लखनऊ: बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों ने एक ऐसा एप्लीकेशन विकसित किया है, जो यह बता देगा कि बिल कहां से जनरेट हुआ है. बिल को उपभोक्ता के परिसर में जाकर मीटर की रीडिंग देखकर जरनरेट किया गया है या फिर बिना मीटर रीडिंग देखे कहीं और से ही जनरेट कर दिया गया है. इस एप्पलीकेशन से विभाग के साथ ही उपभोक्ताओं को भी काफी सहूलियत मिलेगी और गलत बिलिंग की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा. जिससे उपभोक्ताओं को विद्युत उपकेंद्र के चक्कर नहीं काटने होंगे. राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष जीवी पटेल ने इस कंप्यूटर एप्लीकेशन को बनाने के लिए संगठन के सदस्यों को बधाई दी है.
गलत बिजली बिलिंग की समस्या से छुटकारा दिलाएगा ये कंप्यूटर एप्लीकेशन - बिजली विभाग के इंजीनीयिरों ने बनाया कंप्यूटर एप्लीकेशन
बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों ने एक ऐसा कंप्यूटर एप्लीकेशन विकसित किया है जो आने वाले समय में उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग की समस्या से निजात दिला सकता है. यह कंप्यूटर एप्लीकेशन यह बताएगा कि, बिल उपभोक्ता के परिसर से जनरेट किया गया है या उपभोक्ता के परिसर पर गए बैगर बिना मीटर रीडिंग लिए गलत बिल किसी दूसरी जगह से जनरेट कर दिया गया है.
लखनऊ: बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियरों ने एक ऐसा एप्लीकेशन विकसित किया है, जो यह बता देगा कि बिल कहां से जनरेट हुआ है. बिल को उपभोक्ता के परिसर में जाकर मीटर की रीडिंग देखकर जरनरेट किया गया है या फिर बिना मीटर रीडिंग देखे कहीं और से ही जनरेट कर दिया गया है. इस एप्पलीकेशन से विभाग के साथ ही उपभोक्ताओं को भी काफी सहूलियत मिलेगी और गलत बिलिंग की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा. जिससे उपभोक्ताओं को विद्युत उपकेंद्र के चक्कर नहीं काटने होंगे. राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष जीवी पटेल ने इस कंप्यूटर एप्लीकेशन को बनाने के लिए संगठन के सदस्यों को बधाई दी है.