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लखनऊ मेट्रो में मुस्लिम महिलाओं के सफर पर लगी पाबंदी

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Published : May 29, 2019, 10:59 PM IST

राजधानी लखनऊ में मुस्लिम महिलाओं को मेट्रो में सफर को लेकर रोक लगा दी गई है. मुस्लिम महिलाओं को इस बात का मलाल है कि बुर्का पहनकर उन्हें मेट्रो में यात्रा नहीं करने दिया जा रहा है. मुस्लिम महिलाओं ने ईटीवी भारत के जरिए लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से पाबंदी न लगाने की अपील की.

ईटीवी भारत से बात करती मुस्लिम महिलाएं

लखनऊ: शहर की मुस्लिम महिलाओं को मेट्रो में सफर न करने दिए जाने का मामला सामने आया है. मेट्रो स्टेशन से आलमबाग तक सफर न कर पाने का मुस्लिम महिलाओं को मलाल है. मुस्लिम महिलाओं ने ईटीवी भारत के माध्यम से लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से बुर्का पहनकर मेट्रो में सफर करने की अपील की है.

बुर्का पहनकर मेट्रो में सफर करने पर लगी पाबंदी

  • सोमवार को मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर मवैया से आलमबाग के लिए मेट्रो से सफर करने निकली थीं.
  • मेट्रो के गेट पर खड़े सुरक्षा गार्ड ने महिलाओं से बुर्का हटाने की बात कहकर उन्हें यात्रा करने से रोक दिया.
  • मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि बुर्का पहनकर मेट्रो में सफर करने पर कोई पाबंदी न लगाई जाए.
  • उनका कहा कि उनके धर्म में बुर्के का महत्व है और सुरक्षा की दृष्टि से नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकती हैं.
  • बुधवार को ईटीवी भारत ने यात्रा से वंचित उस परिवार के घर पहुंचकर बातचीत की.
    ईटीवी भारत से बात करती मुस्लिम महिलाएं

मवैया से आलमबाग के लिए मेट्रो से सफर करने गए थे, लेकिन हमें गेट पर ही रोक दिया गया. हमारी मांग है कि हमें नकाब पहनकर मेट्रो में सफर करने से मना न किया जाए.
-तूबा सिद्दीकी, यात्री

घर की पांच महिलाओं के साथ मवैया स्टेशन पहुंचने के बाद हमने 90 रुपये के 6 टोकन लिए, लेकिन जैसे ही अंदर जाने लगे महिलाओं को नोजपीस उतारने के लिए कहा गया. जब हमने मना किया तो सुरक्षा गार्ड वहां पर नोकझोंक करने लगे. बुर्के में सफर नहीं करने देने का यह कदम बिल्कुल भी सही नहीं है. हमने लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी से इसकी शिकायत की है.
-माज अहमद , यात्री

लखनऊ: शहर की मुस्लिम महिलाओं को मेट्रो में सफर न करने दिए जाने का मामला सामने आया है. मेट्रो स्टेशन से आलमबाग तक सफर न कर पाने का मुस्लिम महिलाओं को मलाल है. मुस्लिम महिलाओं ने ईटीवी भारत के माध्यम से लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से बुर्का पहनकर मेट्रो में सफर करने की अपील की है.

बुर्का पहनकर मेट्रो में सफर करने पर लगी पाबंदी

  • सोमवार को मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनकर मवैया से आलमबाग के लिए मेट्रो से सफर करने निकली थीं.
  • मेट्रो के गेट पर खड़े सुरक्षा गार्ड ने महिलाओं से बुर्का हटाने की बात कहकर उन्हें यात्रा करने से रोक दिया.
  • मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि बुर्का पहनकर मेट्रो में सफर करने पर कोई पाबंदी न लगाई जाए.
  • उनका कहा कि उनके धर्म में बुर्के का महत्व है और सुरक्षा की दृष्टि से नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकती हैं.
  • बुधवार को ईटीवी भारत ने यात्रा से वंचित उस परिवार के घर पहुंचकर बातचीत की.
    ईटीवी भारत से बात करती मुस्लिम महिलाएं

