लखनऊः उत्तर प्रदेश में निर्माण श्रमिकों की संख्या के मामले में प्रयागराज (prayagraj became city of workers) ने कानपुर को पीछे छोड़ दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में विधान परिषद में जो आंकड़े पेश किए हैं. उसके अनुसार प्रयागराज नंबर एक पर है. जबकि, कानपुर दूसरे नंबर पर है. वहीं लखनऊ इस सूची में दसवें नंबर पर है. राजधानी होने के बावजूद यहां पंजीकरण की जागरूकता कम है. उत्तर प्रदेश में कुल 1,52,35,042 निर्माण श्रमिक हैं. इन आंकड़ों के आधार पर उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में जो भी निर्माण नक्शा पास करके किया जाता है. इसमें सर्किल रेट के हिसाब से आधा प्रतिशत सेस टैक्स और श्रमिकों के विकास के लिए लेबर सेस टैक्स लिया जाता है. ऐसे में इन निर्माण श्रमिकों के लिए अरबों रुपए की योजनाएं सरकार चला रही है. इसका सबसे अधिक लाभ प्रयागराज के श्रमिक को मिल रहा है.
उत्तर प्रदेश के श्रम कल्याण मंत्री अनिल राजभर (Labor Welfare Minister Anil Rajbhar) ने विधान परिषद में बताया था कि निर्माण क्षेत्र के असंगठित मजदूरों को लाभ देने के लिए उनका पंजीकरण तेजी से किया जा रहा है. श्रम कल्याण बोर्ड ने जब से अपना गठन किया है, तब से योजनाओं का लाभ देने के लिए श्रमिकों को लगातार जोड़ा जा रहा है. प्रत्येक जिले में कितने निर्माण श्रमिक हैं श्रम कल्याण मंत्री ने इसकी जानकारी भी सदन के टेबल पर रखी. उन्होंने बताया कि सभी पंजीकृत मजदूरों को श्रम कल्याण बोर्ड की ओर से जो भी योजनाएं हैं. उनके लाभ का पात्र पाया गया है और इन तक वे लाभ पहुंचाए जा रहे हैं.
मजदूरों की संख्या टॉप पर हैं ये शहर
- प्रयागराज में- 722435
- कानपुर नगर में- 569169
- सहारनपुर में- 557905
- मेरठ में- 553646
- बिजनौर में - 5083076
- आगरा में- 496204
- मुजफ्फरनगर में- 427258
- मुरादाबाद में- 421203
- बरेली में- 402433
श्रम कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने ऐसे ही अन्य 65 जिलों की जानकारी की सूची भी सदन में पेश की. उत्तर प्रदेश में कुल निर्माण श्रमिकों की संख्या 1,52,35,042 है. अनिल राजभर ने बताया कि इन निर्माण श्रमिकों के लिए चिकित्सा, पढ़ाई और आवास इसके अलावा मुफ्त राशन की व्यवस्था सरकार की ओर से की जा रही है.
ये भी पढ़ेंः पीएम मोदी 28 को करेंगे अयोध्या में लता मंगेशकर चौक का उद्घाटन, शामिल होंगे बॉलीवुड दिग्गज