लखनऊ: संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सोमवार से ओपीडी पुनः प्रारंभ होगी. इस बार वही मरीज देखे जाएंगे, जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होगी. इसके साथ ही यहां सीमित मरीजों के देखने की बाध्यता खत्म होगी. मरीजों को कोरोना की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आनी होगी.
विभागाध्यक्षों की बैठक में लिया गया निर्णय
शानिवार को एसजीपीजीआई निदेशक व सभी विभागाध्यक्ष की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. मरीज के साथ एक तीमारदार को भी कोरोना जांच करानी होगी. कोरोना जांच के बाद ही मरीज की जांच व ऑपरेशन के लिए भर्ती किये जायेंगे. अप्रैल में कोरोना के मामले बढ़ने पर संस्थान प्रशासन ने ओपीडी बंद कर दी थी. करीब दो माह ओपीडी बंद रही. जून में कोरोना मरीज कम होने पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों की ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद पीजीआई ने सीमित मरीजों के साथ ओपीडी शुरू की थी, जिसमें 20 नए और 40 पुराने मरीज देखे जा रहे थे.
मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में ओपीडी शुरू होने से उन मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी, जो किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं और उन्हें सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज की जरूरत है. हालांकि लोहिया संस्थान में पहले ही ओपीडी प्रारंभ हो चुकी है, लेकिन अति गंभीर मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ा था. ओपीडी प्रारंभ होने से उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा, जो ऑपरेशन आदि की प्रतीक्षा में थे.
रिपोर्ट दिखाने के बाद ही मिलेगा प्रवेश
पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन बताते हैं कि गम्भीर मरीजों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए पूर्व की तरह सोमवार से ओपीडी शुरू की जा रही है. कोरोना की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी. रिपोर्ट दिखाने के बाद ही मरीज व उसके साथ एक तीमारदार को ओपीडी में प्रवेश मिलेगा.
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