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एमएसएमई विभाग अब खुद तैयार करेगा कई महत्वपूर्ण प्रोडक्ट, आयात से मिलेगा छुटकारा - एमएसएमई विभाग ने योजना बनाई

एमएसएमई विभाग (MSME department) ने अब खुद से तमाम प्रमुख प्रोडक्ट तैयार करने की योजना बनाई है. खास बात यह है कि अभी तक ये प्रोडक्ट बाहर से आयात होते रहे हैं. ये सभी प्रोडक्ट इलेक्ट्रॉनिक से सम्बंधित होंगे. इनमें जनरेटर से लेकर अन्य तरह के प्रोडक्ट शामिल हैं.

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Published : Oct 7, 2022, 2:42 PM IST

लखनऊ : एमएसएमई विभाग (MSME department) ने अब खुद से तमाम प्रमुख प्रोडक्ट तैयार करने की योजना बनाई है. खास बात यह है कि अभी तक ये प्रोडक्ट बाहर से आयात होते रहे हैं. ये सभी प्रोडक्ट इलेक्ट्रॉनिक से सम्बंधित होंगे. इनमें जनरेटर से लेकर अन्य तरह के प्रोडक्ट शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) ने यह तय किया है कि अब उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हर स्तर पर काम किया जाएगा. अभी तक बाहर से आयात होने वाले तमाम इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित उत्पादों को उत्तर प्रदेश में ही बनाए जाने का काम किया जाएगा. इसको लेकर बकायदा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भी लगाए जाने की योजना बना ली गई है.

इसके साथ ही यह तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश को 10 खरब डाॅलर के मुख्यमंत्री के सपने को साकार करने के लिए एमएसएमई विभाग अभी तक आयात होने वाले कई प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित उत्पादों को उत्तर प्रदेश में ही बनाने का काम करेगा, जो एक बड़ी उपलब्धि के रूप में उत्तर प्रदेश के लिए साबित हो सकेगी. इसको लेकर बकायदा उत्पादों को चिन्हित करने का काम किया गया है. पिछले वर्ष की बात करें तो रेल और सड़क परिवहन के माध्यम से 55000 करोड़ से अधिक के उत्पाद आयात हुए हैं. ऐसे में जो उत्पाद अभी तक आयात होते रहे हैं इन्हें चिन्हित करते हुए उत्तर प्रदेश में ही बनाए जाने की पूरी कार्ययोजना तैयार की गई है और इसको लेकर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी उत्तर प्रदेश में लगाई जाएंगी.

एमएसएमई विभाग (MSME department) से मिली जानकारी के अनुसार, टॉप 10 आयात होने वाले उत्पादों की बात करें तो सबसे पहले नंबर पर इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पाद शामिल हैं. इनमें जनरेटर, मिक्सर ग्राइंडर, ट्रांसफार्मर, सेमीकंडक्टर चिप, प्रोसेसर और मेमोरी के उत्पाद शामिल हैं. इसी तरह मछली का तेल, कैस्टर ऑयल, सोयाबीन का तेल व अन्य खाद उत्पाद शामिल हैं. न्यूक्लियर रिएक्टर ब्वॉयलर्स बड़े प्लांट में उपयोग होने वाली मशीनरी भी शामिल है. एलुमिनियम आयरन स्टील और कॉपर के तमाम तरह के बनने वाले उत्पाद भी चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा ऑर्गेनिक केमिकल्स, सर्जिकल उपकरण, सोने चांदी के आभूषण, निकिल स्क्रैप मेटल वाले उत्पाद चिन्हित किए गए हैं, इनको अब उत्तर प्रदेश में ही तैयार करने का काम किया जाएगा और फिर इन्हें निर्यात करने की भी योजना बनाई जाएगी. इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी जा सकेगी.

यह भी पढ़ें : निलंबित चल रहे 2 IAS अधिकारी किए गए बहाल

'एमएसएमई विभाग के मंत्री राकेश सचान ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश में बाहर से तमाम महत्वपूर्ण प्रोडक्ट आयात होते रहे हैं. हमने ऐसे उत्पादों को चिन्हित करने का काम किया है जिन्हें उत्तर प्रदेश में बनाया जा सकता है. हम इसके लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का काम आने वाले कुछ दिनों में करने वाले हैं. जनवरी महीने में इन्वेस्टर्स समिट भी होने वाली है. उसमें तमाम तरह की रणनीति बनाई जाएगी और यूपी में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के माध्यम से हम बाहर से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित और तमाम अन्य तरह के प्रोडक्ट को बनाने का काम करेंगे. इससे स्वाभाविक रूप से हमारी अर्थव्यवस्था और बेहतर हो सकेगी.'

