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राजधानी में लगाई गई फार्मासिस्टों की ड्यूटी, अस्पतालों में कैसे होगा दवा वितरण? - अभिलेखों की जांच

सीएचसी व पीएचसी के फार्मासिस्ट 8 से 18 जून तक लखनऊ में रहेंगे. स्वास्थ्य कार्यकर्ता के अभिलेखों की जांच करने के लिये सभी की ड्यूटी लगाई गई है. ऐसे में अस्पतालों में दवा वितरण का कार्य प्रभावित होगा.

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Published : Jun 7, 2022, 8:22 PM IST

लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग के एक आदेश ने अस्पतालों में बेचैनी बढ़ा दी है. लखनऊ मंडल के सभी जनपदों के फार्मासिस्ट राजधानी में प्रपत्रों की जांच कराएंगे. ऐसे में सीएचसी-पीएचसी पर दवा वितरण का कार्य प्रभावित रहेगा.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट 8 से 18 जून तक लगातार 11 दिन चिकित्सालय से लखनऊ आएंगे. यहां स्वास्थ्य कार्यकर्ता के अभिलेखों की जांच करेंगे. फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव के मुताबिक चिकित्सालयों में दवा वितरण का कार्य कैसे होगा. इसका कोई जिक्र निदेशक द्वारा नहीं किया गया है. फार्मेसी एक्ट के मुताबिक, केवल फार्मासिस्ट ही औषधि वितरण कर सकते हैं. उनकी अनुपस्थिति में कोई भी गैर फार्मासिस्ट औषधियों का वितरण नहीं कर सकता. फार्मासिस्ट एक टेक्निकल पोस्ट है, उन्हें मिनिस्ट्रियल कार्यों में लगाना कहां तक उचित है. निदेशक के आदेश के अनुसार 17,713 अभ्यर्थियों के सत्यापन 8 जून से 18 जून तक चलेंगे. 7 तारीख को 2:30 बजे सभी फार्मासिस्ट लखनऊ आ जाएंगे.

इन फार्मासिस्टों की लगी ड्यूटी: लखनऊ के 56 फार्मासिस्ट जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं. हरदोई के 87, रायबरेली के 84 और सीतापुर के 40 फार्मासिस्ट लखनऊ में आकर प्रपत्रों की जांच करेंगे. लखनऊ में ही लगभग 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी फार्मासिस्ट ड्यूटी पर हैं. ऐसे में दवाओं का वितरण प्रभावित होगा.

ये भी पढ़ें : यूपी के राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप कोरोना पॉजिटिव, संपर्क में आये लोगों का भेजा सैम्पल

फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने कहा कि बिना फार्मासिस्ट के औषधि वितरण कराया जाना एक्ट के विपरीत है. लगातार 11 दिनों तक औषधि वितरण का प्रभावित होना गलत होगा. वहीं फार्मासिस्ट के रहने खाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न जनपदों के फार्मासिस्ट लखनऊ आएंगे तो उनके रहने व खाने आदि की व्यवस्था का जिक्र इस आदेश में किया जाना चाहिए था.

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लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग के एक आदेश ने अस्पतालों में बेचैनी बढ़ा दी है. लखनऊ मंडल के सभी जनपदों के फार्मासिस्ट राजधानी में प्रपत्रों की जांच कराएंगे. ऐसे में सीएचसी-पीएचसी पर दवा वितरण का कार्य प्रभावित रहेगा.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट 8 से 18 जून तक लगातार 11 दिन चिकित्सालय से लखनऊ आएंगे. यहां स्वास्थ्य कार्यकर्ता के अभिलेखों की जांच करेंगे. फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव के मुताबिक चिकित्सालयों में दवा वितरण का कार्य कैसे होगा. इसका कोई जिक्र निदेशक द्वारा नहीं किया गया है. फार्मेसी एक्ट के मुताबिक, केवल फार्मासिस्ट ही औषधि वितरण कर सकते हैं. उनकी अनुपस्थिति में कोई भी गैर फार्मासिस्ट औषधियों का वितरण नहीं कर सकता. फार्मासिस्ट एक टेक्निकल पोस्ट है, उन्हें मिनिस्ट्रियल कार्यों में लगाना कहां तक उचित है. निदेशक के आदेश के अनुसार 17,713 अभ्यर्थियों के सत्यापन 8 जून से 18 जून तक चलेंगे. 7 तारीख को 2:30 बजे सभी फार्मासिस्ट लखनऊ आ जाएंगे.

इन फार्मासिस्टों की लगी ड्यूटी: लखनऊ के 56 फार्मासिस्ट जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं. हरदोई के 87, रायबरेली के 84 और सीतापुर के 40 फार्मासिस्ट लखनऊ में आकर प्रपत्रों की जांच करेंगे. लखनऊ में ही लगभग 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी फार्मासिस्ट ड्यूटी पर हैं. ऐसे में दवाओं का वितरण प्रभावित होगा.

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फार्मासिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने कहा कि बिना फार्मासिस्ट के औषधि वितरण कराया जाना एक्ट के विपरीत है. लगातार 11 दिनों तक औषधि वितरण का प्रभावित होना गलत होगा. वहीं फार्मासिस्ट के रहने खाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न जनपदों के फार्मासिस्ट लखनऊ आएंगे तो उनके रहने व खाने आदि की व्यवस्था का जिक्र इस आदेश में किया जाना चाहिए था.

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