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क्या है ब्लड कैंसर, चिकित्सक ने बताये लक्षण और वजह

ब्लड कैंसर मरीज के सेल्स के उत्पादन और कार्य को प्रभावित करता है. ब्लड कैंसर बोन मेरो में शुरू होता है. जो ब्लड उत्पादन का अभिन्न स्रोत है. बोन मेरो में स्टेम सेल्स मच्योर होती है. ब्लड कैंसर ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और माइलोमा तीन प्रकार के होते हैं.

कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ शैलेन्द्र वर्मा
कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ शैलेन्द्र वर्मा
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Published : Jul 25, 2022, 8:50 PM IST

लखनऊ : ब्लड कैंसर मरीज के सेल्स के उत्पादन और कार्य को प्रभावित करता है. ब्लड कैंसर बोन मेरो में शुरू होता है. जो ब्लड उत्पादन का अभिन्न स्रोत है. बोन मेरो में स्टेम सेल्स मच्योर होती है. ब्लड कैंसर तीन प्रकार के होते हैं ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और माइलोमा. जिसमें ज्यादातर मरीज ल्यूकेमिया और लिम्फोमा से पीड़ित होते हैं. यह बातें केजीएमयू के हेमेटोलॉजी विभाग (Hematology Department) के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने बताईं. उन्होंने बताया कि हमारे यहां सप्ताह में तीन दिन ओपीडी चलती है. अधिकतर मरीज अस्पतालों से रेफर होकर आते हैं और कुछ नए केस विभाग में भी आते हैं. कुल मिलाकर रोजाना 200 मरीज देखे जाते हैं.

डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि कैंसर हमारे डीएनए में परेशानी के कारण होता है. आमतौर पर हमारे डीएनए में ये बदलाव उन कारणों से होते हैं, जिन्हें हम समझ नहीं सकते हैं और उन चीजों से जुड़े होते हैं, जिन्हें हम नियंत्रित नहीं कर सकते हैं. ज्यादातर मामलों में मरीज समझ ही नहीं पाते कि डीएनए में होने वाले परिवर्तनों का कारण क्या है. ऐसी कई चीजें हैं जो कुछ प्रकार के ब्लड कैंसर को विकसित करने में सहायक होती हैं. वहीं माइलोमा केवल वयस्कों को प्रभावित करता है, जबकि लिम्फोमा आमतौर पर 15 से 25 व 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में विकसित होता है.

बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

- रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना.
- एचआईवी या एड्स के संक्रमण के कारण.
- एक्स-रे या अन्य रेडिएशन किरणों के संपर्क में आने से.
- कीमोथेरेपी कराने के बाद रक्त कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
- कीटनाशकों (मच्छर और कॉकोच मारने की दवा) और नाइट्रेटयुक्त पानी का प्रयोग करने से कैंसर होने का खतरा बढ़ता है.
- आनुवंशिकता यानी घर में किसी को रक्त कैंसर है तो उसके बच्चे को भी कैंसर होने का खतरा हो सकता है.
- ब्लड कैंसर 30 साल या उससे अधिक होने पर होता है.

- धूम्रपान और तंबाकू खाने से भी ब्लड कैंसर हो सकता है.

ब्लड कैंसर के लक्षण : उन्होंने बताया कि कई प्रकार के कैंसर आपके ब्लड को बनाने वाली सेल्स पर हमला करते हैं. उनके लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे आते हैं, इसलिए आप उन्हें नोटिस भी नहीं कर सकते हैं. कुछ लोगों में ब्लड कैंसर के शुरूआती लक्षण नहीं दिखाई देते, हालांकि ब्लड कैंसर के कुछ लक्षण सामान्य हो सकते हैं पर अधिकतर लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं. ब्लड कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं.

- बुखार, ठंड लगना
- लगातार थकान, जी मिचलाना
- वजन घटना.
- भूख कम लगना.
- सिरदर्द होना.
- सांस लेने में तकलीफ होना बॉडी की इम्युनिटी घटना.
- लगातार खून बहना.
- जल्दी-जल्दी चोट लग जाना.
- मसूड़ों से खून आना.
- दिखाई देने में परेशानी होने के साथ सिरदर्द होना.
- पेशाब करने में तकलीफ होना.


