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सिविल अस्पताल में डाॅक्टरों व दवाओं का टोटा, देखिये क्या बोले मरीज

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Published : Aug 1, 2022, 5:11 PM IST

हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल की ओपीडी में भारी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों की कमी के चलते काफी भीड़ हो रही है. दरअसल, चिकित्सकों के तबादले के बाद हर ओपीडी में सिर्फ एक ही डॉक्टर है.

अस्पताल में भीड़
अस्पताल में भीड़

लखनऊ : हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की ओपीडी में भारी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों की कमी के चलते अस्पताल में काफी भीड़ हो रही है. दरअसल, चिकित्सकों के तबादले के बाद हर ओपीडी में सिर्फ एक ही डॉक्टर है. एक डॉक्टर के ऊपर हजारों मरीज की जिम्मेदारी है. सुबह 7 बजे मरीज अस्पताल पहुंचकर पर्चा बनवाते हैं. इसके बाद 8 बजे से ओपीडी में मरीजों की लाइन लगना शुरू हो जाती है.

सिविल अस्पताल के फिजीशियन, ऑर्थोपेडिक विभाग, सर्जरी विभाग, पैथोलॉजी में कई चिकित्सकों का तबादला हो गया है. जिनके बदले अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई है. इसी कारण मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है. बहुत सारे मरीज अन्य जिले से आए हैं. साफ तौर पर मरीजों का कहना है कि यहां पर अच्छा इलाज नहीं मिल पा रहा है. पिछली बार आए थे तो हम संतुष्ट थे, लेकिन इस बार डॉक्टर इधर से उधर भगा रहे हैं. जिसके चलते मरीज थक हारकर अपने जिले वापस लौट रहे हैं.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

बस्ती निवासी अनुप्रिया कुमारी ने अपने भाई को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. उन्होंने बताया कि बीती रात को भाई का रोड एक्सीडेंट हुआ था. जिसके बाद किसी तरह उन्हें देर रात ही सिविल अस्पताल लेकर आए. यहां पर कर्मचारियों ने इनकी पट्टी कर दी. डॉक्टर ने रात में कुछ दवाई लिखी थी. उसके बाद से अभी तक कोई डॉक्टर देखने नहीं आया. जिसके बाद थोड़ा खुली हवा में मरीज को लेकर बैठे हुए हैं. बहुत सारी दवायें अंदर नहीं मिली हैं.


पारा निवासी कमला राठौर ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर इधर से उधर भगा रहे हैं. दो बार ओपीडी में जा चुके हैं, लेकिन फिर भी एक लंबी लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है. बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि यहां पर दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. कुछ ही दवा यहां पर मिलती है, लेकिन यह दवाई हमें बाहर से खरीदनी पड़ती है, न तो सही टाइम पर ही इलाज मिल पा रहा है और न ही दवाएं ऐसे में हमें बहुत दिक्कत होती है. उन्होंने बताया कि उनके पति इस दुनिया में नहीं हैं. उनका कोई बेटा नहीं है. बेटियां कुछ पैसे भेजती हैं उन्हीं पैसों से बाहर की दवायें खरीदते हैं. इतनी महंगी दवायें खरीदने में सारा पैसा खर्च हो जाता है. इसके बाद पूरा महीना बिताने में काफी दिक्कत होती है.

मरीजों ने बताया कि अस्पताल में बहुत सारी दवायें हमें नहीं मिल पा रही हैं. इमरजेंसी में डॉक्टर बाहर से दवायें मंगवा रहे हैं. जब हम अस्पताल की क्लीनिक में गए तो वहां पर एंटीबायोटिक, दर्द की दवा और कुछ अन्य दवाइयां नहीं मिलीं. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन को थोड़ा ध्यान देना चाहिए. अस्पताल की क्लीनिक के अलावा यहां पर जन औषधि केंद्र भी है, लेकिन वहां पर भी दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में मजबूरन मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक का रुख करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें : लखनऊ: कड़ी सुरक्षा के बीच शाही अंदाज में निकला पहली मोहर्रम का जुलूस

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि सभी मरीजों को देखा जा रहा है. अस्पताल में मरीजों की संख्या इस समय अधिक है. जिसकी वजह से एक डॉक्टर हर मरीज तक नहीं जा सकता है. ऐसे में अगर किसी मरीज को कोई समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क करें. ऐसा नहीं है कि मरीज के दिक्कत होने पर डॉक्टर न सुनें. रही बात दवाइयों की तो इसके लिए हमने ऑनलाइन दवाई मंगवाई है. जल्दी सभी दवाएं मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी.

