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बिजली के बिल में अब नहीं होगी गड़बड़ी, एमडी बोले,-घर-घर जाएंगे मीटर रीडर - electricity bills

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा ने 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

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Published : May 24, 2022, 9:59 PM IST

लखनऊ : मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा ने बिजली से संबंधित तमाम समस्याओं, अधिकारियों के फोन न उठाने, झटपट कनेक्शन के रिजेक्शन संबंधी शिकायतों के साथ ही सही बिलिंग न होने जैसे सवालों पर 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय
सवाल: जन सुनवाई शुरू हो गई, किस-किस तरह की शिकायतें आ रहीं हैं? जवाब:
अभी जो हमारे पास समस्याएं आईं हैं, उनमें कनेक्शन को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें हैं. शिकायत है कि लोगों ने पैसा जमा कर दिया है लेकिन कनेक्शन नहीं हुआ. मैंने बोला है कि सही समय पर तत्काल कनेक्शन दिए जाएं. बिल रिवीजन का भी मामला आया है. जितना भार है, उससे ज्यादा बिल आया है तो भार चेक करने के लिए निर्देश दिए हैं. उपभोक्ता की हर समस्या का भी समाधान कराया जाएगा. जो भी सप्लाई से संबंधित समस्या है, वह भी दूर की जा रही है. 1912 से मॉनिटरिंग की जा रही है. संभव पोर्टल के जरिए जो हम जनसुनवाई कर रहे हैं. इसके लिए ऊर्जा मंत्री ने निर्देश दिए हैं. इससे जनता की समस्याओं का समाधान होगा. सवाल: बिजली की समस्या के समय इंजीनियरों के फोन बंद हो जाते हैं. कल भी ऐसी शिकायत संज्ञान में आई है. क्या कोई कार्रवाई की है? जवाब: कल रात मैं 1912 कस्टमर केयर सेंटर पर गया था. जितनी भी हमारी पेंडेंसी थी, उसके लिए मैंने खुद बात की है. काफी जगह अधिकारी रिस्पॉन्स करते हुए मिले. समस्याओं का समाधान भी कर रहे थे. अकबरपुर के एक मामले में संबंधित जेई का फोन बंद मिला, उसे मैंने 1912 में ही अटैच कर दिया है. भविष्य में भी अगर इस तरह अधिकारी फोन नहीं उठाएंगे तो और भी सख्त कार्रवाई करेंगे. सवाल: बिलिंग एजेंसियों को लेकर अक्सर उन्हें अल्टीमेटम दिया जाता है लेकिन बिलिंग सही नहीं होती है. उसके लिए कोई कदम उठाया जा रहा है? जवाब: बिलिंग के संबंध में कहना है कि हर रोज इसका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है. लोगों ने बताया कि बिल समय से नहीं मिलता है या फिर मिलता ही नहीं है तो मैंने सुनिश्चित किया है कि जो भी मीटर रीडर बिलिंग करने जा रहा है, वह इसकी जानकारी अवश्य देगा. इससे यह पता चलेगा कि वह मौके पर गया था. अगर वह मौके पर जाएगा तो मीटर रीडिंग जरूर लेगा और सही बिल बनेगा.

कई बार ऐसा होता है कि कहीं पर बैठकर बिल बना दिया जाता है तो इस तरह की शिकायत समय पर जाने पर दूर हो जाएगी. मैंने बिलिंग एजेंसियों को निर्देश दिया है कि सभी कंज्यूमर्स का मोबाइल नंबर अपडेट करें जिससे जब बिल बनता है तो उन्हें मैसेज भेजा जा सके और उपभोक्ता का ई-मेल भी अपडेट कर लें तो और बेहतर रहेगा.

सवाल: बिजली चोरी के मामलों में कार्रवाई में अक्सर देरी होती है. कमीशनखोरी का भी खेल चलता है. इस पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम उठाएंगे?

जवाब: हम लोग यही कह रहे हैं कि जहां भी चोरी का प्रकरण आता है, उस पर बिजली थाने में मुकदमा समय पर दर्ज होना चाहिए. अगर कोई उपभोक्ता गलती करता है तो हम उस पर एक्शन भी लेते हैं. कुर्की का भी नोटिस जारी होता है. अगर बिजली चोरी का प्रकरण आता है और अधिकारियों की तरफ से देरी की जाती है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाती है.

सवाल: कई मामलों में सामने आया कि जो अधिकारी शामिल थे, उन पर आपने कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई?

जवाब: आपने मेरे संज्ञान में लाया है. मैंने संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच के लिए कहा है. इस संबंध में कल तक कार्रवाई हो जाएगी.

ये भी पढ़ें : यूपी ने सबसे पहले लागू की स्क्रैप पॉलिसी, अब दो व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी भी रजिस्टर्ड

सवाल: झटपट पोर्टल पर कनेक्शन के लिए अप्लाई करने के बाद भी सही समय पर कनेक्शन नहीं मिलते, आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाते हैं, आखिर क्यों?

जवाब: यह बात अपने संज्ञान में डाली है. हमें सही समय पर कनेक्शन देना होता है. एक अवधि निर्धारित है. हम कोशिश करते हैं कि चौथे से पांचवें दिन तक कनेक्शन के आवेदन से संबंधित पूरी डिटेल निकाली जाए और अगर कोई दिक्कत है तो क्वेरी लगा देते हैं. अगर किसी तरह का कोई बकाया है तो इसके लिए आवेदक को सूचित किया जाता है लेकिन अगर सातवें दिन कनेक्शन रिजेक्ट किया जा रहा है तो यह गलत है. इसकी समीक्षा कराई जाएगी. हम लोग रिजेक्शन की भी समीक्षा कर रहे हैं. देखा जा रहा है कि किस आधार पर रिजेक्शन किया जाता है.

सवाल: नियामक आयोग ने बिजली कर्मचारियों के परिसरों पर मीटर लगाने की बात कही है, क्या इसकी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं?

जवाब: बिल्कुल होगी, जो स्मार्ट मीटर आएंगे उसमें पहला प्रपोजल ही है कि गवर्नमेंट ऑफिस और कर्मचारियों के घर पर ही सबसे पहले स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेंगे. सबसे पहले गवर्नमेंट डिपार्टमेंट को ही मीटर लगाने के लिए टारगेट किया जाएगा.

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लखनऊ : मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा ने बिजली से संबंधित तमाम समस्याओं, अधिकारियों के फोन न उठाने, झटपट कनेक्शन के रिजेक्शन संबंधी शिकायतों के साथ ही सही बिलिंग न होने जैसे सवालों पर 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय
सवाल: जन सुनवाई शुरू हो गई, किस-किस तरह की शिकायतें आ रहीं हैं? जवाब: अभी जो हमारे पास समस्याएं आईं हैं, उनमें कनेक्शन को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें हैं. शिकायत है कि लोगों ने पैसा जमा कर दिया है लेकिन कनेक्शन नहीं हुआ. मैंने बोला है कि सही समय पर तत्काल कनेक्शन दिए जाएं. बिल रिवीजन का भी मामला आया है. जितना भार है, उससे ज्यादा बिल आया है तो भार चेक करने के लिए निर्देश दिए हैं. उपभोक्ता की हर समस्या का भी समाधान कराया जाएगा. जो भी सप्लाई से संबंधित समस्या है, वह भी दूर की जा रही है. 1912 से मॉनिटरिंग की जा रही है. संभव पोर्टल के जरिए जो हम जनसुनवाई कर रहे हैं. इसके लिए ऊर्जा मंत्री ने निर्देश दिए हैं. इससे जनता की समस्याओं का समाधान होगा. सवाल: बिजली की समस्या के समय इंजीनियरों के फोन बंद हो जाते हैं. कल भी ऐसी शिकायत संज्ञान में आई है. क्या कोई कार्रवाई की है? जवाब: कल रात मैं 1912 कस्टमर केयर सेंटर पर गया था. जितनी भी हमारी पेंडेंसी थी, उसके लिए मैंने खुद बात की है. काफी जगह अधिकारी रिस्पॉन्स करते हुए मिले. समस्याओं का समाधान भी कर रहे थे. अकबरपुर के एक मामले में संबंधित जेई का फोन बंद मिला, उसे मैंने 1912 में ही अटैच कर दिया है. भविष्य में भी अगर इस तरह अधिकारी फोन नहीं उठाएंगे तो और भी सख्त कार्रवाई करेंगे. सवाल: बिलिंग एजेंसियों को लेकर अक्सर उन्हें अल्टीमेटम दिया जाता है लेकिन बिलिंग सही नहीं होती है. उसके लिए कोई कदम उठाया जा रहा है? जवाब: बिलिंग के संबंध में कहना है कि हर रोज इसका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है. लोगों ने बताया कि बिल समय से नहीं मिलता है या फिर मिलता ही नहीं है तो मैंने सुनिश्चित किया है कि जो भी मीटर रीडर बिलिंग करने जा रहा है, वह इसकी जानकारी अवश्य देगा. इससे यह पता चलेगा कि वह मौके पर गया था. अगर वह मौके पर जाएगा तो मीटर रीडिंग जरूर लेगा और सही बिल बनेगा.