ल्यूकेमिया कैंसर : ब्लड सेल्स हमारी बोन मेरो में बनती है और यहीं से ल्यूकेमिया शुरू होता है. ल्यूकेमिया से हमारे शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बहुत अधिक मात्रा में बनते हैं जो कंट्रोल नहीं होते हैं. ये सेल्स अपने लाइफटाइम पीरियड से ज्यादा समय तक जीवित रहते हैं. ल्यूकेमिया में व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) रोगों से नहीं लड़ पाती. जिसकी वजह से रोगी अक्सर बीमार रहने लगता है और ठीक होने में सामान्य से ज्यादा समय लेता है. इसके अलावा बुखार के साथ-साथ रात में पसीना आना भी आम बात हो सकती है. कैंसर लिम्फ नोड्स, लिवर और टॉन्सिल्स में फैल जाती है और उनमें सूजन का कारण बन सकती है. इसके अलावा आपका वजन कम होना, भूख न लगना आम समस्याएं हो सकती हैं.
लक्षण
- थकान और कमजोरी.
- सांस लेने में तकलीफ होना.
- चक्कर आना.
- त्वचा का पीला पड़ना.
- छाती में दर्द.

लिम्फोमा कैंसर : डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि लिम्फ नोड्स में सूजन आना लिम्फोमा का मुख्य लक्षण होता है. इसके अलावा रोगी की गर्दन, बगल या ग्रोइन में एक गांठ बन जाती है. खांसी होना, सांस लेने में तकलीफ होना. छाती, पेट और हड्डियों में दर्द इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं. सूजे हुए लिम्फ नॉड्स में आमतौर पर दर्द नहीं होता, लेकिन अल्कोहल पीने से इनमें दर्द हो सकता है.
ये भी पढ़ें : गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल को लेकर ATS खंगाल रही यूपी कनेक्शन, इंट्रोगेशन रिपोर्ट का है इंतजार

लक्षण
- बुखार.
- रात में पसीना आना.
- थकान और कमजोरी आना.
-अनियमित वजन का घटना
-खुजली होना.

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लखनऊ : ब्लड कैंसर मरीज के सेल्स के उत्पादन और कार्य को प्रभावित करता है. ब्लड कैंसर बोन मेरो में शुरू होता है. जो ब्लड उत्पादन का अभिन्न स्रोत है. बोन मेरो में स्टेम सेल्स मच्योर होती है. ब्लड कैंसर तीन प्रकार के होते हैं ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और माइलोमा. जिसमें ज्यादातर मरीज ल्यूकेमिया और लिम्फोमा से पीड़ित होते हैं. यह बातें केजीएमयू के हेमेटोलॉजी विभाग (Hematology Department) के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने बताईं. उन्होंने बताया कि हमारे यहां सप्ताह में तीन दिन ओपीडी चलती है. अधिकतर मरीज अस्पतालों से रेफर होकर आते हैं और कुछ नए केस विभाग में भी आते हैं. कुल मिलाकर रोजाना 200 मरीज देखे जाते हैं.

डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि कैंसर हमारे डीएनए में परेशानी के कारण होता है. आमतौर पर हमारे डीएनए में ये बदलाव उन कारणों से होते हैं, जिन्हें हम समझ नहीं सकते हैं और उन चीजों से जुड़े होते हैं, जिन्हें हम नियंत्रित नहीं कर सकते हैं. ज्यादातर मामलों में मरीज समझ ही नहीं पाते कि डीएनए में होने वाले परिवर्तनों का कारण क्या है. ऐसी कई चीजें हैं जो कुछ प्रकार के ब्लड कैंसर को विकसित करने में सहायक होती हैं. वहीं माइलोमा केवल वयस्कों को प्रभावित करता है, जबकि लिम्फोमा आमतौर पर 15 से 25 व 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में विकसित होता है.

बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

- रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना.
- एचआईवी या एड्स के संक्रमण के कारण.
- एक्स-रे या अन्य रेडिएशन किरणों के संपर्क में आने से.
- कीमोथेरेपी कराने के बाद रक्त कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
- कीटनाशकों (मच्छर और कॉकोच मारने की दवा) और नाइट्रेटयुक्त पानी का प्रयोग करने से कैंसर होने का खतरा बढ़ता है.
- आनुवंशिकता यानी घर में किसी को रक्त कैंसर है तो उसके बच्चे को भी कैंसर होने का खतरा हो सकता है.
- ब्लड कैंसर 30 साल या उससे अधिक होने पर होता है.

- धूम्रपान और तंबाकू खाने से भी ब्लड कैंसर हो सकता है.

ब्लड कैंसर के लक्षण : उन्होंने बताया कि कई प्रकार के कैंसर आपके ब्लड को बनाने वाली सेल्स पर हमला करते हैं. उनके लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे आते हैं, इसलिए आप उन्हें नोटिस भी नहीं कर सकते हैं. कुछ लोगों में ब्लड कैंसर के शुरूआती लक्षण नहीं दिखाई देते, हालांकि ब्लड कैंसर के कुछ लक्षण सामान्य हो सकते हैं पर अधिकतर लक्षण इसके प्रकार पर निर्भर करते हैं. ब्लड कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं.

- बुखार, ठंड लगना
- लगातार थकान, जी मिचलाना
- वजन घटना.
- भूख कम लगना.
- सिरदर्द होना.
- सांस लेने में तकलीफ होना बॉडी की इम्युनिटी घटना.
- लगातार खून बहना.
- जल्दी-जल्दी चोट लग जाना.
- मसूड़ों से खून आना.
- दिखाई देने में परेशानी होने के साथ सिरदर्द होना.
- पेशाब करने में तकलीफ होना.


ल्यूकेमिया कैंसर : ब्लड सेल्स हमारी बोन मेरो में बनती है और यहीं से ल्यूकेमिया शुरू होता है. ल्यूकेमिया से हमारे शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बहुत अधिक मात्रा में बनते हैं जो कंट्रोल नहीं होते हैं. ये सेल्स अपने लाइफटाइम पीरियड से ज्यादा समय तक जीवित रहते हैं. ल्यूकेमिया में व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) रोगों से नहीं लड़ पाती. जिसकी वजह से रोगी अक्सर बीमार रहने लगता है और ठीक होने में सामान्य से ज्यादा समय लेता है. इसके अलावा बुखार के साथ-साथ रात में पसीना आना भी आम बात हो सकती है. कैंसर लिम्फ नोड्स, लिवर और टॉन्सिल्स में फैल जाती है और उनमें सूजन का कारण बन सकती है. इसके अलावा आपका वजन कम होना, भूख न लगना आम समस्याएं हो सकती हैं.
लक्षण
- थकान और कमजोरी.
- सांस लेने में तकलीफ होना.
- चक्कर आना.
- त्वचा का पीला पड़ना.
- छाती में दर्द.

लिम्फोमा कैंसर : डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि लिम्फ नोड्स में सूजन आना लिम्फोमा का मुख्य लक्षण होता है. इसके अलावा रोगी की गर्दन, बगल या ग्रोइन में एक गांठ बन जाती है. खांसी होना, सांस लेने में तकलीफ होना. छाती, पेट और हड्डियों में दर्द इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं. सूजे हुए लिम्फ नॉड्स में आमतौर पर दर्द नहीं होता, लेकिन अल्कोहल पीने से इनमें दर्द हो सकता है.
ये भी पढ़ें : गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल को लेकर ATS खंगाल रही यूपी कनेक्शन, इंट्रोगेशन रिपोर्ट का है इंतजार

लक्षण
- बुखार.
- रात में पसीना आना.
- थकान और कमजोरी आना.
-अनियमित वजन का घटना
-खुजली होना.

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