ETV Bharat / city

तानाशाही की तरफ एक और कदम क्रिमिनल प्रोसिजर बिल: शाहनवाज आलम - ADG Law & Order

क्रिमिनल प्रोसिजर (आइडेंटिफिकेशन) बिल राजनीतिक विरोधियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ इस्तेमाल करने का हथियार है. ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस की तरफ से हर रविवार को फेसबुक लाइव के जरिए होने वाले स्पीक अप कार्यक्रम की 41वीं कड़ी में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहीं.

etv bharat
शाहनवाज आलम
author img

By

Published : Apr 10, 2022, 10:16 PM IST

Updated : Apr 10, 2022, 10:23 PM IST

लखनऊ: क्रिमिनल प्रोसिजर (आइडेंटिफिकेशन) बिल राजनीतिक विरोधियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ इस्तेमाल करने का हथियार है. इसका सबसे ज्यादा शिकार गरीब और कमजोर सामाजिक हैसियत वाले लोग और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाले होंगे. ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस की तरफ से हर रविवार को फेसबुक लाइव के जरिए होने वाले स्पीक अप कार्यक्रम की 41वीं कड़ी में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहीं.

आलम ने कहा कि इस बिल के दुरुपयोग की संभावनाओं को देखते हुए ही पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने अपने भाषण में इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की बात राज्यसभा में कही लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना. उन्होंने कहा कि इस बिल के कानून बनने के बाद राजनीतिक विरोधियों के भी फिंगर प्रिंट और डीएनए सैंपल लिए जाने के रास्ते खुल जाएंगे. उनकी छवि अपराधी की तरह बनाई जा सकती है.

इसे भी पढ़ेंः लखनऊ 15 अप्रैल को आएंगे उपराष्ट्रपति, रामलला के दर्शन को जाएंगे अयोध्या

उन्होंने कहा कि गुजरात में पोटा का भी इसी तरह दुरुपयोग किया गया था. यहां तक कि आतंकी घटना में शामिल होने के फर्जी आरोपों में इसके तहत लोगों को फांसी तक की सजाएं सुनाई जातीं थीं जो बाद में सुप्रीम कोर्ट से बरी हो जाते थे. उन्होंने कहा कि इस बिल में यह भी प्रावधान है कि बिना अपराध के भी किसी को भी इसकी साजिश रचने या मंशा रखने के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है.

अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब पुलिस पर सत्ताधारी दल के वर्दीधारी कार्यकर्ता जैसा व्यवहार करने के आरोप लग रहे हों, तब इसके गलत इस्तेमाल की गुंजाइश कितनी बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बिल के पक्ष में भाजपा राज्यसभा सदस्य पूर्व एडीजी कानून व्यवस्था बृजलाल का संबोधन गलत तथ्यों का पुलिंदा था.

शाहनवाज ने कहा कि मायावती सरकार में उनके एडीजी कानून व्यवस्था रहते ही दलित उत्पीड़न के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया को कठिन कर दिया गया था. उनके दलित विरोधी होने का ही इनाम भाजपा ने दिया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: क्रिमिनल प्रोसिजर (आइडेंटिफिकेशन) बिल राजनीतिक विरोधियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ इस्तेमाल करने का हथियार है. इसका सबसे ज्यादा शिकार गरीब और कमजोर सामाजिक हैसियत वाले लोग और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाले होंगे. ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस की तरफ से हर रविवार को फेसबुक लाइव के जरिए होने वाले स्पीक अप कार्यक्रम की 41वीं कड़ी में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहीं.

आलम ने कहा कि इस बिल के दुरुपयोग की संभावनाओं को देखते हुए ही पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने अपने भाषण में इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की बात राज्यसभा में कही लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना. उन्होंने कहा कि इस बिल के कानून बनने के बाद राजनीतिक विरोधियों के भी फिंगर प्रिंट और डीएनए सैंपल लिए जाने के रास्ते खुल जाएंगे. उनकी छवि अपराधी की तरह बनाई जा सकती है.

इसे भी पढ़ेंः लखनऊ 15 अप्रैल को आएंगे उपराष्ट्रपति, रामलला के दर्शन को जाएंगे अयोध्या

उन्होंने कहा कि गुजरात में पोटा का भी इसी तरह दुरुपयोग किया गया था. यहां तक कि आतंकी घटना में शामिल होने के फर्जी आरोपों में इसके तहत लोगों को फांसी तक की सजाएं सुनाई जातीं थीं जो बाद में सुप्रीम कोर्ट से बरी हो जाते थे. उन्होंने कहा कि इस बिल में यह भी प्रावधान है कि बिना अपराध के भी किसी को भी इसकी साजिश रचने या मंशा रखने के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है.

अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब पुलिस पर सत्ताधारी दल के वर्दीधारी कार्यकर्ता जैसा व्यवहार करने के आरोप लग रहे हों, तब इसके गलत इस्तेमाल की गुंजाइश कितनी बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बिल के पक्ष में भाजपा राज्यसभा सदस्य पूर्व एडीजी कानून व्यवस्था बृजलाल का संबोधन गलत तथ्यों का पुलिंदा था.

शाहनवाज ने कहा कि मायावती सरकार में उनके एडीजी कानून व्यवस्था रहते ही दलित उत्पीड़न के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया को कठिन कर दिया गया था. उनके दलित विरोधी होने का ही इनाम भाजपा ने दिया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Apr 10, 2022, 10:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.