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डिप्टी सीएम के निरीक्षण में खुलासा, लोहिया संस्थान में दो लाख से ज्यादा दवाएं हुईं खराब - lohiya institute

लोहिया संस्थान में गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने निरीक्षण किया. इस दौरान डिप्टी सीएम ने अव्यवस्था को लेकर अफसरों को फटकार लगाई.

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डिप्टी सीएम के निरीक्षण में खुलासा, लोहिया संस्थान में दो लाख से ज्यादा दवाएं हुईं खराब
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Published : May 12, 2022, 7:52 PM IST

Updated : May 12, 2022, 11:12 PM IST

लखनऊ: लोहिया संस्थान में गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने निरीक्षण किया. इस दौरान डिप्टी सीएम ने अव्यवस्थाओं को लेकर अफसरों को फटकार लगाई. साथ ही फार्मेसी का ब्यौरा तलब किया. इसमें विभिन्न रोगों की दो लाख रुपये से अधिक की दवाएं खराब मिलीं.

डिप्टी सीएम 12 बजे के करीब लोहिया संस्थान पहुंचे. यहां ओपीडी में पर्चा काउंटर और इमरजेंसी व्यवस्था को देखकर उन्होंने नाराजगी जताई. बाराबंकी के मरीज को भर्ती न करने पर निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद, अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह से जवाब तलब किया. वहीं, संस्थान में दवा की उपलब्धता का ब्यौरा तलब किया. इसमें 2,40,668 दवाएं खराब मिलीं. इनमें बड़ी तादाद में महंगे इंजेक्शन और टैबलेट थे, जो काफी समय से रखे-रखे खराब हो गए. इनका उपयोग न होने पर कंपनी को दवा समय पर वापस भी नहीं की गईं. उधर, मरीज बाहर से दवा खरीदने को मजबूर रहे. दवाओं से कितने रुपयों का नुकसान हुआ, इसकी भी जानकारी मांगी है. साथ ही पूरे मामले पर जांच करने के आदेश दिए भी दिए. इस मामले में चिकित्सा शिक्षा के सचिव डी एस प्रियदर्शी को जांच अधिकारी बनाया गया है.

सूची लेकर 45 मिनट भटकते रहे डिप्टी सीएम : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लोहिया संस्थान में एक्सपायरी दवाओं की सूची के लिए करीब 45 मिनट तक भटकते रहे. मुख्य स्टोर से लेकर सर्वर रूप में डिप्टी सीएम गए. उन्हें समय पर एक्सपायरी दवाओं की सूची नहीं मिल पाई. लंबी जद्दोजहद के बाद मंत्री को एक्सपायर दवाओं की सूची मिली. 50 लाख से अधिक की एक्सपायर दवाएं वापस नहीं की गईं. मंत्री ने प्रमुख सचिव से जांच कराने के निर्देश दिए हैं.

बंद मिले कई कंप्यूटर : लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के तहत दवाओं की खरीद होती है. यह दवाएं मरीजों को सस्ती दर पर मिलनी चाहिए. बड़ी संख्या में दवाएं एक्सपायर हो रही हैं. इन्हें न तो समय पर कंपनी को लौटाया गया और न ही समय पर मरीजों को बांटा गया. दवाओं के एक्सपायर होने से सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है. इस दौरान डिप्टी सीएम एचआरएफ के मुख्य स्टोर गए. वहां उन्होंने कर्मचारियों से एक्सपायर दवाओं की सूची मांगी. इसपर कर्मचारी ने सूची उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर की. कर्मचारी ने बताया कि यह सूची मुख्य सर्वर से मिलेगी. इसके बाद डिप्टी सीएम सर्वर रूम पहुंचे. यहां कम्प्यूटर बंद मिले. कमरे में गदंगी मिली. प्रिंटर में धूल जमी मिली. इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की. काफी सख्ती के बाद 2017 से 2022 तक की 322 पेज की एक्सपायर दवाओं की सूची मिली. डिप्टी सीएम
ने कहा कि आप लोगों ने क्या सोचा था कि मैं ऐसे ही चला जाऊंगा.

ये भी पढ़ें : कोरोना काल में अपने पिता को ही एडमिट नहीं करा पाई नर्स, ETV Bharat से बातचीत मेंं छलका दर्द

तीमारदारों संग जमीन पर बैठे : ओपीडी ब्लॉक के बाहर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को मरीज-तीमारदार जमीन पर बैठे दिखे. वह मरीजों का हाल लेने पहुंचे. डिप्टी सीएम मरीज संग खुद जमीन पर बैठ गए. इसके बाद मरीज-तीमारदार कतार में भोजन के लिए खड़े थे. वह खुद काउंटर पर गए. मरीजों को भोजन बांटा. गर्मी से बेहाल महिला पंखा लिए हुए थी. उन्होंने पंखा चलाकर के उन्हें हवा दी.

