लखनऊ: राजधानी में बुखार का प्रकोप जारी है. वहीं दबे पांव डेंगू भी पैर पसार रहा है. स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सात सौ से अधिक घरों का निरीक्षण किया. इसमें 11 मकानों में डेंगू का लार्वा पाया गया. इन्हें नोटिस जारी किया गया है. शहर के अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भरमार है. यहां के केजीएमयू, बलरामपुर, लोहिया, सिविल, रानी लक्ष्मीबाई, महानगर भाऊराव देवरस समेत अन्य अस्पतालों की ओपीडी में बुखार के मरीजों की भरमार हैं.
इसी तरह प्राइवेट अस्पताल व क्लीनिकों में भी बुखार पीड़ितों की लंबी लाइनें लगी हैं. इन अस्पतालों में रोजाना 250 से अधिक बुखार पीड़ित इलाज के लिए आ रहे हैं.नगर मलेरिया अधिकारी डॉ. केपी त्रिपाठी के मुताबिक बुखार व डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं. लोगों घरों में कूलर आदि को साफ करने में हीलाहवाली कर रहे हैं. मंगलवार को 11 घरों में लार्वा मिला है. स्वास्थ्य विभाग ने भवन स्वामी को नोटिस जारी की है. कुल 768 घरों में निरीक्षण किया गया. वहीं एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई.
राज्य में बुखार के मरीजों को ढूंढने के लिए घर-घर सर्वे शुरू हो गया है. इस दौरान कोरोना टेस्ट, डेंगू टेस्ट, मलेरिया की स्लाइड बनाई जाएंगी. वहीं टीबी के मरीजों को भी चिन्हित किया जाएगा. साथ ही बुखार के मरीजों को दवाओं की किट का वितरण किया जाएगा. वहीं मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा में बुखार के मामलों को लेकर सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं. यहां आवश्यकता के हिसाब से बेड, टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक फिरोजाबाद, आगरा और मथुरा में बीमारी नियंत्रण को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं. यहां मरीजों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जा रही है. सभी मरीजों का जिला अस्पतालों के साथ-साथ मेडिकल कॉलेजों में भी फ्री इलाज किया जाएगा. साथ ही सीएम हेल्पलाइन से मरीजों और उनके परिजनों से फीडबैक लिया जाएगा.
नवनीत सहगल के मुताबिक राज्य में कोरोना का प्रकोप कम हुआ है, मगर वायरस अभी मौजूद है. ऐसे में अस्पतालों की ओपीडी और आईपीडी (inpatient department) में मरीजों और तीमारदारों की भीड़ को नियंत्रित रखा जाए. बेवजह लोगों को अंदर जाने पर रोक लगाएं ताकि संक्रमण के प्रसार के खतरे को टाला जा सके.
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सरकार राज्य के सभी 75 जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज के प्लान पर काम कर रही है. अभी 59 जिलों में मेडिकल कॉलेज हैं. वहीं 16 जनपदों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए शासकीय नीति तैयार हो गई है. जल्द ही अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी.