ETV Bharat / city

Lucknow University के स्टूडेंट्स पढ़ेंगे 9 वोकेशनल कोर्स, जानिए क्या कुछ होगा खास?

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र अब अपने सामान्य पाठ्यक्रम के साथ 9 वोकेशनल कोर्स भी पढ़ेंगे. यह वोकेशनल कोर्स सेकेंड सेमेस्टर में पढ़ाए जाएंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 के तहत विश्वविद्यालय ने यह व्यवस्था की है.

लखनऊ विश्वविद्यालय
लखनऊ विश्वविद्यालय
author img

By

Published : Jun 30, 2022, 11:35 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र अब अपने सामान्य पाठ्यक्रम के साथ 9 वोकेशनल कोर्स भी पढ़ेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 के तहत विश्वविद्यालय ने यह व्यवस्था की है. विश्वविद्यालय परिसर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही सभी कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा. यह वोकेशनल कोर्स सेकेंड सेमेस्टर में पढ़ाए जाएंगे.

विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए कॉलेजों में व्यवस्थाएं की गई हैं. विद्यार्थी अपनी इच्छा से इनमें से किसी भी वोकेशनल कोर्स को लेकर पढ़ सकते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें तो इससे स्टूडेंट अपनी डिग्री पूरी करने के साथ ही रोजगार के लिए भी तैयार हो सकेंगे. बता दें लखनऊ विश्वविद्यालय से वर्तमान में हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली और लखनऊ के करीब 500 से ज्यादा कॉलेज जुड़े हुए हैं. इनमें स्नातक पाठ्यक्रम में करीब 1 लाख 75 हजार स्टूडेंट पढ़ते हैं. खास बात यह है कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रदेश के पहले राज्य विश्वविद्यालयों में से है, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया गया है. ऐसे में सत्र 2021-22 में जिन स्टूडेंट ने दाखिले लिए हैं वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के हिसाब से पढ़ रहे हैं.

पढ़ाये जाएंगे यह 9 कोर्स : दूसरे सेमेस्टर में संस्कृत विभाग की तरफ से कर्मकांड, साइकोलॉजी विभाग की तरफ से काउंसलिंग एंड गाइडेंस, होम साइंस विभाग की तरफ से फैशन डिजाइनिंग, साइकोलॉजी विभाग की तरफ से हॉलिस्टिक हेल्थ एंड हैप्पीनेस, सांख्यिकी विभाग की तरफ से इंट्रोडक्शन टू स्टैटिसटिकल डाटा एनालिटिक्स वन और इंट्रोडक्शन टू स्टैटिसटिकल डाटा एनालिटिक्स दो पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा. इसी तरह मैथमेटिक्स एंड एस्ट्रोनॉमी विभाग की तरफ से एलीमेंट्री नंबर थ्योरी इन क्रिप्टोग्राफी, इकोनॉमिक्स विभाग की तरफ से फाइनेंशियल लिटरेसी एंड बैंकिंग के साथ कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड डाटा मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें : केएमसी भाषा विश्वविद्यालय में 15 और नेशनल पीजी कॉलेज में 5 जुलाई तक भर सकते हैं दाखिले के फॉर्म
विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से इसे लागू कर दिया गया है और अगले सेमेस्टर में छात्रों को यह पाठ्यक्रम पढ़ाये जाएंगे. हालांकि शिक्षकों में इसको लेकर कुछ आपत्तियां हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे का कहना है कि सरकार की तरफ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आनन-फानन में लागू कराने के लिए विश्वविद्यालयों पर दबाव बनाया जा रहा है. विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती है. नए विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में नुकसान स्टूडेंट को उठाना पड़ सकता है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र अब अपने सामान्य पाठ्यक्रम के साथ 9 वोकेशनल कोर्स भी पढ़ेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 के तहत विश्वविद्यालय ने यह व्यवस्था की है. विश्वविद्यालय परिसर में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही सभी कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा. यह वोकेशनल कोर्स सेकेंड सेमेस्टर में पढ़ाए जाएंगे.

विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए कॉलेजों में व्यवस्थाएं की गई हैं. विद्यार्थी अपनी इच्छा से इनमें से किसी भी वोकेशनल कोर्स को लेकर पढ़ सकते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें तो इससे स्टूडेंट अपनी डिग्री पूरी करने के साथ ही रोजगार के लिए भी तैयार हो सकेंगे. बता दें लखनऊ विश्वविद्यालय से वर्तमान में हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली और लखनऊ के करीब 500 से ज्यादा कॉलेज जुड़े हुए हैं. इनमें स्नातक पाठ्यक्रम में करीब 1 लाख 75 हजार स्टूडेंट पढ़ते हैं. खास बात यह है कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रदेश के पहले राज्य विश्वविद्यालयों में से है, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया गया है. ऐसे में सत्र 2021-22 में जिन स्टूडेंट ने दाखिले लिए हैं वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के हिसाब से पढ़ रहे हैं.

पढ़ाये जाएंगे यह 9 कोर्स : दूसरे सेमेस्टर में संस्कृत विभाग की तरफ से कर्मकांड, साइकोलॉजी विभाग की तरफ से काउंसलिंग एंड गाइडेंस, होम साइंस विभाग की तरफ से फैशन डिजाइनिंग, साइकोलॉजी विभाग की तरफ से हॉलिस्टिक हेल्थ एंड हैप्पीनेस, सांख्यिकी विभाग की तरफ से इंट्रोडक्शन टू स्टैटिसटिकल डाटा एनालिटिक्स वन और इंट्रोडक्शन टू स्टैटिसटिकल डाटा एनालिटिक्स दो पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा. इसी तरह मैथमेटिक्स एंड एस्ट्रोनॉमी विभाग की तरफ से एलीमेंट्री नंबर थ्योरी इन क्रिप्टोग्राफी, इकोनॉमिक्स विभाग की तरफ से फाइनेंशियल लिटरेसी एंड बैंकिंग के साथ कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड डाटा मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें : केएमसी भाषा विश्वविद्यालय में 15 और नेशनल पीजी कॉलेज में 5 जुलाई तक भर सकते हैं दाखिले के फॉर्म
विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से इसे लागू कर दिया गया है और अगले सेमेस्टर में छात्रों को यह पाठ्यक्रम पढ़ाये जाएंगे. हालांकि शिक्षकों में इसको लेकर कुछ आपत्तियां हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे का कहना है कि सरकार की तरफ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आनन-फानन में लागू कराने के लिए विश्वविद्यालयों पर दबाव बनाया जा रहा है. विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती है. नए विषयों को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में नुकसान स्टूडेंट को उठाना पड़ सकता है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.