लखनऊ : सरकार आयुष चिकित्सा पद्धति (government ayush system of medicine) को बढ़ावा दे रही है. वहीं, राजधानी में ही इसकी सेवाएं दम तोड़तीं नजर आतीं हैं. ईटीवी भारत की टीम ने गोमतीनगर स्थित नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री और लखनऊ के सांसद रहे स्व. अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा शिलान्यास किए गए मेडिकल कॉलेज बीमार मिला. यहां बेडों से मरीज गायब थे. वहीं, पैथोलॉजी समेत सभी जांचों पर ताला लटका मिला.
वार्ड खाली, कागजों पर नौ मरीज भर्ती : एक तरफ जहां एलोपैथिक मेडिकल कॉलेजों में बेडों का संकट है. बेड फुल होने से मरीजों को निजी अस्पतालों में भटकना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ होम्योपैथिक कॉलेज में वार्ड खाली पड़े हैं. यहां 50 बेड हैं. वहीं, कागजों पर नौ मरीज भर्ती बताए गए जबकि वार्ड में दो मरीज बेड पर मिले.
इसे भी पढ़ेंः चिकित्सा क्षेत्र में व्यवसाय नहीं चैरिटी का भाव होना जरूरी: सीएम
ओपीडी से डॉक्टर गायब : होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज (Homeopathic Medical College) में 16 डॉक्टरों के ओपीडी कक्ष हैं. इसमें से 8 ओपीडी कक्ष में ही डॉक्टर बैठे थे. इनमें ज्यादातर में सीनियर डॉक्टर गायब थे. जूनियर के सहारे ओपीडी सेवा चल रही थी. इसके अलावा प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थियेटर के ताला मिला. ईसीजी, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, पैथोलॉजी पर भी ताला लटकता मिला. इनमें महीनों से मशीनें बंद हैं. यह रखे-रखे खराब हो रही हैं. मरीज प्राइवेट में जांच कराने को मजबूर हैं. इसके साथ ही इमरजेंसी सेवाएं भी ठप हैं.
प्रिंसिपल गायब फोन पर बोले-स्टाफ कम : मेडिकल कॉलेज में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर प्रिंसिपल डॉ. अरविंद कुमार वर्मा के कार्यालय के तरफ टीम गई तो देखा कि यहां पर भी ताला लगा मिला. ऐसे में फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ओपीडी सेवाएं बेहतर ढंग से संचालित की जा रही हैं. पैथोलॉजी और अन्य मशीनें स्टॉफ की कमी की वजह से नहीं चल पा रही हैं. वहीं, डॉक्टर कम होने से इनडोर सेवाएं और ऑपरेशन की प्रक्रिया भी प्रभावित है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप