लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. विधानसभा चुनाव 2022 में वोट प्रतिशत सिमटकर 2.33 % रह गया है. विधान परिषद में कोई सदस्य नहीं है. विधानसभा में सिर्फ 2 विधायक हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इस समय शून्यता की स्थिति में हैं. विधानसभा चुनाव 2022 की हार के बाद पार्टी थम सी गई है. अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम सामने नहीं आया है. जमीन पर काम करने वाला कार्यकर्ता असमंजस में है. अगुवाई करने वाला कोई नहीं है. वह धीरे-धीरे मायूस और शिथिल हो रहे हैं. कुछ ऐसे भी है जो नई जगह की तलाश में लग गए हैं .
वरिष्ठ पत्रकार कुमार भावेश कहते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस के लिए नेतृत्व का सवाल है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अजय कुमार लल्लू का इस्तीफा होता है. अभी तक पार्टी अध्यक्ष नहीं तलाश पाई. इसको लेकर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है. दूसरी सबसे बड़ी बात है कि अभी पार्टी में चर्चा सिर्फ अध्यक्ष बनाने को लेकर है जबकि इस समय पार्टी को उत्तर प्रदेश में नेताओं की एक गैलेक्सी देने की जरूरत है. कई चेहरे देने होंगे.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी को काफी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि इस चुनाव का चेहरा सिर्फ योगी आदित्यनाथ थे. इस वजह से सीटें भी कम हुई. कांग्रेसी नेताओं की एक पूरी सूची देनी होगी. जनता के सामने नेताओं की एक पूरी टीम खड़ी करनी है लेकिन पार्टी के पास अभी तक कोई टीम नहीं रही है. एक चेहरा था लल्लू. बहुत जुझारू और संघर्ष करने वाला होने के बावजूद पार्टी का उद्धार नहीं कर सके. इस समय कांग्रेस को अध्यक्ष नहीं सुनना है बल्कि नेताओं की एक पूरी टीम खड़ी करनी होगी. इस पूरी टीम के साथ कांग्रेस को निर्णय की स्थिति से बाहर निकलने की जरूरत है.
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