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केजीएमयू की नर्सें मरीज की देखरेख के साथ मरीज को दिलाएंगी 'इंसाफ'

केजीएमयू (KGMU) में सोमवार को फॉरेंसिक नर्सिंग (Forensic Nursing Workshop) विषय पर वर्कशॉप चलाया गया. इस वर्कशॉप के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. शालिनी गुप्ता ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान नर्सों को रेप, चाइल्ड अब्यूज, पीड़ित की मृत्यु समेत कई मामलों में सबूत जुटाने के तौर-तरीके सिखाएं जाएंगे.

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Published : Feb 1, 2022, 1:21 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू की नर्सें (KGMU Nurse) अब मरीजों के साथ-साथ पीड़ितों को इंसाफ दिलाने का भी काम करेंगी. पीड़ितों के सबूतों को कैसे सुरक्षित रखा जाए, उनके नमूनों को कहां से एकत्रित किया जाएं? इसकी ट्रेनिंग नर्सों को दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि यहां कि नर्सों को फॉरेंसिक की ट्रेनिंग (Forensic Training KGMU) दी जाएंगी. इसकी जानकारी केजीएमयू दंत संकाय (KGMU Dental Faculty) में फॉरेंसिक ऑडोंटोलॉजी यूनिट की प्रमुख डॉ. शालिनी गुप्ता ने दी.

सोमवार (31 जनवरी) को केजीएमयू (King George's Medical University) में फॉरेंसिक नर्सिंग विषय पर वर्कशॉप (Forensic Nursing Workshop) चलाया गया. इस वर्कशॉप के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. शालिनी गुप्ता ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान नर्सों को रेप, चाइल्ड अब्यूज, पीड़ित की मृत्यु समेत कई मामलों में सबूत जुटाने के तौर-तरीके सिखाएं जाएंगे. साथ ही एहतियात बरतकर इलाज की बारीकियां भी बताई जाएंगी. उन्होंने बताया कि केजीएमयू ने नर्सिंग के पाठ्यक्रम में भी फॉरेंसिक साइंस को शामिल किया है.

यह भी पढ़ें: UP Election 2022: एक ऐसी सीट जहां कमल खिलाने में भाजपा रही है फेल

कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि किसी भी घटना के पीछे कोई न कोई सबूत जरूर होते हैं, जो पीड़ित को इंसाफ दिलाने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं. पीड़ित जब अस्पताल आता है, तो सबसे पहली उसका सामना नर्स से होता है. इलाज के दौरान जरा सी चूक से सबूत नष्ट हो सकते हैं. ऐसे में सबूतों को ध्यान में रखकर इलाज मुहैया कराया जाना चाहिए. इस नए विचारों के साथ नर्सों को प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा. कार्यक्रम में पैरामेडिकल सांइस के डीन डॉ. विनोद जैन ने कहा कि फॉरेसिंक के प्रशिक्षण से नर्सों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगा.

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लखनऊ: केजीएमयू की नर्सें (KGMU Nurse) अब मरीजों के साथ-साथ पीड़ितों को इंसाफ दिलाने का भी काम करेंगी. पीड़ितों के सबूतों को कैसे सुरक्षित रखा जाए, उनके नमूनों को कहां से एकत्रित किया जाएं? इसकी ट्रेनिंग नर्सों को दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि यहां कि नर्सों को फॉरेंसिक की ट्रेनिंग (Forensic Training KGMU) दी जाएंगी. इसकी जानकारी केजीएमयू दंत संकाय (KGMU Dental Faculty) में फॉरेंसिक ऑडोंटोलॉजी यूनिट की प्रमुख डॉ. शालिनी गुप्ता ने दी.

सोमवार (31 जनवरी) को केजीएमयू (King George's Medical University) में फॉरेंसिक नर्सिंग विषय पर वर्कशॉप (Forensic Nursing Workshop) चलाया गया. इस वर्कशॉप के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. शालिनी गुप्ता ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान नर्सों को रेप, चाइल्ड अब्यूज, पीड़ित की मृत्यु समेत कई मामलों में सबूत जुटाने के तौर-तरीके सिखाएं जाएंगे. साथ ही एहतियात बरतकर इलाज की बारीकियां भी बताई जाएंगी. उन्होंने बताया कि केजीएमयू ने नर्सिंग के पाठ्यक्रम में भी फॉरेंसिक साइंस को शामिल किया है.

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कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि किसी भी घटना के पीछे कोई न कोई सबूत जरूर होते हैं, जो पीड़ित को इंसाफ दिलाने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं. पीड़ित जब अस्पताल आता है, तो सबसे पहली उसका सामना नर्स से होता है. इलाज के दौरान जरा सी चूक से सबूत नष्ट हो सकते हैं. ऐसे में सबूतों को ध्यान में रखकर इलाज मुहैया कराया जाना चाहिए. इस नए विचारों के साथ नर्सों को प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा. कार्यक्रम में पैरामेडिकल सांइस के डीन डॉ. विनोद जैन ने कहा कि फॉरेसिंक के प्रशिक्षण से नर्सों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगा.

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