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विधायक अब्बास की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित -शस्त्र लाइसेंस में फर्जीवाड़े का है आरोप

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Published : Aug 3, 2022, 9:49 PM IST

फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में विधायक अब्बास अंसारी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने 4 अगस्त के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

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एमपी एमएलए कोर्ट

लखनऊ: फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने 4 अगस्त के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.
विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला ने अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि अब्बास अंसारी द्वारा निचली अदालत में हाजिर न होने पर विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने गत 14 जुलाई को उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. विशेष अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के उपरांत अब्बास अंसारी ने निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण न करके इस अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है.

इसे भी पढ़ेंः मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास ने कहा- सरकार जारी करे सभी माफियाओं की लिस्ट, सब पर चले बुलडोजर

विशेष अधिवक्ता का तर्क था कि अभियुक्त के विरुद्ध गम्भीर अपराध है तथा वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बराबर फरार चल रहा है. ऐसी स्थिति उसे अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाना उचित नहीं है. पत्रावली के अनुसार महानगर थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने 12 अक्टूबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मेट्रो सिटी निवासी अब्बास अंसारी ने 2012 में डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था.

बाद में अब्बास ने अपना शस्त्र लाइसेंस दिल्ली के पते पर स्थानांतरित करवा लिया था. कहा गया कि अब्बास ने खुद को विख्यात निशानेबाज दिखाकर दिल्ली वाले शस्त्र लाइसेंस पर कई शस्त्र खरीद लिए. रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी ने लखनऊ पुलिस को बिना जानकारी दिए और अनुमति लिए धोखाधड़ी कर लाइसेंस को दिल्ली स्थानांतरित करवाया और उस पर कई हथियार लिए थे.

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लखनऊ: फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने 4 अगस्त के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.
विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला ने अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि अब्बास अंसारी द्वारा निचली अदालत में हाजिर न होने पर विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने गत 14 जुलाई को उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. विशेष अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के उपरांत अब्बास अंसारी ने निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण न करके इस अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है.

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विशेष अधिवक्ता का तर्क था कि अभियुक्त के विरुद्ध गम्भीर अपराध है तथा वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बराबर फरार चल रहा है. ऐसी स्थिति उसे अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाना उचित नहीं है. पत्रावली के अनुसार महानगर थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने 12 अक्टूबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मेट्रो सिटी निवासी अब्बास अंसारी ने 2012 में डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था.

बाद में अब्बास ने अपना शस्त्र लाइसेंस दिल्ली के पते पर स्थानांतरित करवा लिया था. कहा गया कि अब्बास ने खुद को विख्यात निशानेबाज दिखाकर दिल्ली वाले शस्त्र लाइसेंस पर कई शस्त्र खरीद लिए. रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी ने लखनऊ पुलिस को बिना जानकारी दिए और अनुमति लिए धोखाधड़ी कर लाइसेंस को दिल्ली स्थानांतरित करवाया और उस पर कई हथियार लिए थे.

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