सभी विभागों में प्रदेश की पिछड़ी जातियों की 79 उप जातियों में से किस जाति का कितना प्रतिनिधित्व है और कितने कर्मचारी हैं. रिपोर्ट आने के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग की तरफ से भेजे गए निर्देश के मुताबिक, अगले कुछ समय में सभी विभागों में समूह 'क' से लेकर समूह 'घ' तक के कुल पदों पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा मांगा गया है. इसके अलावा सभी विभाग के सभी पदों का विवरण संवर्ग बार भी देने की बात कही गई है. इसके बाद स्वीकृत पद, भरे गए पद, पिछड़ी जातियों के लिए तय पद, पिछड़ी जातियों से भरे गए पद, सामान्य श्रेणी में चयनित ओबीसी की संख्या, कुल भरे गए, पदों के मुकाबले ओबीसी का फीसद आदि की पूरी जानकारी विभागों से मांगी गई है. विभागों में नियुक्ति के समय आरक्षण का कोटा पूरा हुआ है या नहीं यह भी जानकारी प्रमुख रूप से मांगी गई है.


इसके अलावा खासतौर पर समूह 'क' से लेकर समूह 'घ' के पदों में पिछड़ी जातियों की उप जातियों की भी प्रमुखता से स्थिति बताने को कहा गया है. पिछड़े वर्ग की 79 उप जातियों को विभागों में नियुक्ति में आरक्षण मिला है या नहीं, इसका भी ब्यौरा मांगा गया है. इसके अंतर्गत जनवरी 2010 से लेकर मार्च 2020 तक विभिन्न विभागों में की गई कुल नियुक्तियों में चयनित अभ्यर्थियों का जातिवार विवरण सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव व विभागाध्यक्षों से मांगा है.



राजनीतिक विश्लेषक राज बहादुर सिंह कहते हैं कि ऐसा होना स्वाभाविक है. लोकसभा चुनाव हो रहा है. बीजेपी का फोकस अपने कोर ओबीसी वोट बैंक पर है. हाल ही में बीजेपी ने ओबीसी वर्ग से ही अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. उनका फोकस इसी पर रहेगा वह चाहते हैं कि इसके पहले विपक्ष कोई आरोप प्रत्यारोप लगाए उसे पहले ही अपना पूरा काम कर लेना चाहते हैं. जहां जो कमियां हों उनको पूरा कर लें, जिन विभागों में ओबीसी की रिक्तियां हैं, उसे भर लिया जाए. अपने इस वोट बैंक को मजबूत करके भाजपा 2024 का रास्ता सुगम करने पर ध्यान दे रही है. बीजेपी को निश्चित रूप से इससे बड़ा फायदा मिलेगा. बीजेपी का गैर यादव, ओबीसी वोट बैंक पर पूरा दारोमदार टिका हुआ है. उसमें दलित और स्वर्ण एडिशनल के रूप में जोड़ पा रही है.

यह भी पढ़ें : मनीष गुप्ता मर्डर केस: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई आज

बैकवर्ड का हिस्सा ही सबसे बड़ा हिस्सा वोट बैंक है और वह उस जातीय समीकरण को बेहतर करना चाहती है. इसलिए सरकारी विभागों की तरफ ध्यान दिया है, उसे भरकर उसका पूरा राजनीतिक लाभ लिया जा सके. चुनाव से पहले बीजेपी संदेश देगी कि विभागों में पिछड़े वर्ग की रिक्तियां भरने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है. इसे स्वाभाविक रूप से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा सियासी लाभ मिलेगा.

यह भी पढ़ें : जितेंद्र नारायण त्यागी ने बताया जान को खतरा, वीडियो किया जारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.