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आम के उत्पाद से भी हो सकती है इम्युनिटी बूस्टिंग

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Published : May 3, 2021, 4:48 AM IST

आम को फलों का राजा कहते हैं. ये स्वादिष्ट स्वाद और सुगंध के लिए लोकप्रिय हैं. इसका पेड़ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हीलिंग बायोएक्टिव यौगिकों का अद्भुत भंडार है.

आम के उत्पाद से भी हो सकती है इम्युनिटी बूस्टिंग
आम के उत्पाद से भी हो सकती है इम्युनिटी बूस्टिंग

लखनऊः वर्तमान परिदृश्य में शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली यानि इम्युनिटी को मजबूत रखना एक सामान्य शख्स और मधुमेह या हृदय संबंधी समस्याओं जैसी जीवन शैली आधारित समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए एक प्राथमिकता है.

आम आधारित उत्पाद इम्युनिटी बूस्टिंग में सहायक

शुक्रवार को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एबीआई) द्वारा प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए आम आधारित दो उत्पाद विकसित किए गए हैं. संजीवनीप्राश (शुगर फ्री च्यवनप्राश) और मैंगीफ्लेक्स (ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट) में आम के बायोएक्टिव यौगिकों को संयोजित किया गया. सौरभ शुक्ला, इंजीनियरिंग स्नातक ने संस्थान के एबीआई के अंतर्गत बालाजी एग्रो फूड्स, लखनऊ की स्थापना की और इन प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले उत्पादों का उत्पादन शुरू किया.

इम्युनिटी बूस्टिंग के लिए आम आधारित उत्पाद

आयुष मंत्रालय ने प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाले आयुर्वेदिक उपायों में से च्यवनप्राश की सिफारिश की है. संजीवनीप्राश का शुगर फ्री होना मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित है. इसमें च्यवनप्राश के अतिरिक्त इम्युनिटी बढ़ाने वाले मेंगिफेरिन और अन्य बायोएक्टिव यौगिकों का भी योगदान है. संजीवनीप्राश में च्यवनप्राश का प्रभाव मेंगिफेरिन की सहायता से बढ़ाया गया है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक मजबूत करने में मदद करता है. संस्थान की एबीआई द्वारा विकसित आम आधारित उत्पाद मेंगीफ्लेक्स में मुख्य रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड और मेंगिफेरिन के कारण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने की क्षमता है. मेंगीफ्लेक्स शाकाहारियों के लिए, ओमेगा-3 और अन्य फैटी एसिड का एक उत्कृष्ट स्रोत जो मानव शरीर में संश्लेषित नहीं हो पाते हैं.

टेलिफोनिक वर्जन

संस्थान के निदेशक डॉ शैलेन्द्र राजन ने बताया कि शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट कोविड-19 के साथ गंभीर रूप से बीमार रोगियों में श्वसन और गुर्दे की क्रियाशीलता संबंधित मापदंडों में सुधार करता है. चीनी वैज्ञानिकों ने परिकल्पना की है कि उच्च ओमेगा 3 फैटी एसिड स्तर रोगियों में कम मृत्यु दर से जुड़ा है। पोषण पर चीनी विशेषज्ञ पैनल ने प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड और पॉलीफेनोल के सेवन को बढ़ाने की सलाह दी थी. ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन कोविड-19 रोगियों में मृत्यु घातक दर को कम कर सकता है, जबकि प्रोटीन शरीर में अपचय घटाने और पॉलिफिनॉल्स इन्फ्लेमेशन से लड़ने में मदद करतें हैं.

ये भी पढ़ें- ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आवेदन के साथ ही मिलेगी अनुमति

आम आधारित यह उत्पाद न केवल मेंगिफेरिन में समृद्ध हैं, बल्कि अन्य लाभकारी बायोएक्टिव यौगिक जैसे ल्यूपॉल और एलीजिक एसिड युक्त हैं. अब, इन बायोएक्टिव यौगिकों को कैंसर रोधी होने के अलावा अनेक औषधीय गुणों युक्त माना जाता है.

लखनऊः वर्तमान परिदृश्य में शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली यानि इम्युनिटी को मजबूत रखना एक सामान्य शख्स और मधुमेह या हृदय संबंधी समस्याओं जैसी जीवन शैली आधारित समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए एक प्राथमिकता है.

आम आधारित उत्पाद इम्युनिटी बूस्टिंग में सहायक

शुक्रवार को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एबीआई) द्वारा प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए आम आधारित दो उत्पाद विकसित किए गए हैं. संजीवनीप्राश (शुगर फ्री च्यवनप्राश) और मैंगीफ्लेक्स (ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट) में आम के बायोएक्टिव यौगिकों को संयोजित किया गया. सौरभ शुक्ला, इंजीनियरिंग स्नातक ने संस्थान के एबीआई के अंतर्गत बालाजी एग्रो फूड्स, लखनऊ की स्थापना की और इन प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले उत्पादों का उत्पादन शुरू किया.

इम्युनिटी बूस्टिंग के लिए आम आधारित उत्पाद

आयुष मंत्रालय ने प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाले आयुर्वेदिक उपायों में से च्यवनप्राश की सिफारिश की है. संजीवनीप्राश का शुगर फ्री होना मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित है. इसमें च्यवनप्राश के अतिरिक्त इम्युनिटी बढ़ाने वाले मेंगिफेरिन और अन्य बायोएक्टिव यौगिकों का भी योगदान है. संजीवनीप्राश में च्यवनप्राश का प्रभाव मेंगिफेरिन की सहायता से बढ़ाया गया है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक मजबूत करने में मदद करता है. संस्थान की एबीआई द्वारा विकसित आम आधारित उत्पाद मेंगीफ्लेक्स में मुख्य रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड और मेंगिफेरिन के कारण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने की क्षमता है. मेंगीफ्लेक्स शाकाहारियों के लिए, ओमेगा-3 और अन्य फैटी एसिड का एक उत्कृष्ट स्रोत जो मानव शरीर में संश्लेषित नहीं हो पाते हैं.

टेलिफोनिक वर्जन

संस्थान के निदेशक डॉ शैलेन्द्र राजन ने बताया कि शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट कोविड-19 के साथ गंभीर रूप से बीमार रोगियों में श्वसन और गुर्दे की क्रियाशीलता संबंधित मापदंडों में सुधार करता है. चीनी वैज्ञानिकों ने परिकल्पना की है कि उच्च ओमेगा 3 फैटी एसिड स्तर रोगियों में कम मृत्यु दर से जुड़ा है। पोषण पर चीनी विशेषज्ञ पैनल ने प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड और पॉलीफेनोल के सेवन को बढ़ाने की सलाह दी थी. ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन कोविड-19 रोगियों में मृत्यु घातक दर को कम कर सकता है, जबकि प्रोटीन शरीर में अपचय घटाने और पॉलिफिनॉल्स इन्फ्लेमेशन से लड़ने में मदद करतें हैं.

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आम आधारित यह उत्पाद न केवल मेंगिफेरिन में समृद्ध हैं, बल्कि अन्य लाभकारी बायोएक्टिव यौगिक जैसे ल्यूपॉल और एलीजिक एसिड युक्त हैं. अब, इन बायोएक्टिव यौगिकों को कैंसर रोधी होने के अलावा अनेक औषधीय गुणों युक्त माना जाता है.

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