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कांग्रेस की ये गलतियां यूपी में प्रियंका गांधी को पूरी तरह से कर सकती हैं फेल, जानें वजह

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इतने खराब दौर से गुजर रही कांग्रेस को अपनी गलतियों से सबक लेना होगा. अगर अब भी राह नहीं बदली, तो उम्मीद की किरण प्रियंका गांधी का जादू भी यहां पार्टी की तस्वीर सुधार नहीं पाएगा.

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कांग्रेस की ये गलतियां यूपी में
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Published : Jul 18, 2022, 11:17 AM IST

Updated : Jul 18, 2022, 11:42 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. विधानसभा चुनाव 2022 में वोट प्रतिशत सिमटकर 2.33 % रह गया है. विधान परिषद में कोई सदस्य नहीं है. विधानसभा में सिर्फ 2 विधायक हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इस समय शून्यता की स्थिति में हैं. विधानसभा चुनाव 2022 की हार के बाद पार्टी थम सी गई है. अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम सामने नहीं आया है. जमीन पर काम करने वाला कार्यकर्ता असमंजस में है. अगुवाई करने वाला कोई नहीं है. वह धीरे-धीरे मायूस और शिथिल हो रहे हैं. कुछ ऐसे भी है जो नई जगह की तलाश में लग गए हैं .

जानकारी देते वरिष्ठ पत्रकार कुमार भावेश
इन हालात में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता चेहरा बचाने के लिए चाहें कितने दावे क्यों न करें लेकिन विशेषज्ञ उससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वर्तमान स्थिति कुछ दिन और खींची तो उत्तर प्रदेश में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का जादू भी नहीं संभाल पाएगा.
यह दो गलतियां पार्टी को कर रही खत्म
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कुमार भावेश कहते हैं कि केवल उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि पूरे देश में कांग्रेस के साथ दो ही सबसे बड़ी समस्या है. पहला अनिर्णय की स्थिति. बड़े बड़े मामलों पर पार्टी फैसला लेने से बचती है. दूसरी सबसे बड़ी समस्या है कि फैसला सही समय पर नहीं लिया जाता. कुमार भावेश कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले प्रियंका गांधी ने 40% सीटों पर महिलाओं को उतारने का बड़ा फैसला लिया. यह अच्छा फैसला था, लेकिन यह फैसला समय पर नहीं लिया गया जिसके चलते नतीजे नहीं आए.
सिर्फ अध्यक्ष से नहीं बनेगी बात

वरिष्ठ पत्रकार कुमार भावेश कहते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस के लिए नेतृत्व का सवाल है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अजय कुमार लल्लू का इस्तीफा होता है. अभी तक पार्टी अध्यक्ष नहीं तलाश पाई. इसको लेकर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है. दूसरी सबसे बड़ी बात है कि अभी पार्टी में चर्चा सिर्फ अध्यक्ष बनाने को लेकर है जबकि इस समय पार्टी को उत्तर प्रदेश में नेताओं की एक गैलेक्सी देने की जरूरत है. कई चेहरे देने होंगे.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी को काफी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि इस चुनाव का चेहरा सिर्फ योगी आदित्यनाथ थे. इस वजह से सीटें भी कम हुई. कांग्रेसी नेताओं की एक पूरी सूची देनी होगी. जनता के सामने नेताओं की एक पूरी टीम खड़ी करनी है लेकिन पार्टी के पास अभी तक कोई टीम नहीं रही है. एक चेहरा था लल्लू. बहुत जुझारू और संघर्ष करने वाला होने के बावजूद पार्टी का उद्धार नहीं कर सके. इस समय कांग्रेस को अध्यक्ष नहीं सुनना है बल्कि नेताओं की एक पूरी टीम खड़ी करनी होगी. इस पूरी टीम के साथ कांग्रेस को निर्णय की स्थिति से बाहर निकलने की जरूरत है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. विधानसभा चुनाव 2022 में वोट प्रतिशत सिमटकर 2.33 % रह गया है. विधान परिषद में कोई सदस्य नहीं है. विधानसभा में सिर्फ 2 विधायक हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इस समय शून्यता की स्थिति में हैं. विधानसभा चुनाव 2022 की हार के बाद पार्टी थम सी गई है. अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम सामने नहीं आया है. जमीन पर काम करने वाला कार्यकर्ता असमंजस में है. अगुवाई करने वाला कोई नहीं है. वह धीरे-धीरे मायूस और शिथिल हो रहे हैं. कुछ ऐसे भी है जो नई जगह की तलाश में लग गए हैं .

जानकारी देते वरिष्ठ पत्रकार कुमार भावेश
इन हालात में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता चेहरा बचाने के लिए चाहें कितने दावे क्यों न करें लेकिन विशेषज्ञ उससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वर्तमान स्थिति कुछ दिन और खींची तो उत्तर प्रदेश में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का जादू भी नहीं संभाल पाएगा.
यह दो गलतियां पार्टी को कर रही खत्म
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कुमार भावेश कहते हैं कि केवल उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि पूरे देश में कांग्रेस के साथ दो ही सबसे बड़ी समस्या है. पहला अनिर्णय की स्थिति. बड़े बड़े मामलों पर पार्टी फैसला लेने से बचती है. दूसरी सबसे बड़ी समस्या है कि फैसला सही समय पर नहीं लिया जाता. कुमार भावेश कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले प्रियंका गांधी ने 40% सीटों पर महिलाओं को उतारने का बड़ा फैसला लिया. यह अच्छा फैसला था, लेकिन यह फैसला समय पर नहीं लिया गया जिसके चलते नतीजे नहीं आए.
सिर्फ अध्यक्ष से नहीं बनेगी बात

वरिष्ठ पत्रकार कुमार भावेश कहते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस के लिए नेतृत्व का सवाल है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अजय कुमार लल्लू का इस्तीफा होता है. अभी तक पार्टी अध्यक्ष नहीं तलाश पाई. इसको लेकर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है. दूसरी सबसे बड़ी बात है कि अभी पार्टी में चर्चा सिर्फ अध्यक्ष बनाने को लेकर है जबकि इस समय पार्टी को उत्तर प्रदेश में नेताओं की एक गैलेक्सी देने की जरूरत है. कई चेहरे देने होंगे.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी को काफी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि इस चुनाव का चेहरा सिर्फ योगी आदित्यनाथ थे. इस वजह से सीटें भी कम हुई. कांग्रेसी नेताओं की एक पूरी सूची देनी होगी. जनता के सामने नेताओं की एक पूरी टीम खड़ी करनी है लेकिन पार्टी के पास अभी तक कोई टीम नहीं रही है. एक चेहरा था लल्लू. बहुत जुझारू और संघर्ष करने वाला होने के बावजूद पार्टी का उद्धार नहीं कर सके. इस समय कांग्रेस को अध्यक्ष नहीं सुनना है बल्कि नेताओं की एक पूरी टीम खड़ी करनी होगी. इस पूरी टीम के साथ कांग्रेस को निर्णय की स्थिति से बाहर निकलने की जरूरत है.

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Last Updated : Jul 18, 2022, 11:42 AM IST
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