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लखनऊ: ओडीओपी योजना से उड़ान भर रहा उत्तर प्रदेश, सवा लाख करोड़ तक पहुंचा एक्सपोर्ट

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Published : Jan 22, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 5:44 PM IST

प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना 'एक जनपद एक उत्पाद' कारगर साबित हो रही है. उत्तर प्रदेश की ओडीओपी योजना के तहत आने वाले उत्पादों की मांग प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों में भी बढ़ी है.

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निर्यात भवन

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना ODOP के जरिए उत्तर प्रदेश व्यापार जगत में तेजी से उड़ान भर रहा है. ODOP के उत्पादों के जरिए प्रदेश के लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ ही राज्य के विकास को पंख लग रहे हैं. इस योजना के जरिए यूपी ने निर्यात के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. ODOP योजना के तहत जिन उत्पादों को बड़ा बाजार दिया जा रहा है, उनकी डिमांड प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भी बढ़ी है.

साल 2016-17 में यूपी ने 84 हजार 282 करोड़ रुपये का निर्यात किया था. पिछले वित्तीय वर्ष में एक लाख 14 हजार 56 करोड़ का निर्यात हुआ, जो कि 28.20 फीसद बढ़ोत्तरी के रूप में दर्ज हुआ. वहीं चालू वित्तीय वर्ष की बात करें तो गत नवम्बर तक 8.73 फीसद की दर से करीब 80 हजार करोड़ का निर्यात हो चुका है. सरकार का दावा है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम आंकड़े तक पिछला रिकार्ड टूटेगा.

ओडीओपी योजना से उड़ान भर रहा उत्तर प्रदेश.

निर्यात के मामले में पांचवें पायदान पर उत्तर प्रदेश
देश के शीर्ष के 10 राज्यों में उत्तर प्रदेश ने निर्यात करने के मामले में पांचवा स्थान अर्जित किया है. निर्यात के मामले में वर्ष 2018-19 में महाराष्ट्र को पहला स्थान मिला था. महाराष्ट्र ने पांच लाख 90 हजार करोड़ का निर्यता किया. गुजरात ने चार लाख 47 हजार करोड़ रुपये का निर्यात करके दूसरे पायदान पर रहा. तमिलनाडु तीसरे स्थान पर, कर्नाटका चौथे स्थान पर और उत्तर प्रदेश एक लाख 14 हजार 56 करोड़ का निर्यात करके पांचवें पायदान पर काबिज हुआ. निर्यात करने में देश की राजधानी दिल्ली 10 में सबसे निचले पायदान पर रही.

ओडीओपी जीडीपी बढ़ाने में कर रही मदद
एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत उत्तर प्रदेश के हर जिले से कम से कम एक उत्पाद का चयन किया गया. उसके रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रणनीति बनाकर काम किया. अब यही उत्पाद उन किसानों, व्यापारियों को लाभ दिलाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की जीडीपी बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. यूपी ओडीओपी के माध्यम से रोजगार के क्षेत्र में उड़ान भर रहा है.

सीएम योगी की पसंदीदा योजना ओडीओपी
सीएम योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना में से एक ओडीओपी की धूम अब दिल्ली के साथ रेस कोर्स से लेकर रूस के ब्लाडीबोष्टक तक पहुंच गई है. 25 दिसंबर को यहां लोक भवन आने पर सीएम योगी ने पीएम मोदी को स्मृति चिह्न दिया. वह मुरादाबाद का ओडीओपी का उत्पाद ही था. सीएम इस योजना और इसके लाभ का जिक्र भी करते रहते हैं. सीएम निवेश की संभावना तलाशने एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ रूस के ब्लाडीबोष्टक गए थे. तब भी वहां के डेलिगेट्स को देने के लिए यहां के चुनिंदा जिलों के ओडीओपी उत्पादों को लेकर ही गए थे.

एक जनपद एक उत्पाद सीएम योगी की महत्वाकांक्षी योजना है. सरकार की नीतियों के तहत इन उत्पादों को बेचने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है. उनके उत्पादों को बंदरगाहों तक पहुंचाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. हम लोगों ने एक्सपोर्ट की इकॉमर्स साइट से उत्पादकों के एग्रीमेंट कराए हैं. मुख्यतः जितने निर्यात उत्तर प्रदेश से हो रहे हैं. उसमें से 80 प्रतिशत निर्यात ओडीओपी उत्पादों के हो रहे हैं.
-नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव, एमएसएमई

उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है, तब से प्रदेश के छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिला है. इसका असर यह है कि उत्तर प्रदेश का निर्यात बढ़ा है. मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में उत्तर प्रदेश रोजगार के मामले में शिखर पर होगा.
-मनीष शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना ODOP के जरिए उत्तर प्रदेश व्यापार जगत में तेजी से उड़ान भर रहा है. ODOP के उत्पादों के जरिए प्रदेश के लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ ही राज्य के विकास को पंख लग रहे हैं. इस योजना के जरिए यूपी ने निर्यात के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. ODOP योजना के तहत जिन उत्पादों को बड़ा बाजार दिया जा रहा है, उनकी डिमांड प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भी बढ़ी है.