यह भी पढ़ें : यूपी में बारिश और ओलावृष्टि को लेकर CM योगी का आदेश, अफसर फील्ड पर रहें सक्रिय

लखनऊ : एमएसएमई विभाग (MSME department) ने अब खुद से तमाम प्रमुख प्रोडक्ट तैयार करने की योजना बनाई है. खास बात यह है कि अभी तक ये प्रोडक्ट बाहर से आयात होते रहे हैं. ये सभी प्रोडक्ट इलेक्ट्रॉनिक से सम्बंधित होंगे. इनमें जनरेटर से लेकर अन्य तरह के प्रोडक्ट शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) ने यह तय किया है कि अब उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हर स्तर पर काम किया जाएगा. अभी तक बाहर से आयात होने वाले तमाम इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित उत्पादों को उत्तर प्रदेश में ही बनाए जाने का काम किया जाएगा. इसको लेकर बकायदा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भी लगाए जाने की योजना बना ली गई है.

इसके साथ ही यह तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश को 10 खरब डाॅलर के मुख्यमंत्री के सपने को साकार करने के लिए एमएसएमई विभाग अभी तक आयात होने वाले कई प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित उत्पादों को उत्तर प्रदेश में ही बनाने का काम करेगा, जो एक बड़ी उपलब्धि के रूप में उत्तर प्रदेश के लिए साबित हो सकेगी. इसको लेकर बकायदा उत्पादों को चिन्हित करने का काम किया गया है. पिछले वर्ष की बात करें तो रेल और सड़क परिवहन के माध्यम से 55000 करोड़ से अधिक के उत्पाद आयात हुए हैं. ऐसे में जो उत्पाद अभी तक आयात होते रहे हैं इन्हें चिन्हित करते हुए उत्तर प्रदेश में ही बनाए जाने की पूरी कार्ययोजना तैयार की गई है और इसको लेकर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी उत्तर प्रदेश में लगाई जाएंगी.

एमएसएमई विभाग (MSME department) से मिली जानकारी के अनुसार, टॉप 10 आयात होने वाले उत्पादों की बात करें तो सबसे पहले नंबर पर इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पाद शामिल हैं. इनमें जनरेटर, मिक्सर ग्राइंडर, ट्रांसफार्मर, सेमीकंडक्टर चिप, प्रोसेसर और मेमोरी के उत्पाद शामिल हैं. इसी तरह मछली का तेल, कैस्टर ऑयल, सोयाबीन का तेल व अन्य खाद उत्पाद शामिल हैं. न्यूक्लियर रिएक्टर ब्वॉयलर्स बड़े प्लांट में उपयोग होने वाली मशीनरी भी शामिल है. एलुमिनियम आयरन स्टील और कॉपर के तमाम तरह के बनने वाले उत्पाद भी चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा ऑर्गेनिक केमिकल्स, सर्जिकल उपकरण, सोने चांदी के आभूषण, निकिल स्क्रैप मेटल वाले उत्पाद चिन्हित किए गए हैं, इनको अब उत्तर प्रदेश में ही तैयार करने का काम किया जाएगा और फिर इन्हें निर्यात करने की भी योजना बनाई जाएगी. इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी जा सकेगी.

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'एमएसएमई विभाग के मंत्री राकेश सचान ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि अभी तक उत्तर प्रदेश में बाहर से तमाम महत्वपूर्ण प्रोडक्ट आयात होते रहे हैं. हमने ऐसे उत्पादों को चिन्हित करने का काम किया है जिन्हें उत्तर प्रदेश में बनाया जा सकता है. हम इसके लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का काम आने वाले कुछ दिनों में करने वाले हैं. जनवरी महीने में इन्वेस्टर्स समिट भी होने वाली है. उसमें तमाम तरह की रणनीति बनाई जाएगी और यूपी में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के माध्यम से हम बाहर से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित और तमाम अन्य तरह के प्रोडक्ट को बनाने का काम करेंगे. इससे स्वाभाविक रूप से हमारी अर्थव्यवस्था और बेहतर हो सकेगी.'

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