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यूपी में कई वर्षों से पॉलीथीन का कारोबार बंद करने का प्रयास, लखनऊ नगर निगम का अब ये है दावा

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Published : Jul 7, 2022, 10:54 PM IST

उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश में पॉलीथीन बैन कर दी गई है. इसे बनाने और इस्तेमाल करने दोनों पर रोक है. एक अनुमान के मुताबिक, सिर्फ उत्तर प्रदेश में हर महीने पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार होता है.

पॉलीथीन का कारोबार
पॉलीथीन का कारोबार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश में पॉलीथीन बैन कर दी गई है. इसे बनाने और इस्तेमाल करने दोनों पर रोक है. उत्तर प्रदेश में पॉलीथीन का धंधा बंद कराने की यह कोई नई कोशिश नहीं है. इससे पहले भी तीन सरकारें कोशिश कर चुकी हैं. मायावती, अखिलेश सरकार के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार में पॉलीथीन को पूरी तरह से बंद करने का प्रयास किया जा रहा है.

एक अनुमान के मुताबिक, सिर्फ उत्तर प्रदेश में हर महीने पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार होता है. हजारों परिवारों की रोटी इस धंधे से चल रही है. बिना एक बेहतर विकल्प के इस पर रोक लगा पाना संभव नहीं होगा.

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह



कारोबार से जुड़े लोगों को देना हाेगा विकल्प: पर्यावरणविद डॉ. सुरेश सिंह कहते हैं कि आम जनता को भी पता है कि पॉलीथीन के इस्तेमाल से पर्यावरण को नुकसान होता है. फिर भी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि उन्हें अपने पर्यावरण की चिंता नहीं है. समस्या यह है कि लोगों के पास इसका बेहतर विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में भी सोचना होगा. सिंगल यूज प्लास्टिक और उससे बने सामान का इस्तेमाल बंद करना होगा. इस कारोबार से जुड़े लोगों और परिवारों को विकल्प देना होगा.

लाखों की पॉलीथीन की गई जब्त : लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में लगातार एक जुलाई से ही पॉलीथीन को जब्त करने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. सिर्फ लखनऊ नगर निगम में ही बुधवार को 8 जोन में चले विशेष अभियान में 384 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक पकड़ी गई. करीब 3 लाख 83 हजार 100 रुपये बतौर जुर्माना इकट्ठा किया गया.

नगर निगम का यह है दावा: लखनऊ नगर निगम के नवनियुक्त नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि उनकी ओर से शासन के आदेश पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जल्द ही इसके प्रयोग में कमी देखी जायेगी.

नगर आयुक्त ने बताया कि अभियान चलाकर प्रतिबंधित प्लास्टिक को जब्त करने व जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है. इस प्रकार की कार्रवाई के साथ-साथ नगर निगम लखनऊ द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, कार्यशालाओं के माध्यम से नागरिकों को जागरूक भी किया जा रहा है.

गोमती नगर में वार रूम व कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है. जिसका नंबर 9151055671 है. इस नंबर पर कोई भी नागरिक प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन एवं प्रयोग की जानकारी नोट करा सकते हैं. दर्ज करायी गयी शिकायतों का समुचित ब्यौरा रखते हुए उस पर कार्रवाई की जायेगी.

ये भी पढ़ें : लखनऊ में IAS, PCS और प्रतियोगी परीक्षाओं की Free कोचिंग, ऐसे कर सकते ज्वाइन

इन सामानों का न करें इस्तेमाल: केंद्र सरकार की तरफ से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इसके चलते उनसे बनने वाला ये सामान भी नहीं मिलेगा. इसमें प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले), प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, थर्माकोल (पॉलीस्टाइरीन), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, इनविटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट, पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश में पॉलीथीन बैन कर दी गई है. इसे बनाने और इस्तेमाल करने दोनों पर रोक है. उत्तर प्रदेश में पॉलीथीन का धंधा बंद कराने की यह कोई नई कोशिश नहीं है. इससे पहले भी तीन सरकारें कोशिश कर चुकी हैं. मायावती, अखिलेश सरकार के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार में पॉलीथीन को पूरी तरह से बंद करने का प्रयास किया जा रहा है.

एक अनुमान के मुताबिक, सिर्फ उत्तर प्रदेश में हर महीने पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार होता है. हजारों परिवारों की रोटी इस धंधे से चल रही है. बिना एक बेहतर विकल्प के इस पर रोक लगा पाना संभव नहीं होगा.

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह



कारोबार से जुड़े लोगों को देना हाेगा विकल्प: पर्यावरणविद डॉ. सुरेश सिंह कहते हैं कि आम जनता को भी पता है कि पॉलीथीन के इस्तेमाल से पर्यावरण को नुकसान होता है. फिर भी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि उन्हें अपने पर्यावरण की चिंता नहीं है. समस्या यह है कि लोगों के पास इसका बेहतर विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में भी सोचना होगा. सिंगल यूज प्लास्टिक और उससे बने सामान का इस्तेमाल बंद करना होगा. इस कारोबार से जुड़े लोगों और परिवारों को विकल्प देना होगा.

लाखों की पॉलीथीन की गई जब्त : लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में लगातार एक जुलाई से ही पॉलीथीन को जब्त करने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है. सिर्फ लखनऊ नगर निगम में ही बुधवार को 8 जोन में चले विशेष अभियान में 384 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक पकड़ी गई. करीब 3 लाख 83 हजार 100 रुपये बतौर जुर्माना इकट्ठा किया गया.

नगर निगम का यह है दावा: लखनऊ नगर निगम के नवनियुक्त नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि उनकी ओर से शासन के आदेश पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जल्द ही इसके प्रयोग में कमी देखी जायेगी.

नगर आयुक्त ने बताया कि अभियान चलाकर प्रतिबंधित प्लास्टिक को जब्त करने व जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है. इस प्रकार की कार्रवाई के साथ-साथ नगर निगम लखनऊ द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, कार्यशालाओं के माध्यम से नागरिकों को जागरूक भी किया जा रहा है.

गोमती नगर में वार रूम व कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है. जिसका नंबर 9151055671 है. इस नंबर पर कोई भी नागरिक प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन एवं प्रयोग की जानकारी नोट करा सकते हैं. दर्ज करायी गयी शिकायतों का समुचित ब्यौरा रखते हुए उस पर कार्रवाई की जायेगी.

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इन सामानों का न करें इस्तेमाल: केंद्र सरकार की तरफ से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इसके चलते उनसे बनने वाला ये सामान भी नहीं मिलेगा. इसमें प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले), प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, थर्माकोल (पॉलीस्टाइरीन), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, इनविटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट, पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं.

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