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यूपी के सियासी गलियारों में बोलती है इन अफसरों की तूती - सियासी

यूपी की सियासत में सरकार किसी की रही हो, अफसर सरकार के समानांतर ताकतवर बने रहे हैं . मुलायम सिंह की सरकार हो या मायावती की, अखिलेश यादव की सरकार रही हो या फिर अब मौजूदा योगी सरकार. चुनिंदा अफसर सरकारों के आंखों के तारे बने रहे हैं . इस वक्त भी कुछ ऐसे ही अफसर हैं जो योगी सरकार की आंख के तारें बने हुए हैं .

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Published : Aug 2, 2019, 8:23 AM IST

लखनऊ: सरकारें कोई भी हों, कई बार वे अपने चहेते अफसरों की गलतियों को नजरअंदाज करने से गुरेज नहीं करतीं. मुलायम सिंह की सरकार में आईएएस ऑफिसर अनिता सिंह बहुत ही ताकतवर रही है , मुलायम सरकार में अनीता सिंह की इच्छा के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता था. ऐसे ही मायावती की सरकार में फतेह बहादुर सिंह समेत कुछ अधिकारियों की खूब चलती थी.

यूपी के सियासी गलियारों में बोलती है इन अफसरोे की तूती

आईएएस अफसर नवनीत सहगल को मायावती का खास सिपहसलार माना जाता था. वहीं जब 2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनी तो नवनीत सहगल किनारे कर दिए गए. लेकिन परिणाम देने वाले अफसरों में सुमार नवनीत सहगल को अखिलेश सरकार के कार्यकाल के मध्य में ही पूरी ताकत मिल गई और वह सबसे ताकतवर अफसरों में उभर कर सामने आए .

अब बात आती है मौजूदा योगी सरकार की इस सरकार में भी कई अफसर ऐसे हैं जो सरकार के बेहद करीब माने जाते हैं, इनमें मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद पांडे हो या फिर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल. मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडे छह महीना के विस्तार पर चल रहे हैं 31 अगस्त तक उनका कार्यकाल है. संभावना जताई जा रही है कि अनूप चंद्र पांडे का कार्य विस्तार एक बार फिर किया जा सकता है , वहीं अनूप चंद्र पांडे के करीबी अफसर नवनीत सहगल की एक बार भी सक्रियता बढ़ती हुई दिखाई दे रही है .

योगी सरकार में आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी हनुमान की भूमिका में .

यूपी के सियासी गलियारों में आजकल कई और चेहरे चर्चित इसलिए हैं. क्योंकि उनकी ताकत बढ़ रही है . योगी सरकार में आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी हनुमान की भूमिका निभा रहे हैं , सरकार को जब भी उनकी जरूरत पड़ी उन्हें मौका दिया गया .अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन रहते हुए उन्हें गृह विभाग का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया जिसे उन्होंने ठीक से चलाया . अब उन्हें गृह विभाग की पूरी जिम्म्मेदरी सौंप दी गयी है .

ऐसे ही आईएएस अफसर आराधना शुक्ला का भी नाम आता है. जो योगी सरकार में बराबर ताकतवर बनी हुई हैं . महत्वपूर्ण पदों पर उनकी तैनाती यह साबित करती है कि सरकार से उनके बेहतर रिश्ते कायम हैं . डीजीपी ओपी सिंह के कार्यकाल में कई बड़ी घटनाएं हुई , जिनमें सोनभद्र में भूमि के विवाद में 10 लोगों की हत्या हो या फिर उन्नाव रेप कांड इन वजहों से सरकार की खूब किरकिरी हुई , बावजूद इसके वह बिना विवाद के पद पर बने हूए हैं ,जबकि प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार को योगी सरकार ने हटा दिया.

लखनऊ: सरकारें कोई भी हों, कई बार वे अपने चहेते अफसरों की गलतियों को नजरअंदाज करने से गुरेज नहीं करतीं. मुलायम सिंह की सरकार में आईएएस ऑफिसर अनिता सिंह बहुत ही ताकतवर रही है , मुलायम सरकार में अनीता सिंह की इच्छा के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता था. ऐसे ही मायावती की सरकार में फतेह बहादुर सिंह समेत कुछ अधिकारियों की खूब चलती थी.

यूपी के सियासी गलियारों में बोलती है इन अफसरोे की तूती

आईएएस अफसर नवनीत सहगल को मायावती का खास सिपहसलार माना जाता था. वहीं जब 2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनी तो नवनीत सहगल किनारे कर दिए गए. लेकिन परिणाम देने वाले अफसरों में सुमार नवनीत सहगल को अखिलेश सरकार के कार्यकाल के मध्य में ही पूरी ताकत मिल गई और वह सबसे ताकतवर अफसरों में उभर कर सामने आए .

अब बात आती है मौजूदा योगी सरकार की इस सरकार में भी कई अफसर ऐसे हैं जो सरकार के बेहद करीब माने जाते हैं, इनमें मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद पांडे हो या फिर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल. मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडे छह महीना के विस्तार पर चल रहे हैं 31 अगस्त तक उनका कार्यकाल है. संभावना जताई जा रही है कि अनूप चंद्र पांडे का कार्य विस्तार एक बार फिर किया जा सकता है , वहीं अनूप चंद्र पांडे के करीबी अफसर नवनीत सहगल की एक बार भी सक्रियता बढ़ती हुई दिखाई दे रही है .

योगी सरकार में आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी हनुमान की भूमिका में .

यूपी के सियासी गलियारों में आजकल कई और चेहरे चर्चित इसलिए हैं. क्योंकि उनकी ताकत बढ़ रही है . योगी सरकार में आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी हनुमान की भूमिका निभा रहे हैं , सरकार को जब भी उनकी जरूरत पड़ी उन्हें मौका दिया गया .अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन रहते हुए उन्हें गृह विभाग का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया जिसे उन्होंने ठीक से चलाया . अब उन्हें गृह विभाग की पूरी जिम्म्मेदरी सौंप दी गयी है .

ऐसे ही आईएएस अफसर आराधना शुक्ला का भी नाम आता है. जो योगी सरकार में बराबर ताकतवर बनी हुई हैं . महत्वपूर्ण पदों पर उनकी तैनाती यह साबित करती है कि सरकार से उनके बेहतर रिश्ते कायम हैं . डीजीपी ओपी सिंह के कार्यकाल में कई बड़ी घटनाएं हुई , जिनमें सोनभद्र में भूमि के विवाद में 10 लोगों की हत्या हो या फिर उन्नाव रेप कांड इन वजहों से सरकार की खूब किरकिरी हुई , बावजूद इसके वह बिना विवाद के पद पर बने हूए हैं ,जबकि प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार को योगी सरकार ने हटा दिया.

Intro:लखनऊ। यूपी की सियासत में सरकार किसी की रही हो, अफसर सरकार के समानांतर ताकतवर बने रहे हैं। मुलायम सिंह की सरकार हो या मायावती की। अखिलेश यादव की सरकार रही हो या फिर अब मौजूदा योगी सरकार। चुनिंदा अफसर सरकारों के आंखों के तारे बने रहे हैं। इस वक्त भी कुछ ऐसे ही अफसर हैं जो योगी सरकार की आंख के तारा बने हुए हैं। सरकारें कोई भी हों, कई बार वे अपने चहेते अफसरों की गलतियों को नजरअंदाज करने से गुरेज नहीं करतीं।


Body:मुलायम सिंह की सरकार ने आईएएस ऑफिसर अनिता सिंह बहुत ही ताकतवर रही है। उनके बारे में कहा जाता रहा है कि मुलायम सरकार में अनीता सिंह की इच्छा के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता था। ऐसे ही मायावती की सरकार में फतेह बहादुर सिंह समेत कुछ अधिकारियों की खूब चलती थी। इनमें आईएएस अफसर नवनीत सहगल भी रहे। वहीं जब 2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनी तो नवनीत सहगल किनारे कर दिए गए। लेकिन परिणाम देने वाले अफसरों में सुमार नवनीत सहगल को अखिलेश सरकार के कार्यकाल के मध्य में ही पूरी ताकत मिल गई और वह सबसे ताकतवर अवसरों में उभर कर सामने आए।

अब बात आती है मौजूदा योगी सरकार की इस सरकार में भी कई अफसर ऐसे हैं जो सरकार के बेहद करीब माने जाते हैं। इनमें मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद पांडे हो या फिर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल। मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडे छह महीना के विस्तार पर चल रहे हैं। 31 अगस्त तक उनका कार्यकाल है। संभावना जताई जा रही है कि अनूप चंद्र पांडे का कार्य विस्तार एक बार फिर किया जा सकता है। वहीं अनूप चंद्र पांडे के करीबी अफसर नवनीत सहगल की एक बार भी सक्रियता बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।

ऐसे ही यूपी की ब्यूरोक्रेसी में आजकल कई और चेहरे चर्चित इसलिए हैं क्योंकि उनकी ताकत बढ़ रही है। योगी सरकार में आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी हनुमान की भूमिका में दिख रहे हैं। सरकार को जब भी जरूरत पड़ी उन्हें लगा दिया गया। अवस्थी अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन रहते हुए उन्हें गृह विभाग का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। गृह विभाग को उन्होंने ठीक से चलाया। अब उन्हें गृह विभाग की पूरी जिम्म्मेदरी सौंप दी गयी है।

ऐसे ही आईएएस अफसर आराधना शुक्ला का भी नाम आता है। जो योगी सरकार में बराबर ताकतवर बनी हुई हैं। महत्वपूर्ण पदों पर उनकी तैनाती यह साबित करती है कि सरकार से उनके बेहतर रिश्ते कायम हैं। डीजीपी ओपी सिंह के कार्यकाल में कई बड़ी घटनाएं हुई सोनभद्र में भूमि के विवाद में 10 लोगों की हत्या हो या फिर उन्नाव रेप कांड। इन वजहों से सरकार की खूब किरकिरी हुई है। बावजूद इसके वह बिना विवाद के पद पर बने हूए हैं। जबकि प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार को योगी सरकार ने हटा दिया।


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