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महेंद्र सिंह धोनी का सिक्योरिटी गार्ड बता बेरोजगारों को ठगता था जालसाज, यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ (UP STF) की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लॉक डाउन में बेरोजगार होने पर उसने बेरोजगारों को ठगने की योजना बनाई और ठगी कर करोड़ों रुपये कमा लिए थे.

जालसाज
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Published : Sep 3, 2022, 9:52 PM IST

लखनऊ : यूपी एसटीएफ (UP STF) ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले दो जालसाजों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. दोनों जालसाज में एक रिटायर्ड सैनिक है और भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी रहे महेंद्र सिंह धोनी के मैनेजर का पीएसओ रहा है. एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लॉक डाउन में बेरोजगार होने पर उसने बेरोजगारों को ठगने की योजना बनाई और ठगी कर करोड़ों रुपये कमा लिए थे.


मार्च 2022 को आरोपी राज कुमार सिंह ने खुद को भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन रहे महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) का पूर्व सिक्योरिटी गार्ड बताते हुए वाराणसी के रहने वाले सुनील कुमार पटेल व राजीव पटेल समेत 6 लोगों को सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया. इसके लिए उसने दिल्ली में रहने वाले एक अन्य जालसाज गौरव शेट्टी से भी बात करवाई थी. राज कुमार की बातों में आकर बेरोजगार पीड़ितों ने रेलवे में नौकरी के नाम पर कुल 26 लाख रुपये दे दिए. जालसाजों ने पीड़ितों का फर्जी मेडिकल टेस्ट भी करवा दिया, लेकिन नौकरी नहीं लगी. जिसके बाद पीड़ितों ने कोर्ट के माध्यम से वाराणसी के मिर्जामुराद थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.


एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि बेरोजगारों से ठगी करने वाले रायबरेली निवासी राज कुमार सिंह व राजौरी गार्डन दिल्ली के रहने वाले गौरव शेट्टी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गयी थी. जिसके बाद यूपी एसटीएफ व वाराणसी पुलिस ने संयुक्त रूप से दिल्ली के अशोक रोड स्थित वाईडब्ल्यूसीए बिल्डिंग के रूम से गिरफ्तार कर लिया. जिनके पास से टीम को कई एटीएम, आर्मी कैंटीन कार्ड, सरकारी विभागों की मुहर बरामद हुई है.


एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक, पूछताछ में गिरफ्तार जालसाज राज कुमार सिंह ने बताया कि मैं साल 1994 में भारतीय सेना में सोल्जर जीडी के पद पर नियुक्त हुआ था. भारतीय सेना में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत रहा. जून 2011 में सेवानिवृत्त हो गया. सेवानिवृत्त के बाद कई सरकारी विभागों में नौकरी के लिए परीक्षाएं दीं. इसी दौरान दिल्ली के कारोबारी रंजीत सिन्हा का पीएसओ बन गया और 2 साल तक उनके पीएसओ के रूप में उनके साथ रहा. साल 2014 से 2019 तक महेन्द्र सिंह धोनी के मैनेजर अरूण पाण्डेय का पीएसओ रहा, लेकिन लाॅकडाउन में नौकरी न रहने के बाद दिल्ली के पहाड़गंज के होटल में सिद्दीकी सहारनपुर के माध्यम से गौरव सेट्ठी से मुलाकात हुई. गौरव ने रेलवे की नौकरी में अपनी सेटिंग होने की बात कही और बोला कि अगर आपके घर-परिवार, दोस्त का कोई बच्चा, कोई बेरोजगार हो तो मैं रेलवे में भर्ती करा दूंगा. जिसके बाद उसने अपने दोस्त राजेश जो मुम्बई एयरपोर्ट में सीआईएसएफ में कार्यरत है, उनसे यह बात बताई.

यह भी पढ़ें : वॉट्सऐप ग्रुप में डाला प्रेमिका का अश्लील फोटो, अगले दिन पेड़ पर लटकी मिली लाश

राजेश ने अपने गांव में बात करके एक लड़की व चार लड़के को रेलवे में भर्ती कराने के लिए काम दिया व मेरे बैक खातों में थोड़े थोड़े करके 25 लाख रुपये डाले, मैने गौरव सेट्ठी के खाते में 12 लाख रुपये ट्रांसफर किये. गौरव सेट्ठी ने उन युवकों को रेलवे में भर्ती नहीं कराया.

