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ट्रॉमा सेंटर में स्क्रीन पर मिलेगी बेड की जानकारी, बच्चों की बीमारी का नई विधि से होगा इलाज - केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी

लखनऊ में केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर का सिस्टम सुधरेगा. कर्मचारी बेड खाली होने पर मरीज से बहाना नहीं बना सकेंगे. इसके लिए अब भूतल पर ही एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी.

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Published : Nov 11, 2021, 9:00 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में स्क्रीन पर मिलेगी बेड की जानकारी मिलेगी. इस पर विभिन्न विभागों की इमरजेंसी यूनिट के खाली व भरे बेड का ब्यौरा पल-पल अपडेट होगा. वहीं संस्थान में बच्चों की बीमारी का नई विधि से इलाज शुरू किया गया है.


केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में 419 बेड हैं. यहां हर रोज 300 से अधिक मरीज आते हैं. इनमें 100-120 मरीजों की 24 घंटे में भर्ती किए जाते हैं. कई मरीज बेड उपलब्ध न होने के कारण भर्ती नहीं हो किये जाते हैं. बेड खाली होने पर कई बार तीमारदारों से विवाद हो जाता है. मरीजों का दबाव के चलते यहां एक-एक बेड को लेकर मारामारी रहती है.

खाली बेड की जानकारी के लिए तीमारदारों को ट्रॉमा सेंटर के वार्ड्स में नहीं जाना पड़ेगा. इससे मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब स्क्रीन पर ट्रॉमा सेंटर में उपलब्ध बेड और वेंटीलेटर का ब्यौरा दिखायी देगा. ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि सभी विभागों को ई-हॉस्पिटल से जोड़ा जा रहा है. मंगलवार को राज्यपाल की संस्तुति के बाद प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने ट्रामा सेंटर के लेवल-वन का आदेश जारी किया है.

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में सभी तरह की सुपर स्पेशियालिटी सुविधाएं मरीजों को मुहैया कराई जा रही हैं. यहां 24 घंटे में सीटी स्कैन, एक्सरे, पैथोलॉजी संबंधी जांच हो रही हैं. वहीं न्यूरो सर्जरी, प्लॉस्टिक सर्जरी, ट्रॉमा सर्जरी, पीडियाट्रिक, एनआईसीयू, आईसीयू समेत दूसरी सुविधाएं मरीजों को मुहैया कराई जा रही हैं।


बच्चों को कई बार पेशाब के रिसाव की बीमारी होती है. केजीएमयू पीडियाट्रिक सर्जरी में इसका बेहतर इलाज शुरू हुआ है. नई तकनीक से ऑपरेशन कर बच्चे को पेशाब संबंधी दिक्कतों से निजात दिलाने में कामयाबी मिल रही है. पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एसएन कुरील की टीम की डॉ. अर्चिका गुप्ता और डॉ. सुनील कनौजिया ने एक्सस्ट्रोफी-एपिस्पेडिया के क्षेत्र में शोध किया है. इसका प्रकाशन अमेरिकन मेडिकल पब्लिशर ने किया है.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर में बोले अखिलेश- उत्तराखंड से पलायन करके आए बाबा ने यूपी को बर्बाद कर दिया

गुरुवार को कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने विभाग के पूर्व अध्यक्ष व डॉक्टरों की टीम को सम्मानित किया. डॉ. एसएन कुरील के मुतबिक मल्टीवॉल्यूम टेक्स्ट बुक ऑफ प्लास्टिक रिकंस्ट्रक्टिव एंड एस्थेटिक सर्जरी में एक्सस्ट्रोफी एंड एपिस्पेडियास-एनाटोमिकल एंड सर्जिकल कंसीडरेशन नाम की पुस्तक अध्याय के रूप में रखा गया है.

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लखनऊ: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में स्क्रीन पर मिलेगी बेड की जानकारी मिलेगी. इस पर विभिन्न विभागों की इमरजेंसी यूनिट के खाली व भरे बेड का ब्यौरा पल-पल अपडेट होगा. वहीं संस्थान में बच्चों की बीमारी का नई विधि से इलाज शुरू किया गया है.


केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में 419 बेड हैं. यहां हर रोज 300 से अधिक मरीज आते हैं. इनमें 100-120 मरीजों की 24 घंटे में भर्ती किए जाते हैं. कई मरीज बेड उपलब्ध न होने के कारण भर्ती नहीं हो किये जाते हैं. बेड खाली होने पर कई बार तीमारदारों से विवाद हो जाता है. मरीजों का दबाव के चलते यहां एक-एक बेड को लेकर मारामारी रहती है.

खाली बेड की जानकारी के लिए तीमारदारों को ट्रॉमा सेंटर के वार्ड्स में नहीं जाना पड़ेगा. इससे मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब स्क्रीन पर ट्रॉमा सेंटर में उपलब्ध बेड और वेंटीलेटर का ब्यौरा दिखायी देगा. ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि सभी विभागों को ई-हॉस्पिटल से जोड़ा जा रहा है. मंगलवार को राज्यपाल की संस्तुति के बाद प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने ट्रामा सेंटर के लेवल-वन का आदेश जारी किया है.

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में सभी तरह की सुपर स्पेशियालिटी सुविधाएं मरीजों को मुहैया कराई जा रही हैं. यहां 24 घंटे में सीटी स्कैन, एक्सरे, पैथोलॉजी संबंधी जांच हो रही हैं. वहीं न्यूरो सर्जरी, प्लॉस्टिक सर्जरी, ट्रॉमा सर्जरी, पीडियाट्रिक, एनआईसीयू, आईसीयू समेत दूसरी सुविधाएं मरीजों को मुहैया कराई जा रही हैं।


बच्चों को कई बार पेशाब के रिसाव की बीमारी होती है. केजीएमयू पीडियाट्रिक सर्जरी में इसका बेहतर इलाज शुरू हुआ है. नई तकनीक से ऑपरेशन कर बच्चे को पेशाब संबंधी दिक्कतों से निजात दिलाने में कामयाबी मिल रही है. पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एसएन कुरील की टीम की डॉ. अर्चिका गुप्ता और डॉ. सुनील कनौजिया ने एक्सस्ट्रोफी-एपिस्पेडिया के क्षेत्र में शोध किया है. इसका प्रकाशन अमेरिकन मेडिकल पब्लिशर ने किया है.

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गुरुवार को कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने विभाग के पूर्व अध्यक्ष व डॉक्टरों की टीम को सम्मानित किया. डॉ. एसएन कुरील के मुतबिक मल्टीवॉल्यूम टेक्स्ट बुक ऑफ प्लास्टिक रिकंस्ट्रक्टिव एंड एस्थेटिक सर्जरी में एक्सस्ट्रोफी एंड एपिस्पेडियास-एनाटोमिकल एंड सर्जिकल कंसीडरेशन नाम की पुस्तक अध्याय के रूप में रखा गया है.

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