लखनऊ : आलमबाग बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन पर 26 अप्रैल को लिफ्ट का प्रयोग करते समय छेड़छाड़ की एक घटना की सूचना मिली थी. लखनऊ मेट्रो के ऑपरेशन और सिक्योरिटी विभाग ने घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से सहायता प्रदान की. लखनऊ मेट्रो का गो-स्मार्ट कार्ड आरोपी को बेहद कम समय में पकड़ने में महत्वपूर्ण साबित हुआ.
गो-स्मार्ट कार्ड की मदद से आरोपी का फोन नंबर निकाल कर पुलिस को दे दिया गया जिससे पुलिस ने सर्विलांस के जरिए आरोपी को 28 अप्रैल की रात को 48 घंटे के भीतर ही पकड़ लिया. यूपीएमआरसी की सुरक्षा टीम के समर्पित दृष्टिकोण और मेट्रो स्टेशन पर लगे आधुनिक सुरक्षा उपकरणों की वजह से आरोपी को बहुत ही जल्द पकड़ लिया गया.
लखनऊ मेट्रो बेहद सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन है क्योंकि प्रत्येक स्टेशन के प्रवेश पर यात्रियों की स्कैनिंग होती है. इसके अलावा हर स्टेशन पर लगे 60-70 सीसीटीवी कैमरे और ट्रेनों में मौजूद 26 सीसीटीवी कैमरों की मदद से सेंट्रलाइजड नियंत्रण कक्ष में सुरक्षा कर्मियों द्वारा निगरानी होती है. लखनऊ में मेट्रो का परिचालन सेवाएं शुरू होने के बाद पिछले 4.5 वर्षों में इस तरह का यह दूसरा मामला सामने आया है.
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इससे पहले भी आरोपी को सीसीटीवी फुटेज की मदद से पकड़ा गया था. यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को मेट्रो परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. साथ ही उसके गो-स्मार्ट को भी ब्लॉक करवा दिया है. आरोपी भविष्य में भी मेट्रो का सफर न कर सके. इसके लिए लखनऊ के सभी 21 मेट्रो स्टेशनों के सुरक्षा कर्मियों को पहचान के लिए दे दी गई है.
कुमार केशव ने सुरक्षा और मेट्रो परिचालन टीम की आरोपी की पहचान कर त्वरित कार्रवाई करने के लिए सराहना की. साथ ही स्थानीय पुलिस की आरोपी को पकड़ने में मदद करने के लिए प्रशंसा भी की. उन्होंने यूपीएमआरसी के सुरक्षा विभाग को यात्री सुरक्षा खासकर महिलाओं के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा यात्रियों को मेट्रो स्टेशनों और ट्रेनों में सुरक्षा सुविधाओं और सुरक्षा प्रावधानों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान भी शुरू किया जा रहा है.
लखनऊ मेट्रो इन सुरक्षा सुविधाओं से लैस है
• प्रति स्टेशन 60-70 सीसीटीवी कैमरे
• निरंतर ट्रेन के अंदर निगरानी के लिए 26 सीसीटीवी कैमरे
• उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा संचालित केंद्रीकृत सुरक्षा कक्ष में कैमरों से 24 घंटे स्टेशन परिसर की निगरानी
• यात्री और ट्रेन संचालक के बीच मेट्रो ट्रेन के गेट के पास लगे यात्री आपात अलार्म से सीधा हॉटलाइन संचार
• अलार्म दबाने वाले यात्री का लाइव सीसीटीवी फुटेज स्वचालित रूप से ट्रेन ऑपरेटर और सुरक्षा नियंत्रण कक्ष में प्रसारित होता है
• प्रत्येक कोच में किसी भी आपात स्थिति में सीधे ट्रेन ऑपरेटर के साथ संवाद करने के लिए दो यात्री अलार्म उपलब्ध
• सभी लिफ्ट के अंदर हॉटलाइन कॉल फीचर से यात्री आपातकालीन स्थिति में स्टेशन नियंत्रक के साथ सीधे जुड़ सकता है
• यात्रियों की सुरक्षा के लिए कॉनकोर्स से प्लैटफॉर्म तक लिफ्ट में पारदर्शी शीशे का इस्तेमाल
• सभी 21 मेट्रो स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरे मेट्रो परिसर के बाहरी क्षेत्र की लगातार निगरानी करते हैं
• सभी स्टेशनों पर महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती
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