लखनऊ: मई-जून के महीने में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. कोई मरीज आंख की समस्या से परेशान है तो कोई सांस की समस्या से. राजधानी के हजरतगंज स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में नेत्र की समस्या और सांस की समस्या से परेशान मरीज अधिक आ रहे हैं. नेत्र रोग विभाग में 50 से 60 फीसदी मरीजों की संख्या बढ़ी, तो वहीं चेस्ट फिजिशियन ने बताया कि हमारी ओपीडी में 20 फीसदी मरीजों की संख्या बढ़ी है.
इस समय शहर में प्रदूषण का असर दिखने लगा है. सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों तक मरीजों की भरमार है. प्रदूषण के चलते सांस लेने में तकलीफ होने के कारण मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. सिविल अस्पताल के सीनियर चेस्ट फिजिशियन सलाहकार डॉ एनबी सिंह ने बताया कि "इन दिनों अस्पताल में पहुंचने वाले 20 फीसदी मरीजों को सांस लेने में समस्या, सीने में दर्द, खांसी की शिकायत है. ऐसे में डॉक्टर ने सलाह दी है कि मास्क लगाकर घर से बाहर निकलें."
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह ने बताया कि "बहुत सारे ऐसे मरीज हैं, जिन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है वह इनहेलर इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले डॉक्टर से परामर्श लें उसके बाद इनहेलर का इस्तेमाल करें. प्रदूषण से बच्चे बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं. इन दिनों निमोनिया के ज्यादा मरीज आ रहे हैं. सुबह-शाम प्रदूषण ज्यादा खराब रहता है. इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को घर में रखें. बहुत जरूरी हो तो बच्चों को मास्क लगाकर बाहर ले जाएं. जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं."
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गर्म पानी का करें इस्तेमाल: चेस्ट फिजिशियन डॉक्टर एनबी सिंह और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश शर्मा ने बताया कि " घर से निकलते वक्त मास्क का इस्तेमाल जरूर करें. अगर आप घर के बाहर निकल रहे हैं तो घर वापस आकर गुनगुने पानी से गरारा करें. कोशिश करें कि हल्के गर्म पानी से स्नान करें. अपनी आंखों को साफ पानी से धुले.
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