लखनऊ : संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का नेफ्रोलॉजी और गुर्दा प्रत्यारोपण विभाग न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, नेपाल और बांग्लादेश में गुर्दा रोग से पीड़ित रोगियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए विख्यात है. राजधानी के एसजीपीजीआई में आकस्मिक चिकित्सा एवं गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र की शुरूआत की गई. इसके शुरू होने से किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को काफी राहत मिलेगी. रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू होने से एसजीपीजीआई देश का सबसे बड़ा गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र बन गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ईएमआरटीसी भवन का बीते 8 जनवरी को उद्घाटन किया था. धीरे-धीरे स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू हुई और अब नेफ्रोलॉजी विभाग पूरी तरह से इस केंद्र में स्थानांतरित हो गया है. बताया जा रहा है कि इस सेंटर में 97 सामान्य और निजी बिस्तरों के साथ 111 डायलिसिस केंद्र बनाये गये हैं. इसके अलावा यह सेंटर रिवर्स ऑस्मोसिस वाटर प्लांट की सबसे उन्नत प्रणाली के साथ-साथ डायलीसेट की केंद्रीय वितरण प्रणाली (सीडीएस) से लैस है. भारत में इसी एकमात्र सरकारी संस्थान मे यह सुविधा उपलब्ध है.
प्रो. नारायण प्रसाद ने कहा कि डायलिसिस जनशक्ति की उपलब्धता के अनुसार 2 से 3 शिफ्टों में की जाएगी. इसके लिए केंद्र में डिजिटल सबस्टेशन एंजियोग्राफी (डीएसए) और सी-आर्म की सुविधाओं से लैस दो शीर्ष श्रेणी के ऑपरेशन थिएटर हैं. उद्घाटन समारोह के दौरान नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. नारायण प्रसाद और नेफ्रोलॉजी विभाग के सभी संकाय सदस्य मौजूद थे.
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प्रो धीमन, निदेशक, और नेफ्रोलाजी विभागाध्यक्ष प्रो. नारायण प्रसाद ने गुर्दे की बीमारियों के रोगियों के लिए इतना उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए यूपी सरकार को धन्यवाद दिया. उत्तर प्रदेश सरकार ने जन कल्याण के लिए एक बड़ी पहल की है.
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