लखनऊ : आजादी के बाद से लेकर आज तक पुराने लखनऊ और फैजुल्लागंज को जोड़ने वाले गोमती नदी पर बने पीपे वाले पुल की जगह पक्का पुल नहीं बन पाया, जबकि इस दौरान दर्जनों सरकारें आईं. पीपे वाले पुल की जगह पक्का पुल बनाए जाने की मांग को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव व भारतीय उद्योग किसान व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अजय त्रिपाठी मुन्ना ने लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद से मुलाकात की.
उन्होंने बताया कि मुलाकात के दौरान पीपे वाले पुल की जगह पक्का पुल बनाए जाने का पत्र लोक निर्माण मंत्री को सौंपा है. कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद जहां प्रदेश के अधिकांश पुल बना दिए गए हैं वहीं पर राजधानी लखनऊ में आज भी यह पुल अधूरा है. पीपे वाला पुल भी लगभग क्षतिग्रस्त हो चुका है. बरसात में पीपे वाला पुल हटा दिया जाता है, जिससे क्षेत्रवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हजारों की संख्या में प्रत्येक दिन लोग इस पार से उस पार और उस पार से इस पार आते और जाते हैं. पूर्व में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक, जिला अधिकारी सहित सभी लोगों से मिलकर पत्र भी दिया जा चुका है. कई बार मौके पर ही धरना प्रदर्शन और ज्ञापन भी दिया जा चुका है. राज्य सेतु निगम ने सर्वे भी कराया है, लेकिन उसके बाद भी आज तक पीपे वाले पुल की जगह पक्का पुल बनाए जाने की शुरुआत नहीं हो पाई है.
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प्रसपा के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता अजय त्रिपाठी मुन्ना ने बताया कि लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने सारी स्थिति को समझने के बाद जल्द ही इस समस्या का निदान कराए जाने का भरोसा दिलाया है. लोक निर्माण मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में व्यापारी नेता रितेश गुप्ता, हाफिज जलील अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद ताज खान, रामशरण पाठक और अजय अवस्थी बंटी शामिल थे.
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