लखनऊ: कोरोना काल के दौरान जेल में बंद कैदियों ने भी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का परिचय दिया है. जिले के मॉडर्न जेल में बंद कैदियों ने कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए लगभग ढाई लाख मास्क व सैकड़ों पीपीई किट बनायी है. कैदियों की ओर से बनाए गए मास्क और पीपीई किट अस्पतालों, स्वयंसेवी संस्थाओं, विभिन्न विभाग में जिम्मेदारी अदा कर रहे सरकारी कर्मचारी व आम लोगों की कोरोना संक्रमण से रक्षा कर रहे हैं.
कोरोना काल में कैदियों ने निभाई जिम्मेदारी
अपने प्रयासों को लेकर कैदियों का कहना है कि हमसे जो भूल हुई उसकी सजा हमें मिल रही है. समाज हमारे बारे में भले ही नकारात्मक सोच रखता हो, लेकिन हम समाज के प्रति पूरी तरह से सकारात्मक हैं और समाज की बेहतरी के लिए हमसे जो बन पड़ेगा हम करेंगे. समाज के अपने भाई बहनों को बचाने के लिए ही हम दिन रात मेहनत कर रहे हैं. लोगों को हमारे मास्क, पीपीई किट की जरूरत है. इसी सोच से हमें काम करने की ताकत मिलती है.
एक कैदी दिन में बनाता है 105 मास्क
मॉडर्न जेल में पीपीई किट और मास्क के निर्माण के लिए सिलाई मशीन का सेटअप तैयार किया गया है. जहां दिन भर मेहनत कर कैदियों ने 2,40,100 मास्क व 302 पीपीई किट का निर्माण किया है. एक कैदी दिन भर में 105 मास्क व 8 से 10 पीपीई किट तैयार करता है.
इसे भी पढ़ें- कोरोना काल में आर्थिक मजबूती के लिए योगी सरकार ने उठाए ये बड़े कदम
जेलर ने दी जानकारी
मॉडर्न जेल के जेलर अजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत से हमारे कैदी सेवा भाव से मास्क व पीपीई किट का निर्माण कर रहे हैं. पीपीई किट बलरामपुर अस्पताल के डायरेक्टर राजीव लोचन के निर्देशों पर तैयार की जा रही है. उन्होंने ही पीपीई किट को डिजाइन किया है. सबसे पहले 100 पीपीई किट उन्होंने अपने अस्पताल के लिए ली थी और अस्पतालों में प्रयोग के लिए इस किट को पूरी तरह से परफेक्ट बताया है.
कई विभागों को उपलब्ध कराए पीपीई किट
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह पीपीई किट पूरी तरह से कामयाब है. अब तक हमने तमाम अस्पताल, समाज सेवी संस्थान, अन्य जेल व विभागों को मास्क व पीपीई उपलब्ध कराए हैं. मॉडर्न जेल में मास्क व पीपीई किट बना रहे कैदी देवेश ने बताया कि मास्क बनाने के पीछे हमारी भावना सेवा भाव की है. हम इस कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान पूरी मेहनत व लगन के साथ काम कर रहे हैं, जिससे कि समाज में रहने वाले हमारे भाई सुरक्षित रह सकें. मेहनत कर एक कैदी दिन भर काम करके 150 मास्क व 8 से 10 पीपीई किट का निर्माण करता है.