लखनऊ: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी शुक्रवार की शाम लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचे. यहां से वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर अवध क्षेत्र के सांसदों और विधायकों की होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए जाने लगे तो मीडिया ने उनको घेर लिया. उन पर सवालों की बौछार की गई, जिसमें से बहुत संक्षिप्त जवाब में उन्होंने कहा कि उनका बेटा कहीं नहीं गया है.
लखीमपुर मामले में सुर्खियों में आए, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि दूसरे राजनीतिक दल होते तो मेरी जैसी ऊंची पोस्ट पर बैठे हुए व्यक्ति के पुत्र पर मुकदमा भी नहीं होता. यह तो भाजपा सरकार है कि इतनी सख्त कार्रवाई की जा रही है. मेरा बेटा कहीं भी फरार या गायब नहीं है. वह घर में ही है. आप लोग मेरे साथ मेरे घर चलें, मैं दिखा सकता हूं.
उन्होंने कहा कि मेरा बेटा कहीं नहीं गया, वो शहपुरा में अपनी कोठी में है. आपको विश्वास नहीं है, तो लखीमपुर चलिए. दूसरे राजनीतिक दल होते तो जितने बड़े पद पर मैं हूं, उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं होती. हम मामले में एफआईआर भी दर्ज करेंगे और कार्रवाई भी करेंगे.
लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 75 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा और आगजनी में आठ लोगों की मौत हो गई थी. इनमें चार किसान और चार अन्य लोग शामिल थे. चार अन्य लोगों में दो बीजेपी कार्यकर्ता और दो ड्राइवर थे. इनके अलावा 12 से 15 लोग घायल भी हुए थे. तिकुनिया की इस घटना में निघासन तहसील संवाददाता रतन कश्यप की भी कवरेज करने के दौरान मौत हो गई थी. गाड़ी की जोरदार टक्कर से वो सड़क किनारे पानी में जा गिरे थे, वो बीजेपी से भी जुड़े हुए थे.
इनमें मृतक किसानों के आश्रितों को नौकरी, 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी, मृतक के परिजनों को 45-45 लाख रुपये और घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा और घटना की न्यायिक जांच पर समझौता हो गया था.