ETV Bharat / city

ब्रजभाषा साहित्य के लिए सूरदास ब्रजभाषा अकादमी की स्थापना, मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष - Brajbhasha literature in lucknow

उत्तर प्रदेश सरकार ने ब्रज भाषा साहित्य के संरक्षण के लिए सूरदास ब्रज भाषा अकेडमी की स्थापना की घोषणा कर दी है. इस अकादमी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे.

etv bharat
सीएम योगी आदित्यनाथ
author img

By

Published : May 31, 2022, 10:40 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने ब्रज भाषा साहित्य के संरक्षण के लिए सूरदास ब्रज भाषा अकेडमी की स्थापना की घोषणा कर दी है. इस अकादमी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे.

अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव, भाषा विभाग सूरदास ब्रजभाषा अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे. ब्रजभाषा प्रचार-प्रसार से जुड़ा हुआ वरिष्ठ अध्येता अकादमी का उपाध्यक्ष होगा. इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा और उसे शासन द्वारा नामित किया जायेगा. सूरदास ब्रजभाषा अकादमी का सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण, अधिनियम 1880 के अन्तर्गत पंजीकरण अकादमी के संगम जापन एवं नियमावली के शासन के अनुमोदनोपरान्त कराया जायेगा.

ब्रज की संस्कृति को संजोए रखने के लिए उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग की तरफ से अनूठी पहल की गई है. उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह (Tourism and Culture Minister Jaiveer Singh) ने संस्कृति विभाग के अन्तर्गत आने वाले वृंदावन शोध संस्थान के पदाधिकारियों को निर्देश दिये है कि ब्रज क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाये. इस कार्य में पर्यटन विभाग भी आर्थिक सहायता देगा.

इस क्षेत्र के अन्तर्गत जन्मे जाने माने कवियों, लेखकों, साहित्यकारों एवं लोक कलाकारों का पता लगाकर उनके योगदान को रेखांकित करने के लिए उनके जन्मस्थान के घर को संरक्षित किया जायेगा. इसके साथ ही उनके घर तक जाने वाली सड़क का नामकरण भी उनके नाम पर किया जायेगा. ब्रज क्षेत्र के कण-कण में आस्था एवं समृद्धि संस्कृति बिखरी हुयी है.

यह भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने हड़ताल करने पर बार एसो. के पदाधिकारियों को अवमानना का नोटिस

इसको संरक्षित करने के साथ ही इन स्थानों पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास भी किया जायेगा. साहित्यकारों, लेखकों एवं लोक कलाकारों की जन्मस्थली के मार्ग पर शानदार द्वार के निर्माण के लिए भी योजना बनाई जाएगी. इसके अलावा पुरानी पाण्डुलिपियों का अभिलेखीकरण एवं संरक्षण के उपाय किये जाए, ताकि आगे आने वाली पीढी इन धरोहरों का अवलोकन कर सके.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने ब्रज भाषा साहित्य के संरक्षण के लिए सूरदास ब्रज भाषा अकेडमी की स्थापना की घोषणा कर दी है. इस अकादमी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे.

अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव, भाषा विभाग सूरदास ब्रजभाषा अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे. ब्रजभाषा प्रचार-प्रसार से जुड़ा हुआ वरिष्ठ अध्येता अकादमी का उपाध्यक्ष होगा. इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा और उसे शासन द्वारा नामित किया जायेगा. सूरदास ब्रजभाषा अकादमी का सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण, अधिनियम 1880 के अन्तर्गत पंजीकरण अकादमी के संगम जापन एवं नियमावली के शासन के अनुमोदनोपरान्त कराया जायेगा.

ब्रज की संस्कृति को संजोए रखने के लिए उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग की तरफ से अनूठी पहल की गई है. उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह (Tourism and Culture Minister Jaiveer Singh) ने संस्कृति विभाग के अन्तर्गत आने वाले वृंदावन शोध संस्थान के पदाधिकारियों को निर्देश दिये है कि ब्रज क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाये. इस कार्य में पर्यटन विभाग भी आर्थिक सहायता देगा.

इस क्षेत्र के अन्तर्गत जन्मे जाने माने कवियों, लेखकों, साहित्यकारों एवं लोक कलाकारों का पता लगाकर उनके योगदान को रेखांकित करने के लिए उनके जन्मस्थान के घर को संरक्षित किया जायेगा. इसके साथ ही उनके घर तक जाने वाली सड़क का नामकरण भी उनके नाम पर किया जायेगा. ब्रज क्षेत्र के कण-कण में आस्था एवं समृद्धि संस्कृति बिखरी हुयी है.

यह भी पढ़ें-हाईकोर्ट ने हड़ताल करने पर बार एसो. के पदाधिकारियों को अवमानना का नोटिस

इसको संरक्षित करने के साथ ही इन स्थानों पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास भी किया जायेगा. साहित्यकारों, लेखकों एवं लोक कलाकारों की जन्मस्थली के मार्ग पर शानदार द्वार के निर्माण के लिए भी योजना बनाई जाएगी. इसके अलावा पुरानी पाण्डुलिपियों का अभिलेखीकरण एवं संरक्षण के उपाय किये जाए, ताकि आगे आने वाली पीढी इन धरोहरों का अवलोकन कर सके.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.