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लखनऊ : हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की ओपीडी में भारी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों की कमी के चलते अस्पताल में काफी भीड़ हो रही है. दरअसल, चिकित्सकों के तबादले के बाद हर ओपीडी में सिर्फ एक ही डॉक्टर है. एक डॉक्टर के ऊपर हजारों मरीज की जिम्मेदारी है. सुबह 7 बजे मरीज अस्पताल पहुंचकर पर्चा बनवाते हैं. इसके बाद 8 बजे से ओपीडी में मरीजों की लाइन लगना शुरू हो जाती है.

सिविल अस्पताल के फिजीशियन, ऑर्थोपेडिक विभाग, सर्जरी विभाग, पैथोलॉजी में कई चिकित्सकों का तबादला हो गया है. जिनके बदले अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई है. इसी कारण मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है. बहुत सारे मरीज अन्य जिले से आए हैं. साफ तौर पर मरीजों का कहना है कि यहां पर अच्छा इलाज नहीं मिल पा रहा है. पिछली बार आए थे तो हम संतुष्ट थे, लेकिन इस बार डॉक्टर इधर से उधर भगा रहे हैं. जिसके चलते मरीज थक हारकर अपने जिले वापस लौट रहे हैं.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

बस्ती निवासी अनुप्रिया कुमारी ने अपने भाई को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. उन्होंने बताया कि बीती रात को भाई का रोड एक्सीडेंट हुआ था. जिसके बाद किसी तरह उन्हें देर रात ही सिविल अस्पताल लेकर आए. यहां पर कर्मचारियों ने इनकी पट्टी कर दी. डॉक्टर ने रात में कुछ दवाई लिखी थी. उसके बाद से अभी तक कोई डॉक्टर देखने नहीं आया. जिसके बाद थोड़ा खुली हवा में मरीज को लेकर बैठे हुए हैं. बहुत सारी दवायें अंदर नहीं मिली हैं.


पारा निवासी कमला राठौर ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर इधर से उधर भगा रहे हैं. दो बार ओपीडी में जा चुके हैं, लेकिन फिर भी एक लंबी लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है. बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि यहां पर दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. कुछ ही दवा यहां पर मिलती है, लेकिन यह दवाई हमें बाहर से खरीदनी पड़ती है, न तो सही टाइम पर ही इलाज मिल पा रहा है और न ही दवाएं ऐसे में हमें बहुत दिक्कत होती है. उन्होंने बताया कि उनके पति इस दुनिया में नहीं हैं. उनका कोई बेटा नहीं है. बेटियां कुछ पैसे भेजती हैं उन्हीं पैसों से बाहर की दवायें खरीदते हैं. इतनी महंगी दवायें खरीदने में सारा पैसा खर्च हो जाता है. इसके बाद पूरा महीना बिताने में काफी दिक्कत होती है.

मरीजों ने बताया कि अस्पताल में बहुत सारी दवायें हमें नहीं मिल पा रही हैं. इमरजेंसी में डॉक्टर बाहर से दवायें मंगवा रहे हैं. जब हम अस्पताल की क्लीनिक में गए तो वहां पर एंटीबायोटिक, दर्द की दवा और कुछ अन्य दवाइयां नहीं मिलीं. इसको लेकर अस्पताल प्रशासन को थोड़ा ध्यान देना चाहिए. अस्पताल की क्लीनिक के अलावा यहां पर जन औषधि केंद्र भी है, लेकिन वहां पर भी दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में मजबूरन मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक का रुख करना पड़ रहा है.

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सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि सभी मरीजों को देखा जा रहा है. अस्पताल में मरीजों की संख्या इस समय अधिक है. जिसकी वजह से एक डॉक्टर हर मरीज तक नहीं जा सकता है. ऐसे में अगर किसी मरीज को कोई समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क करें. ऐसा नहीं है कि मरीज के दिक्कत होने पर डॉक्टर न सुनें. रही बात दवाइयों की तो इसके लिए हमने ऑनलाइन दवाई मंगवाई है. जल्दी सभी दवाएं मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी.

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