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ऐतिहासिक इमारतों के करीब अवैध बस्तियों का अंबार, 20 साल से आंखें मूंदे हैं जिम्मेदार

राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. लगातार बैठकों का दौर भी चल रहा है, लेकिन अवैध निर्माण कहीं न कहीं सिर दर्द बन रहा है. अवैध मकानों में भी बिजली कनेक्शन हैं.

नगर निगम
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Published : Jun 6, 2022, 8:10 PM IST

लखनऊ: राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगर निगम लगातार कोशिशें कर रहा है, लेकिन इस मेहनत पर अतिक्रमण पलीता लगा रहा है. हुसैनाबाद इलाके में आधी सड़क पर अवैध बस्तियां फल फूल रही हैं. वहीं जिम्मेदार आंख मूंद कर बैठे हुए हैं.

लखनऊ के हुसैनाबाद इंटर कॉलेज के पास करीब 50 से ज्यादा मिट्टी के मकान सड़क पर बने हैं. इन अवैध मकानों में बाकायदा बिजली के कनेक्शन हैं. घरों में दुकानें हैं. ये अवैध बस्ती एक-दो साल पुरानी नहीं बल्कि 20 साल पुरानी है. ये बस्तियां बड़ा इमामबाड़ा के ठीक बगल में हैं. ये हाल तब है जब ऐतिहासिक इमारतों को संवारने व संरक्षित करने के लिए नगर निगम व एएसआई दोनों ही कार्य कर रहे हैं.

यहां पर रहने वाले राजू बताते हैं कि वो पिछले 20 सालों से इस बस्ती में रह रहे हैं. यहां बिजली कनेक्शन है. जिसका बाकायदा वो बिल जमा करते हैं. वह कहते हैं कि सरकार उन्हें घर दे दे तो वो यहां क्यों रहें. वहीं इस अवैध बस्ती में रहने वाली सन्नो कहती हैं कि उन्हें राशन नहीं मिलता है. शौचालय के लिए यहां से दूर जाना पड़ता है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवैध बस्ती में भी बिजली कनेक्शन दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें : लखनऊ में ट्रैफिक सिस्टम फेल, चिलचिलाती धूप में घंटों रेंगते रहे वाहन

वहीं नगर निगम के मुताबिक, 20 साल से बसी ये अवैध बस्ती उन्हें दिखी ही नहीं. जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाते हैं. अपर नगर आयुक्त अभय पांडेय ने कहा कि जोनल अधिकारी को भेज कर जांच करवाई जाएगी.

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लखनऊ: राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नगर निगम लगातार कोशिशें कर रहा है, लेकिन इस मेहनत पर अतिक्रमण पलीता लगा रहा है. हुसैनाबाद इलाके में आधी सड़क पर अवैध बस्तियां फल फूल रही हैं. वहीं जिम्मेदार आंख मूंद कर बैठे हुए हैं.

लखनऊ के हुसैनाबाद इंटर कॉलेज के पास करीब 50 से ज्यादा मिट्टी के मकान सड़क पर बने हैं. इन अवैध मकानों में बाकायदा बिजली के कनेक्शन हैं. घरों में दुकानें हैं. ये अवैध बस्ती एक-दो साल पुरानी नहीं बल्कि 20 साल पुरानी है. ये बस्तियां बड़ा इमामबाड़ा के ठीक बगल में हैं. ये हाल तब है जब ऐतिहासिक इमारतों को संवारने व संरक्षित करने के लिए नगर निगम व एएसआई दोनों ही कार्य कर रहे हैं.

यहां पर रहने वाले राजू बताते हैं कि वो पिछले 20 सालों से इस बस्ती में रह रहे हैं. यहां बिजली कनेक्शन है. जिसका बाकायदा वो बिल जमा करते हैं. वह कहते हैं कि सरकार उन्हें घर दे दे तो वो यहां क्यों रहें. वहीं इस अवैध बस्ती में रहने वाली सन्नो कहती हैं कि उन्हें राशन नहीं मिलता है. शौचालय के लिए यहां से दूर जाना पड़ता है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवैध बस्ती में भी बिजली कनेक्शन दिए गए हैं.

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वहीं नगर निगम के मुताबिक, 20 साल से बसी ये अवैध बस्ती उन्हें दिखी ही नहीं. जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाते हैं. अपर नगर आयुक्त अभय पांडेय ने कहा कि जोनल अधिकारी को भेज कर जांच करवाई जाएगी.

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