लखनऊ : बीते तीन सालों में कोरोना से अपनी जान गंवाने वालों के परिवार भले ही मुफलिसी की ज़िंदगी जीने को मजबूर हों, लेकिन उनके नाम पर एक गैंग ने लाखों रुपयों का गबन कर बैंकों को चूना लगाया है. राजधानी की विभूतिखंड पुलिस ने गैंग के 2 जालसाजों को गिरफ्तार किया है.
डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह के मुताबिक, एक निजी बैंक के मैनेजर अतुल भारती ने विभूतिखंड थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक, उनकी बैंक से जून 2022 को विवश कुमार श्रीवास्तव नामक व्यक्ति ने पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया था. आवेदन के समय विवेश का आधार कार्ड, पैन कार्ड व सैलरी स्लिप जमा की थी. जिसके आधार पर उन्हें 20 लाख 11 हजार का लोन दिया गया था, लेकिन लोन की एक भी किश्त जमा नहीं की गई थी. जिस पर जब दस्तावेज चेक किये गए तो सभी फर्जी पाए गए. वहीं जिस कंपनी श्री सीमेंट फर्म की सैलरी स्लिप दी गयी थी उसका फर्जी ऑफिस विभूतिखंड में खोला गया था.
डीसीपी के मुताबिक, बैंक मैनेजर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जब जांच की गई तो सामने आया कि रायबरेली के रहने वाले मृगांक सहाय व अभिषेक भारती ने श्री सीमेंट नाम की एक फर्जी कंपनी खोली थी. यही नहीं कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के आधार व पैन कार्ड बनाकर अलग अलग बैंकों से लोन के लिए आवेदन करते थे. उन्होंने बताया कि लोन लेने के लिए जालसाज दस्तावेज में कोरोना से मारे गए व्यक्तियों के फोटो लगाते थे.
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डीसीपी प्राची सिंह ने बताया कि आरोपी जालसाज मृगांक व अभिषेक ने अब तक कई बैंकों से कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के नाम पर 50 लाख का लोन लेकर जालसाजी कर चुके हैं. वहीं करोड़ों रुपयों के लोन स्वीकृति हो चुके हैं. जिन्हें ये निकालने की फिराक में थे. लेकिन पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से कई बैंक की पासबुक, एटीएम कार्ड व चेकबुक बरामद हुई है.
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