यह भी पढ़ें : गोदाम के भीतर रखे सामान को जब्त करने का मामला, हाईकोर्ट ने कहा, जांच कर अधिकारियों पर करें कार्रवाई

लखनऊ : यूपी एसटीएफ (UP STF) ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले दो जालसाजों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. दोनों जालसाज में एक रिटायर्ड सैनिक है और भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी रहे महेंद्र सिंह धोनी के मैनेजर का पीएसओ रहा है. एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लॉक डाउन में बेरोजगार होने पर उसने बेरोजगारों को ठगने की योजना बनाई और ठगी कर करोड़ों रुपये कमा लिए थे.


मार्च 2022 को आरोपी राज कुमार सिंह ने खुद को भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन रहे महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) का पूर्व सिक्योरिटी गार्ड बताते हुए वाराणसी के रहने वाले सुनील कुमार पटेल व राजीव पटेल समेत 6 लोगों को सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया. इसके लिए उसने दिल्ली में रहने वाले एक अन्य जालसाज गौरव शेट्टी से भी बात करवाई थी. राज कुमार की बातों में आकर बेरोजगार पीड़ितों ने रेलवे में नौकरी के नाम पर कुल 26 लाख रुपये दे दिए. जालसाजों ने पीड़ितों का फर्जी मेडिकल टेस्ट भी करवा दिया, लेकिन नौकरी नहीं लगी. जिसके बाद पीड़ितों ने कोर्ट के माध्यम से वाराणसी के मिर्जामुराद थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.


एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि बेरोजगारों से ठगी करने वाले रायबरेली निवासी राज कुमार सिंह व राजौरी गार्डन दिल्ली के रहने वाले गौरव शेट्टी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गयी थी. जिसके बाद यूपी एसटीएफ व वाराणसी पुलिस ने संयुक्त रूप से दिल्ली के अशोक रोड स्थित वाईडब्ल्यूसीए बिल्डिंग के रूम से गिरफ्तार कर लिया. जिनके पास से टीम को कई एटीएम, आर्मी कैंटीन कार्ड, सरकारी विभागों की मुहर बरामद हुई है.


एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक, पूछताछ में गिरफ्तार जालसाज राज कुमार सिंह ने बताया कि मैं साल 1994 में भारतीय सेना में सोल्जर जीडी के पद पर नियुक्त हुआ था. भारतीय सेना में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत रहा. जून 2011 में सेवानिवृत्त हो गया. सेवानिवृत्त के बाद कई सरकारी विभागों में नौकरी के लिए परीक्षाएं दीं. इसी दौरान दिल्ली के कारोबारी रंजीत सिन्हा का पीएसओ बन गया और 2 साल तक उनके पीएसओ के रूप में उनके साथ रहा. साल 2014 से 2019 तक महेन्द्र सिंह धोनी के मैनेजर अरूण पाण्डेय का पीएसओ रहा, लेकिन लाॅकडाउन में नौकरी न रहने के बाद दिल्ली के पहाड़गंज के होटल में सिद्दीकी सहारनपुर के माध्यम से गौरव सेट्ठी से मुलाकात हुई. गौरव ने रेलवे की नौकरी में अपनी सेटिंग होने की बात कही और बोला कि अगर आपके घर-परिवार, दोस्त का कोई बच्चा, कोई बेरोजगार हो तो मैं रेलवे में भर्ती करा दूंगा. जिसके बाद उसने अपने दोस्त राजेश जो मुम्बई एयरपोर्ट में सीआईएसएफ में कार्यरत है, उनसे यह बात बताई.

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राजेश ने अपने गांव में बात करके एक लड़की व चार लड़के को रेलवे में भर्ती कराने के लिए काम दिया व मेरे बैक खातों में थोड़े थोड़े करके 25 लाख रुपये डाले, मैने गौरव सेट्ठी के खाते में 12 लाख रुपये ट्रांसफर किये. गौरव सेट्ठी ने उन युवकों को रेलवे में भर्ती नहीं कराया.

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