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महिला न्यायिक अधिकारी से दुर्व्यवहार का मामला, आरोपी वकीलों ने किया आत्मसमर्पण - lucknow news in hindi

लखनऊ में महिला न्यायिक अधिकारी से दुर्व्यवहार करने के अभियुक्त अधिवक्ता शरद यादव, सौरभ प्रताप सिंह व अभिषेक शुक्ला ने सोमवार को आशियाना थाना से सम्बंधित धोखाधड़ी व तोड़फोड़ के मामलों में आत्मसमर्पण कर दिया.

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Published : Jan 10, 2022, 10:02 PM IST

लखनऊ: महिला न्यायिक अधिकारी से दुर्व्यवहार करने के अभियुक्त अधिवक्ता शरद यादव, सौरभ प्रताप सिंह व अभिषेक शुक्ला ने सोमवार को आशियाना थाना से सम्बंधित धोखाधड़ी व तोड़फोड़ के मामलों में आत्म-समर्पण कर दिया. इसके बाद सभी अधिवक्ताओं को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने आगामी 21 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

अधिवक्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2017 में तत्कालीन महिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से अभद्रता कर धमकी दी थी. इस मामले में लखनऊ की वजीरगंज पुलिस ने अधिवक्ताओं पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था. आशियाना थाने में अवर अभियंता अशोक कुमार और माया ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले में विवेचना के दौरान अधिवक्ता विनय कुमार मिश्रा, वीरेंद्र सिंह सोमवंशी, सौरभ प्रताप सिंह, राजकुमार शर्मा उर्फ राज, अभिषेक शुक्ला, राकेश कुमार पांडेय और शरद यादव का नाम सामने आया था.

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पुलिस के अनुसार इन अधिवक्ताओं की पुलिस को काफी दिनों से तलाश थी. अदालती पत्रावली के अनुसार आशियाना पुलिस ने 4 जनवरी को सभी आरोपी अधिवक्ताओं के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करने के साथ-साथ उन्हें भगोड़ा घोषित करने की मांग वाली अर्जी अदालत में दी थी. इस पर अदालत ने सभी सातों आरोपी अधिवक्ताओं के विरुद्ध गिरफ्तारी अधिपत्र जारी किया था, जिसके बाद अधिवक्ता शरद यादव, सौरभ प्रताप सिंह व अभिषेक शुक्ला ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया तथा जमानत के आवेदन पत्र भी पेश किया.

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लखनऊ: महिला न्यायिक अधिकारी से दुर्व्यवहार करने के अभियुक्त अधिवक्ता शरद यादव, सौरभ प्रताप सिंह व अभिषेक शुक्ला ने सोमवार को आशियाना थाना से सम्बंधित धोखाधड़ी व तोड़फोड़ के मामलों में आत्म-समर्पण कर दिया. इसके बाद सभी अधिवक्ताओं को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने आगामी 21 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

अधिवक्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2017 में तत्कालीन महिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से अभद्रता कर धमकी दी थी. इस मामले में लखनऊ की वजीरगंज पुलिस ने अधिवक्ताओं पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था. आशियाना थाने में अवर अभियंता अशोक कुमार और माया ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले में विवेचना के दौरान अधिवक्ता विनय कुमार मिश्रा, वीरेंद्र सिंह सोमवंशी, सौरभ प्रताप सिंह, राजकुमार शर्मा उर्फ राज, अभिषेक शुक्ला, राकेश कुमार पांडेय और शरद यादव का नाम सामने आया था.

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पुलिस के अनुसार इन अधिवक्ताओं की पुलिस को काफी दिनों से तलाश थी. अदालती पत्रावली के अनुसार आशियाना पुलिस ने 4 जनवरी को सभी आरोपी अधिवक्ताओं के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करने के साथ-साथ उन्हें भगोड़ा घोषित करने की मांग वाली अर्जी अदालत में दी थी. इस पर अदालत ने सभी सातों आरोपी अधिवक्ताओं के विरुद्ध गिरफ्तारी अधिपत्र जारी किया था, जिसके बाद अधिवक्ता शरद यादव, सौरभ प्रताप सिंह व अभिषेक शुक्ला ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया तथा जमानत के आवेदन पत्र भी पेश किया.

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