साल 2016-17 में यूपी ने 84 हजार 282 करोड़ रुपये का निर्यात किया था. पिछले वित्तीय वर्ष में एक लाख 14 हजार 56 करोड़ का निर्यात हुआ, जो कि 28.20 फीसद बढ़ोत्तरी के रूप में दर्ज हुआ. वहीं चालू वित्तीय वर्ष की बात करें तो गत नवम्बर तक 8.73 फीसद की दर से करीब 80 हजार करोड़ का निर्यात हो चुका है. सरकार का दावा है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम आंकड़े तक पिछला रिकार्ड टूटेगा.

ओडीओपी योजना से उड़ान भर रहा उत्तर प्रदेश.

निर्यात के मामले में पांचवें पायदान पर उत्तर प्रदेश
देश के शीर्ष के 10 राज्यों में उत्तर प्रदेश ने निर्यात करने के मामले में पांचवा स्थान अर्जित किया है. निर्यात के मामले में वर्ष 2018-19 में महाराष्ट्र को पहला स्थान मिला था. महाराष्ट्र ने पांच लाख 90 हजार करोड़ का निर्यता किया. गुजरात ने चार लाख 47 हजार करोड़ रुपये का निर्यात करके दूसरे पायदान पर रहा. तमिलनाडु तीसरे स्थान पर, कर्नाटका चौथे स्थान पर और उत्तर प्रदेश एक लाख 14 हजार 56 करोड़ का निर्यात करके पांचवें पायदान पर काबिज हुआ. निर्यात करने में देश की राजधानी दिल्ली 10 में सबसे निचले पायदान पर रही.

ओडीओपी जीडीपी बढ़ाने में कर रही मदद
एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत उत्तर प्रदेश के हर जिले से कम से कम एक उत्पाद का चयन किया गया. उसके रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रणनीति बनाकर काम किया. अब यही उत्पाद उन किसानों, व्यापारियों को लाभ दिलाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की जीडीपी बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. यूपी ओडीओपी के माध्यम से रोजगार के क्षेत्र में उड़ान भर रहा है.

सीएम योगी की पसंदीदा योजना ओडीओपी
सीएम योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना में से एक ओडीओपी की धूम अब दिल्ली के साथ रेस कोर्स से लेकर रूस के ब्लाडीबोष्टक तक पहुंच गई है. 25 दिसंबर को यहां लोक भवन आने पर सीएम योगी ने पीएम मोदी को स्मृति चिह्न दिया. वह मुरादाबाद का ओडीओपी का उत्पाद ही था. सीएम इस योजना और इसके लाभ का जिक्र भी करते रहते हैं. सीएम निवेश की संभावना तलाशने एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ रूस के ब्लाडीबोष्टक गए थे. तब भी वहां के डेलिगेट्स को देने के लिए यहां के चुनिंदा जिलों के ओडीओपी उत्पादों को लेकर ही गए थे.

एक जनपद एक उत्पाद सीएम योगी की महत्वाकांक्षी योजना है. सरकार की नीतियों के तहत इन उत्पादों को बेचने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है. उनके उत्पादों को बंदरगाहों तक पहुंचाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. हम लोगों ने एक्सपोर्ट की इकॉमर्स साइट से उत्पादकों के एग्रीमेंट कराए हैं. मुख्यतः जितने निर्यात उत्तर प्रदेश से हो रहे हैं. उसमें से 80 प्रतिशत निर्यात ओडीओपी उत्पादों के हो रहे हैं.
-नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव, एमएसएमई

उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है, तब से प्रदेश के छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिला है. इसका असर यह है कि उत्तर प्रदेश का निर्यात बढ़ा है. मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में उत्तर प्रदेश रोजगार के मामले में शिखर पर होगा.
-मनीष शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

Intro:लखनऊ: ओडीओपी से यूपी भर रहा उड़ान, सवा लाख करोड़ तक पहुंचा एक्सपोर्ट

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी के जरिए उत्तर प्रदेश व्यापार जगत में तेजी से उड़ान भर रहा है। ओडीओपी के प्रोडक्ट्स धूम मचा रहे हैं। इन उत्पादों के जरिए प्रदेश के लोगों के लिए रोजगार सृजन के साथ ही राज्य के विकास को पंख लग रहे हैं। इस योजना के जरिये यूपी ने निर्यात के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। ओडीओपी योजना के तहत जिन उत्पादों को बड़ा बाजार दिया जा रहा है, उनकी डिमांड प्रदेश में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी बढ़ी है।


