लखनऊः लविवि में श्रीमद्भागवत गीता प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को लेकर इस्कॉन यूथ फोरम और विश्वविद्यालय के बीच एमओयू साइन हुआ है. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि विवि को इस पाठ्यक्रम और ऐसी आध्यात्मिक क्रांति का हिस्सा बनने का गर्व है. लखनऊ विश्वविद्यालय 19 से 25 नवंबर के बीच शताब्दी वर्ष समारोह मनाने जा रहा है. इसको लेकर कैंपस में भव्य तैयारियां की जा रही हैं.
एमओयू पर साइन किए
शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और इस्कॉन युवा मंच के उपाध्यक्ष सद्भुजा गौर दास ने डीन एकेडमिक्स प्रो. अरविंद मोहन, रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रीचर मधु स्मिता दास और इस्कॉन युवा मंच के प्रतिनिधि राकेश राय की मौजूदगी में एमओयू पर साइन किए.
प्रशिक्षण के 30 घंटे प्रदान करेगा
एमओयू के अनुसार, इस्कॉन युवा मंच लखनऊ विश्वविद्यालय में श्रीमद्भागवत गीता प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के 30 घंटे प्रदान करेगा. इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी कैंपस में पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए वातावरण भी प्रदान करेगा. इसके अलावा जब भी आवश्यक होगा, ऑनलाइन सहायता प्रदान करेगा. वहीं एमओयू से यह सुनिश्चित होगा कि दो संगठन पूरे समाज के नैतिक उत्थान के उद्देश्य से अपने छात्रों की मानसिक भलाई और आध्यात्मिक जागृति की दिशा में काम करें.
प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि विश्वविद्यालय को इस पाठ्यक्रम और ऐसी आध्यात्मिक क्रांति का हिस्सा बनने का गर्व है. वेबिनार का आयोजन एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रमेश कुमार चतुर्वेदी व डॉ. तरुणा तथा एनसीसी के अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ. मनोज डडवाल व लेफ्टिनेंट डॉ. राजश्री ने संयुक्त रूप से किया.
कैंसर से बचाव के लिए स्टूडेंट्स को किया जागरूक
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) व राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) ने कैंसर से जागरूकता व बचाव विषय पर वेबिनार का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में स्वयंसेवकों व कैडेट्स ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान मुख्य वक्ता सयानीका डेका ने बताया कि कैंसर दुनिया में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन चुका है. उन्होंने स्टूडेंट्स को कैंसर के लक्षणों से बचाव व उसे पहचानने के बारे में चर्चा की.
सयानीका डेका ने केमिकल युक्त पदार्थों जैसे दूध, सफेद चीनी व मैदा की चीजों को खाने से परहेज करने की सलाह दी. इसके बाद छात्रों को कैंसर की रोकथाम के लिए शपथ दिलाई गई. कार्यक्रम में कुलपति प्रो. संजय सिंह, डीएसडब्ल्यू प्रो. बीएस भदौरिया समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे.