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बीकेटी में मिशन किसानशाला की शुरूआत, किसानों को मिलेगी ये सुविधा

राजधानी के बक्शी का तालाब क्षेत्र में मंगलवार को मिशन किसानशाला का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम का आयोजन रैथा गांव में किया गया. कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस पहल में गहरी दिलचस्पी दिखाई और पूरा समर्थन देने का वादा किया.

मिशन किसानशाला
मिशन किसानशाला
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Published : Jul 12, 2022, 11:12 PM IST

लखनऊ : राजधानी के बक्शी का तालाब क्षेत्र में मंगलवार को मिशन किसानशाला का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम का आयोजन रैथा गांव में किया गया. इसकी शुरूआत आई केयर इंडिया और कृषि स्टार्टअप ने की. इस दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त उप्र सरकार मनोज कुमार सिंह, जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार, डा. पीके सेठ पूर्व निदेशक आईआईटीआर, डा. राना प्रताप सिंह डीन शैक्षणिक अफेयर्स बीबीएयू, मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे.

किसानशाला का उदेश्य, किसानों के साथ जमीनी स्तर पर काम करते हुए उनको गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री (बीज, पौध, जैविक उत्पाद इत्यादि) और साल भर विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध कराना है. कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस पहल में गहरी दिलचस्पी दिखाई और पूरा समर्थन देने का वादा किया. किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह आज के समय की जरूरत है. राज्य एवं केंद्र सरकारों के लक्ष्य और दूरदर्शिता के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि किसानों को अपने परिदृश्य में बड़े बदलाव के लिये इस मिशन से सकारात्मक भावना से जुड़ना चाहिये. कम से कम 300 दिन की खेत में मेहनत के लिए तैयार रहना चाहिये. कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानशाला के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म के फलों के पेड़ और मछली की नर्सरी से किसानों को अच्छी किस्म की मछली देकर मत्स्य पालन कि तरफ भी अग्रसर करने की बात कही.

ये भी पढ़ें : प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए रोपे जाएंगे 5 करोड़ और पौधे : वन मंत्री अरुण कुमार

पूर्व मुख्य सचिव उप्र अतुल कुमार गुप्ता ने कहा कि एक गैर सरकारी संगठन और वैज्ञानिक समुदाय के साथ साझेदारी में राज्य में अपनी तरह का यह पहला कृषि स्टार्टअप होगा जो किसानों की आजीविका में सुधार के लिए जमीनी मुद्दों पर काम करेगा. यह किसानों के हित में होगा और ग्रामीण युवाओं के लिये बड़ी संख्या में रोजगार और सूक्ष्म उद्यमिता के अवसर पैदा करते हुए खेती की ओर उनकी रुचि जागृत करने में मदगार साबित होगा. पूर्व मुख्य सचिव उप्र आलोक रंजन ने कहा कि मिशन किसानशाला की अवधारणा ग्रामीण क्षेत्र की सूक्ष्म-अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सक्षम है. ग्रामीण युवाओं और महिलाओं की भागीदारी उनकी जमीनी स्तर पर कौशल विकास और गांव के अन्दर ही बेहतर स्वरोजगार के अवसरों में सहायक होगी. जिलाधिकारी लखनऊ ने किसानशाला परियोजना की सराहना की.

लखनऊ : राजधानी के बक्शी का तालाब क्षेत्र में मंगलवार को मिशन किसानशाला का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम का आयोजन रैथा गांव में किया गया. इसकी शुरूआत आई केयर इंडिया और कृषि स्टार्टअप ने की. इस दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त उप्र सरकार मनोज कुमार सिंह, जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार, डा. पीके सेठ पूर्व निदेशक आईआईटीआर, डा. राना प्रताप सिंह डीन शैक्षणिक अफेयर्स बीबीएयू, मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे.

किसानशाला का उदेश्य, किसानों के साथ जमीनी स्तर पर काम करते हुए उनको गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री (बीज, पौध, जैविक उत्पाद इत्यादि) और साल भर विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध कराना है. कृषि उत्पादन आयुक्त ने इस पहल में गहरी दिलचस्पी दिखाई और पूरा समर्थन देने का वादा किया. किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह आज के समय की जरूरत है. राज्य एवं केंद्र सरकारों के लक्ष्य और दूरदर्शिता के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि किसानों को अपने परिदृश्य में बड़े बदलाव के लिये इस मिशन से सकारात्मक भावना से जुड़ना चाहिये. कम से कम 300 दिन की खेत में मेहनत के लिए तैयार रहना चाहिये. कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानशाला के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म के फलों के पेड़ और मछली की नर्सरी से किसानों को अच्छी किस्म की मछली देकर मत्स्य पालन कि तरफ भी अग्रसर करने की बात कही.

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पूर्व मुख्य सचिव उप्र अतुल कुमार गुप्ता ने कहा कि एक गैर सरकारी संगठन और वैज्ञानिक समुदाय के साथ साझेदारी में राज्य में अपनी तरह का यह पहला कृषि स्टार्टअप होगा जो किसानों की आजीविका में सुधार के लिए जमीनी मुद्दों पर काम करेगा. यह किसानों के हित में होगा और ग्रामीण युवाओं के लिये बड़ी संख्या में रोजगार और सूक्ष्म उद्यमिता के अवसर पैदा करते हुए खेती की ओर उनकी रुचि जागृत करने में मदगार साबित होगा. पूर्व मुख्य सचिव उप्र आलोक रंजन ने कहा कि मिशन किसानशाला की अवधारणा ग्रामीण क्षेत्र की सूक्ष्म-अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सक्षम है. ग्रामीण युवाओं और महिलाओं की भागीदारी उनकी जमीनी स्तर पर कौशल विकास और गांव के अन्दर ही बेहतर स्वरोजगार के अवसरों में सहायक होगी. जिलाधिकारी लखनऊ ने किसानशाला परियोजना की सराहना की.

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