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लखनऊ: अब किसान बही खाते के बिना नहीं मिलेगी किसानों को खाद

यूपी की राजधानी लखनऊ में किसान खाद की समस्या से परेशान हैं तो वहीं सरकार ने खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए खाद वितरण के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. अब किसान को खाद पाने के लिए आधार कार्ड के साथ किसान बही खाता भी दिखाना होगा.

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Published : Aug 27, 2020, 5:04 PM IST

किसान.
किसान.

लखनऊ: प्रदेश भर में जिस तरह से खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. वहीं सरकार ने खाद वितरण के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. अब किसान को खाद पाने के लिए आधार कार्ड के साथ किसान बही भी लेकर जाना होगा, जिससे किसान को जरूरत के हिसाब से खाद मिल सके और खाद की कालाबाजारी पर भी रोक लगाई जा सके.

किसानों से बात करते संवाददाता.

राजधानी लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में खाद की समस्या से किसान जूझ रहा है. एक तरफ जहां किसान अपनी फसलों को आवारा जानवरों से बचाने की जद्दोजहद में लगा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ अन्नदाता को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

सरकारी समिति हो या प्राइवेट दुकान हो किसानों को खाद मिलना मुश्किल हो गया है. 10 दिनों बाद राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गौरव सरकारी समिति में जब कुछ बोरिया खाद की आई तो किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा.

खाद की समस्या और कालाबाजारी के मद्देनजर सरकार ने खाद वितरण के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. किसान को अब खाद लेने के लिए आधार कार्ड के साथ किसान-बही भी लाना अनिवार्य हो गया है. इससे किसान को जरूरत के अनुसार, खाद उपलब्ध कराई जा सके और काला बाजारी पर रोक लग सके.

वहीं सरकारी और प्राइवेट सभी दुकानों के लिए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि दुकानदार एमआरपी से ज्यादा रेट में खाद न बेच सकें. वहीं दुकानदारों को खाद वितरण का रजिस्टर भी समयानुसार मेंटेन करना होगा. इसके साथ ही किसी भी व्यक्ति को खाद बिना आधार कार्ड और किसान बही के नहीं दी जाएगी.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ : माफिया मुख्तार अंसारी की दो अवैध इमारतें ध्वस्त

लखनऊ: प्रदेश भर में जिस तरह से खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. वहीं सरकार ने खाद वितरण के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. अब किसान को खाद पाने के लिए आधार कार्ड के साथ किसान बही भी लेकर जाना होगा, जिससे किसान को जरूरत के हिसाब से खाद मिल सके और खाद की कालाबाजारी पर भी रोक लगाई जा सके.

किसानों से बात करते संवाददाता.

राजधानी लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में खाद की समस्या से किसान जूझ रहा है. एक तरफ जहां किसान अपनी फसलों को आवारा जानवरों से बचाने की जद्दोजहद में लगा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ अन्नदाता को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

सरकारी समिति हो या प्राइवेट दुकान हो किसानों को खाद मिलना मुश्किल हो गया है. 10 दिनों बाद राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गौरव सरकारी समिति में जब कुछ बोरिया खाद की आई तो किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा.

खाद की समस्या और कालाबाजारी के मद्देनजर सरकार ने खाद वितरण के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. किसान को अब खाद लेने के लिए आधार कार्ड के साथ किसान-बही भी लाना अनिवार्य हो गया है. इससे किसान को जरूरत के अनुसार, खाद उपलब्ध कराई जा सके और काला बाजारी पर रोक लग सके.

वहीं सरकारी और प्राइवेट सभी दुकानों के लिए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि दुकानदार एमआरपी से ज्यादा रेट में खाद न बेच सकें. वहीं दुकानदारों को खाद वितरण का रजिस्टर भी समयानुसार मेंटेन करना होगा. इसके साथ ही किसी भी व्यक्ति को खाद बिना आधार कार्ड और किसान बही के नहीं दी जाएगी.

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