Body:साल 2016-17 में यूपी ने 84 हजार 282 करोड़ रुपये का निर्यात किया था। पिछले वित्तीय वर्ष में एक लाख 14 हजार 56 करोड़ का निर्यात हुआ। जोकि 28.20 फीसद बढ़ोत्तरी के रूप में दर्ज हुआ। वहीं चालू वित्तीय वर्ष की बात करें तो गत नवम्बर माह तक 8.73 फीसद की दर से करीब 80 हजार करोड़ का निर्यात हो चुका है। सरकार का दावा है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम आंकड़े तक पिछला रिकार्ड टूटेगा।

देश के शीर्ष के 10 राज्यों में उत्तर प्रदेश ने निर्यात करने के मामले में पांचवा स्थान अर्जित किया है। निर्यात के मामले में वर्ष 2018-19 में महाराष्ट्र को पहला स्थान मिला था। महाराष्ट्र ने पांच लाख 90 हजार करोड़ के निर्यता किया। वहीं गुजरात ने चार लाख 47 हजार करोड़ रुपये का निर्यात करके दूसरे पायदान पर रहा। तमिलनाडु तीसरे स्थान पर, कर्नाटका चौथे स्थान पर और उत्तर प्रदेश ने एक लाख 14 हजार 056 करोड़ का निर्यात करके पांचवे पायदान पर काबिज हुआ। वहीं हरियाणा छठे पायदान पर, आंध्र प्रदेश सातवें, पश्चिम बंगाल आठवीं, केरल नौवें पायदान पर। जबकि निर्यात करने में देश की राजधानी दिल्ली 10 में सबसे निचले पायदान पर रहा।

एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत उत्तर प्रदेश के हर जिले से कम से कम एक उत्पाद का चयन किया गया। उसके रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रणनीति बनाकर काम किया। अब यही उत्पाद उन किसानों, व्यापारियों को लाभ दिलाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की जीडीपी बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। सच यही है कि उत्तर प्रदेश ओडीओपी के माध्यम से रोजगार के क्षेत्र में उड़ान भर रहा है। ओडीओपी के उत्पादों के करिश्में का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसका सीधा असर निर्यात पर पड़ा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना में से एक ओडीओपी की धूम अब दिल्ली के साथ रेस कोर्स से लेकर रूस के ब्लाडीबोष्टक तक पहुंच गई है। 25 दिसंबर को यहां लोक भवन आने पर मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को स्मृति चिन्ह दिया। वह मुरादाबाद का ओडीओपी का उत्पाद ही था। मुख्यमंत्री इस योजना और इसके लाभ का जिक्र भी करते रहते हैं। मुख्यमंत्री निवेश की संभावना तलाशने एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ रूस के ब्लाडीबोष्टक गए थे। तब भी वहां के डेलिगेट्स को देने के लिए यहां के चुनिंदा जिलों के ओडीओपी उत्पादों को लेकर ही गए थे।


बाईट-एमएसएमई के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल कहते हैं कि मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी है। सरकार की नीतियों के तहत इन उत्पादों को बेचने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उनके उत्पादों को बंदरगाहों तक पहुंचाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। हम लोगों ने एक्सपोर्ट की इकॉमर्स साइट से उत्पादकों के एग्रीमेंट कराएं हैं। मुख्यतः जितने निर्यात उत्तर प्रदेश से हो रहे हैं। उसमें से 80% निर्यात ओडीओपी उत्पादों के हो रहे हैं। सरकार रॉ मटेरियल उपलब्ध कराने से लेकर मार्केटिंग करने और तकनीक प्रदान करने तक में सहयोग प्रदान कर रही है। इसका असर यह रहा कि पिछले साल 28% निर्यात में वृद्धि हुई है। इस साल कई प्रदेशों में निर्यात में गिरावट देखने को मिली है। वहीं उत्तर प्रदेश का निर्यात पिछले साल से भी आठ प्रतिशत से अधिक से बढ़ रहा है। इस साल के अंत तक उम्मीद जताई जा रही है कि हम पिछले साल से कम से कम 10 प्रतिशत अधिक निर्यात करेंगे।

बाईट-भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने यूपी के निर्यात बढ़ने पर खुशी जताई और कहा कि उत्तर प्रदेश में जबसे योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है तब से प्रदेश के छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिला है। इसका असर यह है कि उत्तर प्रदेश का निर्यात बढ़ा है। मै उम्मीद करता हूं कि भविष्य में उत्तर प्रदेश रोजगार के मामले में शिखर पर होगा।

दिलीप शुक्ला, 9450663213



Conclusion:
Last Updated : Jan 23, 2020, 5:44 PM IST
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