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लखनऊ के हेरिटेज जोन के लिए 10 लोगों की बनी कमेटी; फिल्म निर्माता, इतिहासकार, रिटायर्ड अधिकारी समेत ये नाम शामिल - LUCKNOW NEWS

हेरिटेज जोन को बेहतर बनाने के लिए कमेटी लखनऊ विकास प्राधिकरण को देगी सुझाव

हेरिटेज जोन के लिए बनी कमेटी में शामिल लोग.
हेरिटेज जोन के लिए बनी कमेटी में शामिल लोग. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 14, 2025, 7:28 PM IST

Updated : Feb 14, 2025, 7:53 PM IST

लखनऊ : राजधानी के हेरिटेज जॉन का ख्याल रखने के लिए खास कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में इतिहासकार फिल्म निर्माता, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, कलाकार शामिल हैं. कैसरबाग से हुसैनाबाद तक हेरिटेज जोन विकसित किया जा रहा है. इस जोन को विकसित करने के लिए यह कमेटी अपनी सिफारिश देगी. जिन पर लखनऊ विकास प्राधिकरण अमल करेगा. कमेटी में 10 लोग शामिल हैं.

कमेटी में ये नाम

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जोहरा चटर्जी: आईएएस रही हैं. यूपी कैडर के 1979 बैच से संबंधित हैं और उन्होंने राज्य में सचिव और निदेशक उद्योग सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. श्रम आयुक्त, सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन, सचिव एवं परियोजना निदेशक, बेसिक शिक्षा भी वे रही हैं.

डाॅ. वंदना सहगल: एकेटीयू के आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग डिपार्टमेंट की डीन हैं. कला और ललित कला के क्षेत्र में काफी अनुभव है. सेवानिवृत आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल की पत्नी हैं.

मुज्जफ्फर अली: मुजफ्फर अली मशहूर फिल्मकार हैं. उमराव जान जैसी लखनऊ पर आधारित मशहूर फिल्म उन्होंने ही बनाई थी. शहर के कैसरबाग इलाके में उनका आवास है.

रानी मीरा अली: मीरा ने 1990 में मुजफ्फर अली से शादी की और हिमालय की तलहटी स्थित कोटवारा में रहने लगीं. कोटवारा एक समृद्ध सांस्कृतिक, पारंपरिक उत्तर प्रदेश की पुरानी रियासतों में से एक है. यहां उन्होंने महिलाओं के लिए बड़े पैमाने पर काम किया और उन्हें पारंपरिक शिल्प कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया. जरदोजी और चिकन कढ़ाई को पुनर्जीवित करने में उनका योगदान उल्लेखनीय है. मीरा और मुजफ्फर अली ने क्षेत्र के पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 1990 में अपने डिजाइन लेबल कोटवारा की स्थापना की.

अभिनेता अनिल रस्तोगी: CDRI के पूर्व वैज्ञानिक अनिल रस्तोगी जबरदस्त अभिनेता हैं. लखनऊ में ही रहते हैं, मगर मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री में उनकी पकड़ है. अनेक मशहूर फिल्मों में उन्होंने काम किया. थप्पड़, बाटला हाउस, इशकजादे, एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, तौबा तेरा जलवा जैसी फिल्मों के अलावा रंगमंच में भी उनका जलवा बरकरार है.

नीलेश मिश्रा: बॉलीवुड के मशहूर गीतकार, पत्रकार और रेडियो स्टोरी टेलर निलेश मिश्रा को भी इस टीम में शामिल किया गया है. निलेश मिश्रा लखनऊ के ही रहने वाले हैं.

यतीन्द्र मिश्रा : राजा अयोध्या के परिवार से जुड़े यतींद्र मिश्र इतिहासकार हैं और साहित्य, संस्कृति में भी उनका अच्छा दखल है. दिवंगत गायिका लता मंगेशकर पर उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, जिसका नाम लता सुर गाथा था.

इसके अलावा कन्जर्वेशन आर्किटेक्ट अंतरा शर्मा, शिखा जैन आदि को भी टीम में शामिल किया गया है. आर्ट्स काॅलेज के पूर्व प्रधानाचार्य जय कृष्णा अग्रवाल भी इन सलाहकारों में शामिल हैं.

कैसरबाग से हुसैनाबाद के बीच हेरिटेज काॅरिडोर लखनऊ की विरासत को संजोने के साथ ही दिलकश नजारों का गुल्दस्तां बनने को तैयार है. इसमें लखनऊ की तहजीब, कला व संस्कृति की झलक तो दिखेगी ही, साथ में यहां के सुप्रसिद्ध व्यंजनों का जायका भी मिलेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि हुसैनाबाद में 9.75 करोड़ रुपये से बनाए गए फूड कोर्ट का शुभारम्भ हो गया है. बताया कि समय-समय पर इस कमेटी की सिफारिश से लखनऊ के हेरिटेज जोन को और बेहतर करने में मदद करेगी. इससे जुड़े विशेषज्ञ अपनी अपनी विशेषज्ञ के आधार पर पुरानी लखनऊ को और बेहतर बनाने पर अपने विचार व्यक्त करेंगे.

यह भी पढ़ें : बंद किया जाए अनुभव बक्शी का कॉमेडी शो, महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने उठाई मांग - APARNA YADAV

लखनऊ : राजधानी के हेरिटेज जॉन का ख्याल रखने के लिए खास कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में इतिहासकार फिल्म निर्माता, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, कलाकार शामिल हैं. कैसरबाग से हुसैनाबाद तक हेरिटेज जोन विकसित किया जा रहा है. इस जोन को विकसित करने के लिए यह कमेटी अपनी सिफारिश देगी. जिन पर लखनऊ विकास प्राधिकरण अमल करेगा. कमेटी में 10 लोग शामिल हैं.

कमेटी में ये नाम

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जोहरा चटर्जी: आईएएस रही हैं. यूपी कैडर के 1979 बैच से संबंधित हैं और उन्होंने राज्य में सचिव और निदेशक उद्योग सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. श्रम आयुक्त, सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन, सचिव एवं परियोजना निदेशक, बेसिक शिक्षा भी वे रही हैं.

डाॅ. वंदना सहगल: एकेटीयू के आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग डिपार्टमेंट की डीन हैं. कला और ललित कला के क्षेत्र में काफी अनुभव है. सेवानिवृत आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल की पत्नी हैं.

मुज्जफ्फर अली: मुजफ्फर अली मशहूर फिल्मकार हैं. उमराव जान जैसी लखनऊ पर आधारित मशहूर फिल्म उन्होंने ही बनाई थी. शहर के कैसरबाग इलाके में उनका आवास है.

रानी मीरा अली: मीरा ने 1990 में मुजफ्फर अली से शादी की और हिमालय की तलहटी स्थित कोटवारा में रहने लगीं. कोटवारा एक समृद्ध सांस्कृतिक, पारंपरिक उत्तर प्रदेश की पुरानी रियासतों में से एक है. यहां उन्होंने महिलाओं के लिए बड़े पैमाने पर काम किया और उन्हें पारंपरिक शिल्प कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया. जरदोजी और चिकन कढ़ाई को पुनर्जीवित करने में उनका योगदान उल्लेखनीय है. मीरा और मुजफ्फर अली ने क्षेत्र के पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 1990 में अपने डिजाइन लेबल कोटवारा की स्थापना की.

अभिनेता अनिल रस्तोगी: CDRI के पूर्व वैज्ञानिक अनिल रस्तोगी जबरदस्त अभिनेता हैं. लखनऊ में ही रहते हैं, मगर मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री में उनकी पकड़ है. अनेक मशहूर फिल्मों में उन्होंने काम किया. थप्पड़, बाटला हाउस, इशकजादे, एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, तौबा तेरा जलवा जैसी फिल्मों के अलावा रंगमंच में भी उनका जलवा बरकरार है.

नीलेश मिश्रा: बॉलीवुड के मशहूर गीतकार, पत्रकार और रेडियो स्टोरी टेलर निलेश मिश्रा को भी इस टीम में शामिल किया गया है. निलेश मिश्रा लखनऊ के ही रहने वाले हैं.

यतीन्द्र मिश्रा : राजा अयोध्या के परिवार से जुड़े यतींद्र मिश्र इतिहासकार हैं और साहित्य, संस्कृति में भी उनका अच्छा दखल है. दिवंगत गायिका लता मंगेशकर पर उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, जिसका नाम लता सुर गाथा था.

इसके अलावा कन्जर्वेशन आर्किटेक्ट अंतरा शर्मा, शिखा जैन आदि को भी टीम में शामिल किया गया है. आर्ट्स काॅलेज के पूर्व प्रधानाचार्य जय कृष्णा अग्रवाल भी इन सलाहकारों में शामिल हैं.

कैसरबाग से हुसैनाबाद के बीच हेरिटेज काॅरिडोर लखनऊ की विरासत को संजोने के साथ ही दिलकश नजारों का गुल्दस्तां बनने को तैयार है. इसमें लखनऊ की तहजीब, कला व संस्कृति की झलक तो दिखेगी ही, साथ में यहां के सुप्रसिद्ध व्यंजनों का जायका भी मिलेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि हुसैनाबाद में 9.75 करोड़ रुपये से बनाए गए फूड कोर्ट का शुभारम्भ हो गया है. बताया कि समय-समय पर इस कमेटी की सिफारिश से लखनऊ के हेरिटेज जोन को और बेहतर करने में मदद करेगी. इससे जुड़े विशेषज्ञ अपनी अपनी विशेषज्ञ के आधार पर पुरानी लखनऊ को और बेहतर बनाने पर अपने विचार व्यक्त करेंगे.

यह भी पढ़ें : बंद किया जाए अनुभव बक्शी का कॉमेडी शो, महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने उठाई मांग - APARNA YADAV

Last Updated : Feb 14, 2025, 7:53 PM IST
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