लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण के ट्रांसपोर्ट नगर आवासीय योजना के अंतर्गत हुए भूखंड घोटाले में नया मामला सामने आया है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जब इस भूखंड घोटाले की जांच कराई तो 11 भूखंड का मालिकाना हक किसी के पास नहीं मिला. इसके बाद अब एलडीए की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है. इंडिया की तरफ से फर्जीवाड़ा करने वाले कंप्यूटर सेक्शन के कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से किसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनके नाम नहीं बताए जा सके हैं.
ट्रांसपोर्ट नगर योजना में हुआ था फर्जीवाड़ा
लखनऊ विकास प्राधिकरण के स्तर पर हुई जांच में यह बात सामने आई कि 11 भूखंड को दलालों ने एलडीए के भावों से मिलीभगत करके सरकारी दस्तावेजों में कंप्यूटर में दर्ज करवा लिए और इसी के सहारे फर्जीवाड़ा किया गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण इन 11 भूखंड, जिनका कोई मालिकाना हक नहीं मिल पाया है. उन्हें नीलाम भी करेगा.
एलडीए वीसी ने कराई थी जांच
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने इस पूरे मामले की जानकारी इंडिया सचिव पवन कुमार गंगवार को दी थी, जिसके बाद अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में यह जांच कराई गई. जांच में यह बात सामने आई कि कुल 11 भूखंड ऐसे मिले हैं, जिनके आवंटन से संबंधित दस्तावेज लखनऊ विकास प्राधिकरण में नहीं मिले हैं और कंप्यूटर में 3 भूखंडों को दर्ज किया गया है. इसके साथ ही आवंटन न होने के बावजूद कंप्यूटर में जो रिकॉर्ड फीड किए गए, उनमें फर्जीवाड़ा किया गया है. अब लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इन सभी 11 भूखंड को अपने कब्जे में ले लिया है.
11 भूखंडों की होगी नीलामी
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा का कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना के अंतर्गत कंप्यूटर के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ के मामले में जांच रिपोर्ट पूरी हुई है. 11 भूखंड के दस्तावेज नहीं मिले हैं. ऐसे में इन 11 भूखंडों की नीलामी कराई जाएगी. नीलामी की प्रक्रिया आने वाले कुछ समय में पूरी कराई जाएगी.