लखनऊ. बिल संशोधन में अनियमितता के आरोप में एक अधिशासी अभियंता, एक उपखंड अधिकारी और तीन कार्यकारी सहायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है. इनके विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्रवाई करते हुये निलंबित कर दिया गया है. ऊर्जा मंत्री के आदेश पर बिजली विभाग के जिन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनमें हरिशंकर अधिशासी अभियंता, ईश्वर शरण सिंह उपखंड अधिकारी, अविनाश मणि पांडेय कार्यकारी सहायक, राजकपूर कार्यकारी सहायक और रुद्र प्रताप पांडेय कार्यकारी सहायक शामिल हैं.
पावर काॅरपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया कि उपभोक्ताओं के बिल संशोधन में शिकायत मिलने पर दो सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी. इस जांच समिति की रिपोर्ट में पाया गया कि विभागीय उपखंड अधिकारी, अवर अभियंता की रिपोर्ट किसी भी संशोधन में नहीं ली गई. उपभोक्ता द्वारा पार्ट पेमेंट जमा करने के प्रकरण में सरचार्ज गणना नियमानुसार नहीं की गई है. कई उपभोक्ताओं के मीटर बदलने और नये मीटर लगाने की सीलिंग का संज्ञान ठीक ढंग से नहीं लिया गया. उपभोक्ता की प्रतिमाह विद्युत खपत अत्यन्त कम है, इसलिए बिल संशोधन से पूर्व परिसर की विभागीय उपखंड अधिकारी, अवर अभियंता की रिपोर्ट लगवानी चाहिए थी. उपभोक्ताओं की तरफ से आरसी, डीसी के मद में जमा की गई धनराशि कनेक्शन में से घटा दी गयी है, जबकि इस धनराशि का मद अलग है. इससे उपभोक्ता को अनुचित लाभ भी मिला है. जांच कमेटी ने पाया कि उक्त अनियमितता में हरिशंकर अधिशासी अभियंता, ईश्वर शरण सिंह उपखंड अधिकारी, अविनाश मणि पांडेय कार्यकारी सहायक, राजकपूर कार्यकारी सहायक एवं रूद्र प्रताप पांडेय कार्यकारी सहायक की संलिप्तता प्रतीत होती है. जिससे कंपनी को लेनदारों से वसूल की गयी धनराशि 362355.00 रुपए कम है. जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अधीक्षण अभियंता महाराजगंज ने कोतवाली में इन पांच कार्मिकों के विरुद्ध एफआईआर करायी है.
एक से 10 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी उपकेंद्रों पर राजस्व संग्रह अभियान चलाया जायेगा. यह निर्देश पावर काॅरपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज ने सभी प्रबंध निदेशकों को दिये हैं. निर्देश में कहा गया है कि राजस्व संग्रह का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसके सापेक्ष अब तक की प्रगति संतोषजनक नहीं है. विद्युत उत्पादकों को समय से भुगतान न करने पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में अत्यंत कठिनाई होगी. प्रत्येक उपकेंद्र पर राजस्व संग्रह अभियान चलाया जाए. जिसके लिए उपकेन्द्रवार लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युत उपकेंद्रों के लिये एक करोड़ रुपए प्रति उपकेंद्र, शहरी क्षेत्रों के उपकेंद्रों के लिए दो करोड़ प्रति उपकेंद्र राजस्व संग्रह का लक्ष्य है. इस अभियान के दौरान कभी भुगतान न करने वाले (Never Paid) उपभोक्ताओं से वसूली करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
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