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लखनऊ: लोहिया संस्थान में गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने निरीक्षण किया. इस दौरान डिप्टी सीएम ने अव्यवस्थाओं को लेकर अफसरों को फटकार लगाई. साथ ही फार्मेसी का ब्यौरा तलब किया. इसमें विभिन्न रोगों की दो लाख रुपये से अधिक की दवाएं खराब मिलीं.

डिप्टी सीएम 12 बजे के करीब लोहिया संस्थान पहुंचे. यहां ओपीडी में पर्चा काउंटर और इमरजेंसी व्यवस्था को देखकर उन्होंने नाराजगी जताई. बाराबंकी के मरीज को भर्ती न करने पर निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद, अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह से जवाब तलब किया. वहीं, संस्थान में दवा की उपलब्धता का ब्यौरा तलब किया. इसमें 2,40,668 दवाएं खराब मिलीं. इनमें बड़ी तादाद में महंगे इंजेक्शन और टैबलेट थे, जो काफी समय से रखे-रखे खराब हो गए. इनका उपयोग न होने पर कंपनी को दवा समय पर वापस भी नहीं की गईं. उधर, मरीज बाहर से दवा खरीदने को मजबूर रहे. दवाओं से कितने रुपयों का नुकसान हुआ, इसकी भी जानकारी मांगी है. साथ ही पूरे मामले पर जांच करने के आदेश दिए भी दिए. इस मामले में चिकित्सा शिक्षा के सचिव डी एस प्रियदर्शी को जांच अधिकारी बनाया गया है.

सूची लेकर 45 मिनट भटकते रहे डिप्टी सीएम : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लोहिया संस्थान में एक्सपायरी दवाओं की सूची के लिए करीब 45 मिनट तक भटकते रहे. मुख्य स्टोर से लेकर सर्वर रूप में डिप्टी सीएम गए. उन्हें समय पर एक्सपायरी दवाओं की सूची नहीं मिल पाई. लंबी जद्दोजहद के बाद मंत्री को एक्सपायर दवाओं की सूची मिली. 50 लाख से अधिक की एक्सपायर दवाएं वापस नहीं की गईं. मंत्री ने प्रमुख सचिव से जांच कराने के निर्देश दिए हैं.

बंद मिले कई कंप्यूटर : लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के तहत दवाओं की खरीद होती है. यह दवाएं मरीजों को सस्ती दर पर मिलनी चाहिए. बड़ी संख्या में दवाएं एक्सपायर हो रही हैं. इन्हें न तो समय पर कंपनी को लौटाया गया और न ही समय पर मरीजों को बांटा गया. दवाओं के एक्सपायर होने से सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है. इस दौरान डिप्टी सीएम एचआरएफ के मुख्य स्टोर गए. वहां उन्होंने कर्मचारियों से एक्सपायर दवाओं की सूची मांगी. इसपर कर्मचारी ने सूची उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर की. कर्मचारी ने बताया कि यह सूची मुख्य सर्वर से मिलेगी. इसके बाद डिप्टी सीएम सर्वर रूम पहुंचे. यहां कम्प्यूटर बंद मिले. कमरे में गदंगी मिली. प्रिंटर में धूल जमी मिली. इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की. काफी सख्ती के बाद 2017 से 2022 तक की 322 पेज की एक्सपायर दवाओं की सूची मिली. डिप्टी सीएम
ने कहा कि आप लोगों ने क्या सोचा था कि मैं ऐसे ही चला जाऊंगा.

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तीमारदारों संग जमीन पर बैठे : ओपीडी ब्लॉक के बाहर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को मरीज-तीमारदार जमीन पर बैठे दिखे. वह मरीजों का हाल लेने पहुंचे. डिप्टी सीएम मरीज संग खुद जमीन पर बैठ गए. इसके बाद मरीज-तीमारदार कतार में भोजन के लिए खड़े थे. वह खुद काउंटर पर गए. मरीजों को भोजन बांटा. गर्मी से बेहाल महिला पंखा लिए हुए थी. उन्होंने पंखा चलाकर के उन्हें हवा दी.

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Last Updated : May 12, 2022, 11:12 PM IST
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