कई बार ऐसा होता है कि कहीं पर बैठकर बिल बना दिया जाता है तो इस तरह की शिकायत समय पर जाने पर दूर हो जाएगी. मैंने बिलिंग एजेंसियों को निर्देश दिया है कि सभी कंज्यूमर्स का मोबाइल नंबर अपडेट करें जिससे जब बिल बनता है तो उन्हें मैसेज भेजा जा सके और उपभोक्ता का ई-मेल भी अपडेट कर लें तो और बेहतर रहेगा.

सवाल: बिजली चोरी के मामलों में कार्रवाई में अक्सर देरी होती है. कमीशनखोरी का भी खेल चलता है. इस पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम उठाएंगे?

जवाब: हम लोग यही कह रहे हैं कि जहां भी चोरी का प्रकरण आता है, उस पर बिजली थाने में मुकदमा समय पर दर्ज होना चाहिए. अगर कोई उपभोक्ता गलती करता है तो हम उस पर एक्शन भी लेते हैं. कुर्की का भी नोटिस जारी होता है. अगर बिजली चोरी का प्रकरण आता है और अधिकारियों की तरफ से देरी की जाती है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाती है.

सवाल: कई मामलों में सामने आया कि जो अधिकारी शामिल थे, उन पर आपने कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई?

जवाब: आपने मेरे संज्ञान में लाया है. मैंने संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच के लिए कहा है. इस संबंध में कल तक कार्रवाई हो जाएगी.

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सवाल: झटपट पोर्टल पर कनेक्शन के लिए अप्लाई करने के बाद भी सही समय पर कनेक्शन नहीं मिलते, आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाते हैं, आखिर क्यों?

जवाब: यह बात अपने संज्ञान में डाली है. हमें सही समय पर कनेक्शन देना होता है. एक अवधि निर्धारित है. हम कोशिश करते हैं कि चौथे से पांचवें दिन तक कनेक्शन के आवेदन से संबंधित पूरी डिटेल निकाली जाए और अगर कोई दिक्कत है तो क्वेरी लगा देते हैं. अगर किसी तरह का कोई बकाया है तो इसके लिए आवेदक को सूचित किया जाता है लेकिन अगर सातवें दिन कनेक्शन रिजेक्ट किया जा रहा है तो यह गलत है. इसकी समीक्षा कराई जाएगी. हम लोग रिजेक्शन की भी समीक्षा कर रहे हैं. देखा जा रहा है कि किस आधार पर रिजेक्शन किया जाता है.

सवाल: नियामक आयोग ने बिजली कर्मचारियों के परिसरों पर मीटर लगाने की बात कही है, क्या इसकी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं?

जवाब: बिल्कुल होगी, जो स्मार्ट मीटर आएंगे उसमें पहला प्रपोजल ही है कि गवर्नमेंट ऑफिस और कर्मचारियों के घर पर ही सबसे पहले स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेंगे. सबसे पहले गवर्नमेंट डिपार्टमेंट को ही मीटर लगाने के लिए टारगेट किया जाएगा.

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