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यूपी में बीएचयू, एएमयू जैसी टॉप यूनिवर्सिटी से भी आगे निकला लविवि, जानिए नैक ए++ मिलने के क्या हैं फायदे - ऑनलाइन प्रोग्राम

लखनऊ विश्वविद्यालय ने नैक (National Assessment and Accreditation Council) मूल्यांकन में ए++ ग्रेड हासिल किया है. इस उपलब्धि को पाने वाला यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है. लविवि को 4 में से 3.55 प्वाइंट्स मिले हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय
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Published : Jul 26, 2022, 7:08 PM IST

Updated : Jul 26, 2022, 11:28 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय ने नैक (National Assessment and Accreditation Council) मूल्यांकन में ए++ ग्रेड हासिल किया है. इस उपलब्धि को पाने वाला यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सरीखे प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के पास भी यह ग्रेड नहीं है. नैक की तरफ से मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय ए++ ग्रेड दिए जाने की घोषणा की है. लविवि को 4 में से 3.55 प्वाइंट्स मिले हैं. यह 26 जुलाई 2022 से पांच साल के लिए मान्य होगा.


इस मौके पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने प्रेसवार्ता कर न केवल अपने अनुभवों को साझा किया बल्कि, विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों से लेकर छात्रों को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं. उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सतत मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और दिशा निर्देशों के लिए कृतज्ञता जाहिर की. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिक्षा मंत्री से लेकर शासन के अधिकारियों को आभार प्रकट किया. प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि नैक ए++ ग्रेड ने विश्वविद्यालय के लिए कई रास्ते खोल दिए हैं. देश दुनिया की फंडिंग एजेंसी से मदद लेने से लेकर कई अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.

जानकारी देते लविवि के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि सबसे पहली ब्रांडिंग है, जो लविवि को अब देश के टॉप इंस्टीट्यूशंस में ले जाकर खड़ा कर देती है. प्रदेश में किसी भी राज्य विश्वविद्यालय के पास यह ग्रेड नहीं है. देश में चुनिंदा संस्थानों के पास है. प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से लेकर केन्द्र सरकार की कई स्कीम हैं, जिनका लाभ सिर्फ हाई ग्रेडिंग वाले संस्थान ही उठा सकते हैं. जैसे नैक से ए++ प्राप्त संस्थान अपने स्तर पर ऑनलाइन प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं.

यह हैं फायदे : कई कंपनियां अपने कैंपस प्लेसमेंट के लिए सिर्फ देश के टॉप इंस्टीट्यूट्स या विश्वविद्यालयों के साथ जुड़ते हैं. नैक में ए++ मिलने का सबसे बड़ा फायदा छात्रों को यही है कि कैंपस प्लेसमेंट के लिए आने वाली कम्पनियों की संख्या बढ़ जाएगी.

ये भी पढ़ें : AKTU का 22वां स्थापना दिवस आज, इस विश्वविद्यालय के इतिहास में छिपे हैं कई रोचक किस्से
अच्छे संस्थानों से जुड़ सकेंगे : यदि संस्थान के पास नैक के टॉप ग्रेड हैं तो विदेशों में एक अच्छे विश्वविद्यालय के साथ गठजोड़ की संभावना बढ़ जाती है. आने वाले एक्सचेंज, विदेशी छात्रों के लिए भी इनमें दाखिला लेना आसान होता है. वहीं दूसरे संस्थानों के मुकाबले नैक के ए++ ग्रेड वाले संस्थान से पढ़कर निकलने वाले छात्रों को वरीयता मिलना स्वाभाविक है.

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लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय ने नैक (National Assessment and Accreditation Council) मूल्यांकन में ए++ ग्रेड हासिल किया है. इस उपलब्धि को पाने वाला यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सरीखे प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के पास भी यह ग्रेड नहीं है. नैक की तरफ से मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय ए++ ग्रेड दिए जाने की घोषणा की है. लविवि को 4 में से 3.55 प्वाइंट्स मिले हैं. यह 26 जुलाई 2022 से पांच साल के लिए मान्य होगा.


इस मौके पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने प्रेसवार्ता कर न केवल अपने अनुभवों को साझा किया बल्कि, विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों से लेकर छात्रों को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं. उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सतत मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और दिशा निर्देशों के लिए कृतज्ञता जाहिर की. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिक्षा मंत्री से लेकर शासन के अधिकारियों को आभार प्रकट किया. प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि नैक ए++ ग्रेड ने विश्वविद्यालय के लिए कई रास्ते खोल दिए हैं. देश दुनिया की फंडिंग एजेंसी से मदद लेने से लेकर कई अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.

जानकारी देते लविवि के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि सबसे पहली ब्रांडिंग है, जो लविवि को अब देश के टॉप इंस्टीट्यूशंस में ले जाकर खड़ा कर देती है. प्रदेश में किसी भी राज्य विश्वविद्यालय के पास यह ग्रेड नहीं है. देश में चुनिंदा संस्थानों के पास है. प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से लेकर केन्द्र सरकार की कई स्कीम हैं, जिनका लाभ सिर्फ हाई ग्रेडिंग वाले संस्थान ही उठा सकते हैं. जैसे नैक से ए++ प्राप्त संस्थान अपने स्तर पर ऑनलाइन प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं.

यह हैं फायदे : कई कंपनियां अपने कैंपस प्लेसमेंट के लिए सिर्फ देश के टॉप इंस्टीट्यूट्स या विश्वविद्यालयों के साथ जुड़ते हैं. नैक में ए++ मिलने का सबसे बड़ा फायदा छात्रों को यही है कि कैंपस प्लेसमेंट के लिए आने वाली कम्पनियों की संख्या बढ़ जाएगी.

ये भी पढ़ें : AKTU का 22वां स्थापना दिवस आज, इस विश्वविद्यालय के इतिहास में छिपे हैं कई रोचक किस्से
अच्छे संस्थानों से जुड़ सकेंगे : यदि संस्थान के पास नैक के टॉप ग्रेड हैं तो विदेशों में एक अच्छे विश्वविद्यालय के साथ गठजोड़ की संभावना बढ़ जाती है. आने वाले एक्सचेंज, विदेशी छात्रों के लिए भी इनमें दाखिला लेना आसान होता है. वहीं दूसरे संस्थानों के मुकाबले नैक के ए++ ग्रेड वाले संस्थान से पढ़कर निकलने वाले छात्रों को वरीयता मिलना स्वाभाविक है.

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Last Updated : Jul 26, 2022, 11:28 PM IST
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