लखनऊ : मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा ने बिजली से संबंधित तमाम समस्याओं, अधिकारियों के फोन न उठाने, झटपट कनेक्शन के रिजेक्शन संबंधी शिकायतों के साथ ही सही बिलिंग न होने जैसे सवालों पर 'ईटीवी भारत' से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
कई बार ऐसा होता है कि कहीं पर बैठकर बिल बना दिया जाता है तो इस तरह की शिकायत समय पर जाने पर दूर हो जाएगी. मैंने बिलिंग एजेंसियों को निर्देश दिया है कि सभी कंज्यूमर्स का मोबाइल नंबर अपडेट करें जिससे जब बिल बनता है तो उन्हें मैसेज भेजा जा सके और उपभोक्ता का ई-मेल भी अपडेट कर लें तो और बेहतर रहेगा.
सवाल: बिजली चोरी के मामलों में कार्रवाई में अक्सर देरी होती है. कमीशनखोरी का भी खेल चलता है. इस पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम उठाएंगे?
जवाब: हम लोग यही कह रहे हैं कि जहां भी चोरी का प्रकरण आता है, उस पर बिजली थाने में मुकदमा समय पर दर्ज होना चाहिए. अगर कोई उपभोक्ता गलती करता है तो हम उस पर एक्शन भी लेते हैं. कुर्की का भी नोटिस जारी होता है. अगर बिजली चोरी का प्रकरण आता है और अधिकारियों की तरफ से देरी की जाती है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाती है.
सवाल: कई मामलों में सामने आया कि जो अधिकारी शामिल थे, उन पर आपने कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई?
जवाब: आपने मेरे संज्ञान में लाया है. मैंने संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच के लिए कहा है. इस संबंध में कल तक कार्रवाई हो जाएगी.
सवाल: झटपट पोर्टल पर कनेक्शन के लिए अप्लाई करने के बाद भी सही समय पर कनेक्शन नहीं मिलते, आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाते हैं, आखिर क्यों?
जवाब: यह बात अपने संज्ञान में डाली है. हमें सही समय पर कनेक्शन देना होता है. एक अवधि निर्धारित है. हम कोशिश करते हैं कि चौथे से पांचवें दिन तक कनेक्शन के आवेदन से संबंधित पूरी डिटेल निकाली जाए और अगर कोई दिक्कत है तो क्वेरी लगा देते हैं. अगर किसी तरह का कोई बकाया है तो इसके लिए आवेदक को सूचित किया जाता है लेकिन अगर सातवें दिन कनेक्शन रिजेक्ट किया जा रहा है तो यह गलत है. इसकी समीक्षा कराई जाएगी. हम लोग रिजेक्शन की भी समीक्षा कर रहे हैं. देखा जा रहा है कि किस आधार पर रिजेक्शन किया जाता है.
सवाल: नियामक आयोग ने बिजली कर्मचारियों के परिसरों पर मीटर लगाने की बात कही है, क्या इसकी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं?
जवाब: बिल्कुल होगी, जो स्मार्ट मीटर आएंगे उसमें पहला प्रपोजल ही है कि गवर्नमेंट ऑफिस और कर्मचारियों के घर पर ही सबसे पहले स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेंगे. सबसे पहले गवर्नमेंट डिपार्टमेंट को ही मीटर लगाने के लिए टारगेट किया जाएगा.
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