लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है और योगी आदित्यनाथ ने फिर से मुख्यमंत्री बने हैं. योगी सरकार की सत्ता में एक बार फिर से वापसी होने के बाद सूबे का माहौल बदला हुआ है. साल 2017 से 2022 के बीच हुए ताबड़तोड़ एनकाउंटर का दौर फिर न शुरू हो इसके चलते अपराधियों में सरेंडर करने की होड़ मची हुई है. अब तक सूबे में अलग-अलग जिलों के लगभग 50 अपराधियों ने थाने में जाकर सरेंडर किया है. सरेंडर करने का तरीका ठीक उसी तरह है जैसे चार साल पहले योगी सरकार 1.0 के दौरान था. इन अपराधियों को डर है कि उनका एनकाउंटर हो सकता है या फिर बुलडोजर से घर ढहाया जा सकता है. यही नहीं कई अपराधियों ने तो गले में कार्ड लटका रखा था, जिसमें लिखा था कि मैं सरेंडर कर रहा हूं, कृपया गोली न चलाएं.
योगी सरकार 2.0 में गोंडा में हुई थी सरेंडर की शुरुआत
योगी सरकार की सत्ता में वापसी से अपराधियों में भय व्याप्त है. एनकाउंटर के डर से अपराधी गले में तख्ती लेकर थाने पहुंचने लगे हैं. चुनाव परिणाम आने के 5 दिनों बाद ही इसकी शुरुआत हो गयी. 15 मार्च को गोंडा जिले में शातिर अपराधी गौतम सिंह ने छपिया थाने में सरेंडर किया. इसके बाद मानों सरेंडर करने वाले अपराधियों की झड़ी लग गयी. सहारनपुर जिले के चिलकाना थाने में 20 से ज्यादा अपराधियों ने तख्ती पहनकर सरेंडर कर दिया. इनमें 4 तो ऐसे अपराधी थे, जिन पर शराब तस्करी के दर्जनों मुकदमे थे और उन्होंने हलफनामा देकर अपराध छोड़ने की बात कही. इसी तरह शामली जिले में थानाभवन और गढ़ीपुख्ता थाने में 18 गोहत्या के मामले में वांक्षित चल रहे 18 अपराधियों ने खुद को सरेंडर कर दिया.
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एनकाउंटर का भी सिलसिला शुरू
योगी सरकार की वापसी होते ही सिर्फ अपराधियों के सरेंडर होने का सिलसिला ही नहीं शुरू हुआ बल्कि एनकाउन्टर भी ताबड़तोड़ शुरू हुए. योगी आदित्यनाथ के इकाना स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से 12 घण्टे पहले ही लखनऊ पुलिस ने शहर में हुई लूट और हत्या का वांक्षित अपराधी राहुल सिंह को 25 मार्च तड़के सुबह ही ढेर कर दिया. यही नहीं चुनाव परिणाम आते ही 11 मार्च को राजधानी में 25 हजार इनामी मोनू पंडित को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था. मोनू कई जिलों में डकैती के मामले में वांक्षित था. पुलिस ने गाजियाबाद में भी 25 और 26 मार्च को ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए मोदी नगर और कविनगर थाने में दो लुटेरों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया.
योगी सरकार 1.0 में मंसूर के एनकाउंटर से हुई थी शुरुआत
2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही 27 सितम्बर 2017 को पुलिस ने पहला एनकाउंटर सहारनपुर के रहने वाले 50 हजार इनामीमंसूर पहलवान का किया था. मंसूर के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के 25 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. मंसूर को ढेर करने के बाद यूपी में एनकाउंटर की झड़ी लग गयी थी. योगी सरकार 1.0 के दौरान पुलिस ने 150 से अधिक एनकाउंटर किये गए थे, जिनमें इनामी बदमाशों को मार गिराया गया था. अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि इस महीने न सिर्फ 50 अपराधियों ने सरेंडर किया है बल्कि अपराध छोड़ने का संकल्प भी लिया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान 2 खूंखार अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है.
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