मवैया से आलमबाग के लिए मेट्रो से सफर करने गए थे, लेकिन हमें गेट पर ही रोक दिया गया. हमारी मांग है कि हमें नकाब पहनकर मेट्रो में सफर करने से मना न किया जाए.
-तूबा सिद्दीकी, यात्री

घर की पांच महिलाओं के साथ मवैया स्टेशन पहुंचने के बाद हमने 90 रुपये के 6 टोकन लिए, लेकिन जैसे ही अंदर जाने लगे महिलाओं को नोजपीस उतारने के लिए कहा गया. जब हमने मना किया तो सुरक्षा गार्ड वहां पर नोकझोंक करने लगे. बुर्के में सफर नहीं करने देने का यह कदम बिल्कुल भी सही नहीं है. हमने लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी से इसकी शिकायत की है.
-माज अहमद , यात्री

Intro:मेट्रो में सफर न कर पाने का मुस्लिम महिलाओं को मलाल, 'ईटीवी भारत' से कहा मेट्रो न लगाए इस तरह की पाबंदी

लखनऊ। लखनऊ मेट्रो में मेट्रो स्टेशन से आलमबाग तक सफर न कर पाने का मुस्लिम महिलाओं को मलाल है। मुस्लिम महिलाओं ने 'ईटीवी भारत' के माध्यम से लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन से अपील की है कि बुर्का पहनकर मेट्रो में सफर करने पर महिलाओं पर कोई पाबंदी ना लगाएं। हमारे धर्म में बुर्के का महत्व है।हम सुरक्षा की दृष्टि से नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे, लेकिन यह न्याय नहीं है कि हमें सफर करने से रोका जाए। बता दें की सोमवार की शाम मवैया कॉलोनी की महिलाएं बुर्का पहनकर मवैया से आलमबाग के लिए मेट्रो से सफर करने निकली थीं, लेकिन गेट पर ही सुरक्षा गार्ड ने बुर्का हटाने की बात कहकर उन्हें रोक दिया। आधा घंटे तक बातचीत के बाद बात नहीं बनी तो बिना मेट्रो में यात्रा किए ही मुस्लिम परिवार अपने घर लौट आया। आज 'ईटीवी भारत' ने यात्रा से वंचित उस परिवार के घर पहुंचकर बातचीत की।


Body:मेट्रो में सफर करने से वंचित रह गईं तूबा सिद्दीकी बताती हैं कि मवैया से आलमबाग के लिए मेट्रो से सफर करने गए थे, लेकिन गेट पर ही रोक दिया गया।वहां पर महिला सुरक्षा गार्डों ने कहा कि पहले अपना नोसपीस उतारो उसके बाद ही अंदर जा पाओगी। जब मैंने केबिन के अंदर चेक कर लेने के लिए कहा तो भी उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। अंदर किसी कीमत पर भी नहीं जाने दिया गया। इससे पहले भी एक बार रोका गया था लेकिन जब हमने नकाब नहीं उतारने की बात कही तो अनुमति दे दी गई। तूबा बताती हैं कि जब हमने बुर्का उतारने से मना कर दिया तो वहां पर महिला और पुरुष सुरक्षा गार्ड सभी हंस रहे थे। हमारी मांग है कि हमें नकाब पहनकर मेट्रो से सफर करने से मना न किया जाए।


Conclusion:अपने परिजनों के साथ मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो से सफर के लिए पहुंचे माज अहमद बताते हैं कि घर की पांच महिलाओं के साथ मवैया स्टेशन पहुंचने के बाद हमने ₹90 के 6 टोकन लिए, लेकिन जैसे ही अंदर जाने लगे महिलाओं को नोजपीस उतारने के लिए कह दिया गया जब हमने मना किया तो सुरक्षा गार्ड वहां पर नोकझोंक करने लगे करीब आधे घंटे तक बहस होती रही लेकिन उन्होंने बुर्के में मेट्रो से सफर करने की इजाजत नहीं दी जिसके बाद हम लोग अपने घर लौट आए। सभी 6 टोकन वापस कर दिए जिसके बदले में मेट्रो स्टेशन पर हमें हमारे ₹90 दे दिए गए। बुर्के में सफर नहीं करने देने का यह कदम बिल्कुल सही नहीं है। हमने लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के एमडी से शिकायत की है। बता रहे हैं कि कार्रवाई चल रही है।
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