लखनऊ: ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की जनता से समय पर बिजली का बिल जमा करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि अगर समय से बिजली बिल जमा नहीं करेंगे, तो कनेक्शन काट दिया जाएगा. 10 हजार रुपये से ज्यादा के बिल वाले बकाएदार तुरंत भुगतान करें, नहीं तो अभियान के दौरान उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम प्रदेश की जनता से सहयोग की अपेक्षा करते हैं. लोग अपना बिजली का बिल सही समय पर जमा करें. इससे भरपूर बिजली की आपूर्ति हो सकेगी. गर्मी में बिजली की मांग बढ़ रही है. सरकार महंगी बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराती है. ऐसे में लोगों का भी दायित्व है कि सही समय पर बिजली का बिल जमा करें.
अरविंद कुमार शर्मा ने कहा है कि बिजली आपूर्ति में अगर किसी तरह की कोई समस्या आती है, तो उसे दूर करने के लिए बिजली विभाग ने तैयारी पूरी की है. लोगों की सुविधा के लिए ऊर्जा शक्ति कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है. यहां पर बिजली से संबंधित समस्याओं का समाधान किया जाता है. लाइन लॉस कम करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है. प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा बिल वाले बकायेदारों की सूची तैयार की गयी है. बिजली बिल जमा कराने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है.
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20 अक्टूबर 2021 से 100 फीसदी ब्याजमाफी के साथ सरकार ने ओटीएस योजना शुरू की थी. जब ओटीएस योजना लाई गई थी, तब 2.14 करोड़ उपभोक्ताओं पर 27,800 करोड़ रुपए बकाया था. करीब चार महीने के अभियान में करीब 2500 करोड़ रुपए ही जमा हो पाए.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए पांच उपकेंद्रों के निर्माण, मीटर लगाने और हाईटेंशन लाइनों पर ऑप्टिकल फाइबर डाला जाएगा. इसमें लगभग 666 करोड़ रुपए खर्च होंगे. एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में कुल तीन 220 केवी उपकेन्द्र (बदायूं रोड बरेली, मवाना मेरठ-62 नोएडा) और दो 132 केवी उपकेन्द्र (रामनगर बाराबंकी, बुधाना मुजफ्फरनगर) के निर्माण से सम्बन्धित प्रस्ताव को अनुमति दी गयी.
इसकी कुल लागत 369.51 करोड़ रुपए है. इन उपकेंद्रों के निर्माण से बरेली, मेरठ, नोएडा, बाराबंकी और मुजफ्फरनगर की विद्युत आपूर्ति में गुणात्मक सुधार होगा. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इसके निर्माण से उपभोक्ताओं को लो-वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी. एबीटी मीटरों लगाने और 132 केवी और हाईवोल्टेज लाइनों पर ऑप्टिकल फाइबर डालने के काम की योजना को मंजूरी दी गयी है. इसकी कुल लागत 296.58 करोड़ रुपए अनुमानित है. इससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध हो सकेगी.
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