लखनऊ. ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत एमआईएस (मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम) के तहत बेहतर विकास कार्य को जमीन पर उतारने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन राज्य स्तर पर पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज लखनऊ में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे. मुख्य अतिथि केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
प्रशिक्षण के लिए कार्यक्रम में पहुंचे अधिकारियों व ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश का विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक कि ग्राम पंचायतों का विकास नहीं होगा. इसके लिए हमें नई प्लानिंग और ऊर्जा के साथ काम करने की आवश्यकता है. हमें इस ओर विचार करना चाहिए कि हम कैसे ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर व विकसित बना सकते हैं. ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हर ग्राम प्रधान को यह प्रयास करना चाहिए कि वह अपनी पंचायत को आदर्श पंचायत के तौर पर विकसित करें, जिससे कि आसपास के लोग उससे सीख ले सकें. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी होती है कि हम लगातार सरकारी सुविधाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करने में कामयाब हो रहे हैं और लोगों तक सुविधाएं पहुंच रहे हैं.
कार्यक्रम में मौजूद ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में हमें बल मिलता है. हमारा प्रयास है कि हम ग्राम पंचायतों का बेहतर विकास कर सकें, जिसमें काफी हद तक विभाग को कामयाबी भी मिली है. मुझे बताते हुए या खुशी हो रही है कि मनरेगा के तहत निर्धारित होने वाले बजट का 81% हमने उपयोग में लिया है. मनरेगा के बजट को डिवाइस करने की जरूरत है, इसके लिए केंद्र सरकार जल्द फैसला ले सकती है. प्रति वर्ष में मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा खर्च किया गया है. मनरेगा के तहत योजना का लाभ देने में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है.
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भ्रष्टाचार पर हो चोट : कार्यक्रम में कर्मचारियों व अधिकारियों को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) ने कहा कि अभी तक मनरेगा को भ्रष्टाचार की नजर से देखा जाता था. जॉब कार्ड बनाकर बड़े पैमाने पर खेल होता था, लेकिन इसमें काफी हद तक कमी आई है. इस क्षेत्र में अभी और काम करने की जरूरत है. मुझे उम्मीद है कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए पूरे प्रयास जल्दी प्रभावी साबित होंगे.