लखनऊ: इंदिरानगर स्थित मुंशी पुलिया के पास शनिवार को ट्रैफिक पुलिस के दारोगा मुरारी लाल यादव (एचसीपी) पर बोनट पर टांगकर दो सौ मीटर तक घसीटने के मामले में आरोपी अभिषेक वर्मा उर्फ अंशू को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. अभिषेक वर्मा बालाजी वर्कशॉप में मैकेनिक के रूप में काम करता है. उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. अभिषेक के खिलाफ जान से मारने की नीयत से गाड़ी चढ़ाने का मुकदमा दर्ज किया गया था.
ट्रैफिक पुलिस के एचसीपी मुरारी लाल यादव ने एफआईआर लिखायी थी कि 14 अगस्त की सुबह साढ़े 10 बजे मुंशी पुलिया के पास गाड़ी रोकते समय ड्राइवर ने उनके ऊपर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की. खुद को बचाने के लिये वह बोनट पकड़ कर लटक गये तो ड्राइवर उन्हें वाहन पर टांगे हुए ही भागता रहा. उन्होंने किसी तरह गाड़ी से कूद कर अपनी जान बचायी.
ये भी पढ़ें- महिला कर्मचारी को केबिन में बुलाकर स्कूल प्रबंधक पर करता था अश्लील हरकत, जानें फिर क्या हुआ?
इंस्पेक्टर इंदिरानगर अमरनाथ प्रजापति के मुताबिक, गाड़ी नम्बर से पता चला था कि गाड़ी मालिक इंदिरानगर निवासी राना अमर सिंह है. अमर राना से जब पुलिस ने संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी सर्विसिंग के लिये वर्कशॉप में है. इस पर पुलिस बालाजी वर्कशॉप पहुंची तो पता चला कि गाड़ी लेकर चांदन, फरीदीनगर निवासी अभिषेक वर्मा उर्फ अंशू गया था. पुलिस का दावा है कि अंशू को रिंग रोड से पकड़ा गया. वारदात में इस्तेमाल गाड़ी भी जब्त कर ली गई.
महानगर कोतवाली में तैनात सिपाही मैन पाल 10 जून की रात को खाना खाकर ड्यूटी करने जा रहा था. सिपाही महानगर कोतवाली में जीडी मुंशी है. सियाही पोस्ट ऑफिस चौराहे के पास ही पहुंचा था कि पीछे से एक कार सवार ने जोरदार टक्कर मार दी. उसके बाद कार सवार ने घायल सिपाही को अस्पताल ले जाने के बजाए कार के बोनट पर ही लादकर भागने लगे थे. इसी बीच राहगीरों ने यह वारदात देख कार सवार को दौड़ाकर पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस ने घायल सिपाही को इलाज के लिए भाऊराव देवरस अस्पताल महानगर इलाज के लिए भेज दिया था.