लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय की नैक तैयारियों की समीक्षा की. राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में बैठक की गई. विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन के लिए अपना सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) दाखिल किया जा चुका है. शेष प्रक्रिया में टीम द्वारा भ्रमण करके मूल्यांकन किया जाना है. राज्यपाल ने विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन के सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार समीक्षा की. इस दौरान राज्यपाल की तरफ से विश्वविद्यालय को बेहतर प्रदर्शन के लिए टिप्स भी दिए गए. बैठक में समीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय के साथ अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, विशेषकार्याधिकारी शिक्षा राजभवन, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव तथा नैक तैयारी के लिए गठित टीम के समस्त सदस्य उपस्थित थे.
राज्यपाल ने दिए यह टिप्स
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कार्यों में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता बढ़ाने को कहा. उन्होंने कहा कि योग्य विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की कार्यवाहक गतिविधियों से जोड़कर उन्हें जिम्मेदारियां संभालना सिखाएं.
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में “एक जनपद एक उत्पाद” (ओडीओपी) का एक प्रदर्शन स्थल बनाने को भी कहा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में आये अतिथियों के सम्मान में स्थानीय उत्पाद भेंट करने की परम्परा सुनिश्चित की जाये.
राज्यपाल ने नैक मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय में गठित क्राइटेरिया वाइज टीम सदस्यों के कार्यों की जानकारी लेते हुए टीम में निरंतर नए सदस्यों को जोड़ते रहने को कहा. उन्होंने कहा कि टीम को एक संस्था की तरह चलाएं. सदस्यों के बीच कार्यक्षेत्र में पारिवारिक माहौल बनाएं. प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक मूल्यांकन जरूरी है.
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दो बार नैक ग्रेड मिल चुका : लखनऊ विश्वविद्यालय पहले भी दो बार नैक ग्रेडिंग प्राप्त कर चुका है. अपने पहले आवेदन में जब नैक द्वारा सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 5 स्टार प्रदान की जाती थी, तब लखनऊ विश्वविद्यालय को 4 स्टार ग्रेड प्राप्त हुआ था. दूसरे आवेदन के समय नैक द्वारा चार ग्रेड (ए, बी, सी, डी) दिए जाते थे, तब लखनऊ विश्वविद्यालय को “बी” ग्रेड प्राप्त हुआ था. अब विश्वविद्यालय ने अपने तीसरे नैक मूल्यांकन की ओर कदम बढ़ा लिया है.
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