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डिफेंस एक्सपो: प्रदर्शनकारी भीड़ को मिनटों में ऐसे कंट्रोल करेगी ये डेजलर व्हिकल - डेजलर व्हिकल

DRDO ने पत्थरबाजों को नियंत्रित करने के लिए लेजर तकनीक से लैस गाड़ी बनाई है. इस गाड़ी में लगी लेजर लाइट के माध्यम से पत्थरबाज या प्रदर्शनकारियों के ऊपर लाइट डाली जाती है. इससे प्रदर्शनकारियों चंद मिनटों के लिए दिखना बंद हो जाता है. इसका फायदा उठाते हुए पुलिस उन पर कंट्रोल कर लेती है.

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डेजलर व्हीकल.
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Published : Feb 8, 2020, 4:37 PM IST

लखनऊ: DRDO ने पत्थरबाजों से निपटने के लिए भारतीय सेना के लिए एक वाहन तैयार किया है. तमाम खासियतों से लैस यह डेजलर व्हिकल पत्थरबाजों को पल भर में ही भागने पर मजबूर कर सकती है. यह व्हिकल पत्थर का जवाब लेजर से देती है और जैसे ही भीड़ पर इसका प्रहार होता है. प्रदर्शनकारी की आंखों के सामने पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है. इतनी देर में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने का मौका मिल जाता है. इस व्हिकल की खासियत पर ही इसे 'मार्क्समैन' कार नाम दिया गया है.

जानकारी देते डीआरडीओ के वैज्ञानिक मनमोहन.

महिंद्रा कंपनी ने डीआरडीओ के साथ मिलकर इस कार का निर्माण किया है. डिफेंस एक्सपो की प्रदर्शनी में यह मार्क्समैन कार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. जल्द ही यह वाहन भारतीय सेना के हाथ में होगा. डीआरडीओ के साइंटिस्ट मनमोहन बताते हैं कि ये बुलेट प्रूफ व्हिकल है. इसके टायर भी बुलेट प्रूफ हैं. इसका इस्तेमाल उस जगह किया जाता है, जहां पर भीड़ अनियंत्रित हो चुकी हो.

लेजर स्पॉट से किया जाता है नियंत्रित
डीआरडीओ के साइंटिस्ट मनमोहन ने बताया कि पुलिस भीड़ पर लाठीचार्ज करती है. उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ती है या फिर वाटर कैनन का इस्तेमाल करती है. इससे लोगों को चोट लग जाती है. लोगों को बिना चोट पहुंचाए शांत करने का तरीका इस व्हिकल में है. इसमें लेजर का बहुत बड़ा स्पॉट बनता है और यह लोगों की आंखों पर पड़ेगा तो वे कुछ देर के लिए ब्लाइंड हो जाते हैं. इस बीच पुलिस को प्रदर्शनकारियों को पकड़ने का मौका मिल जाता है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊः आज से डिफेंस एक्सपो में दर्शकों को मिलेगी फ्री एंट्री

अगर कोई उग्रवादी पेड़ों के पीछे या किसी कार के पीछे कहीं छुपा हुआ है. तो इस व्हिकल से उग्रवादी का पता लगाया जा सकता है. उसके ऊपर लेजर लाइट डालकर थोड़ी देर के लिए ब्लाइंड कर सकते हैं और फिर उसे आसानी से पकड़ा जा सकता है. साइंटिस्ट मनमोहन बताते हैं कि कश्मीर में इसके इस्तेमाल करने की इजाजत अभी नहीं दी गई है, लेकिन हमने उत्तरी कमान में अभी इसका प्रयोग के तौर पर प्रदर्शन किया है. यह मार्क्समैन कार महिंद्रा ने बनाई है और इसके अंदर और ऊपर सिस्टम डीआरडीओ ने बनाया है.

लखनऊ: DRDO ने पत्थरबाजों से निपटने के लिए भारतीय सेना के लिए एक वाहन तैयार किया है. तमाम खासियतों से लैस यह डेजलर व्हिकल पत्थरबाजों को पल भर में ही भागने पर मजबूर कर सकती है. यह व्हिकल पत्थर का जवाब लेजर से देती है और जैसे ही भीड़ पर इसका प्रहार होता है. प्रदर्शनकारी की आंखों के सामने पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है. इतनी देर में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने का मौका मिल जाता है. इस व्हिकल की खासियत पर ही इसे 'मार्क्समैन' कार नाम दिया गया है.

जानकारी देते डीआरडीओ के वैज्ञानिक मनमोहन.

महिंद्रा कंपनी ने डीआरडीओ के साथ मिलकर इस कार का निर्माण किया है. डिफेंस एक्सपो की प्रदर्शनी में यह मार्क्समैन कार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. जल्द ही यह वाहन भारतीय सेना के हाथ में होगा. डीआरडीओ के साइंटिस्ट मनमोहन बताते हैं कि ये बुलेट प्रूफ व्हिकल है. इसके टायर भी बुलेट प्रूफ हैं. इसका इस्तेमाल उस जगह किया जाता है, जहां पर भीड़ अनियंत्रित हो चुकी हो.

लेजर स्पॉट से किया जाता है नियंत्रित
डीआरडीओ के साइंटिस्ट मनमोहन ने बताया कि पुलिस भीड़ पर लाठीचार्ज करती है. उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ती है या फिर वाटर कैनन का इस्तेमाल करती है. इससे लोगों को चोट लग जाती है. लोगों को बिना चोट पहुंचाए शांत करने का तरीका इस व्हिकल में है. इसमें लेजर का बहुत बड़ा स्पॉट बनता है और यह लोगों की आंखों पर पड़ेगा तो वे कुछ देर के लिए ब्लाइंड हो जाते हैं. इस बीच पुलिस को प्रदर्शनकारियों को पकड़ने का मौका मिल जाता है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊः आज से डिफेंस एक्सपो में दर्शकों को मिलेगी फ्री एंट्री

अगर कोई उग्रवादी पेड़ों के पीछे या किसी कार के पीछे कहीं छुपा हुआ है. तो इस व्हिकल से उग्रवादी का पता लगाया जा सकता है. उसके ऊपर लेजर लाइट डालकर थोड़ी देर के लिए ब्लाइंड कर सकते हैं और फिर उसे आसानी से पकड़ा जा सकता है. साइंटिस्ट मनमोहन बताते हैं कि कश्मीर में इसके इस्तेमाल करने की इजाजत अभी नहीं दी गई है, लेकिन हमने उत्तरी कमान में अभी इसका प्रयोग के तौर पर प्रदर्शन किया है. यह मार्क्समैन कार महिंद्रा ने बनाई है और इसके अंदर और ऊपर सिस्टम डीआरडीओ ने बनाया है.

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नोट: फीड लाइव यू से भेजी गई है। marksman van नाम से। सह्रदय धन्यवाद


पत्थरबाजों पर कंट्रोल करेगी डेजलर व्हीकल, लेजर से कुछ देर को ब्लाइंड हो जाएंगे पत्थरबाज

लखनऊ। पिछले दिनों जम्मू कश्मीर में जिस तरह से पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं और सेना को इसे कंट्रोल करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसे पत्थरबाजों को सबक सिखाने के लिए डीआरडीओ ने भारतीय सेना के लिए एक जबरदस्त वाहन तैयार किया है। ये वाहन तमाम खासियतों से लैस है। पत्थरबाजों को पल भर में ही भागने को मजबूर कर सकता है ये वाहन। दरअसल यह वाहन पत्थर का जवाब पत्थर से ना देकर लेजर से देता है और जैसे ही भीड़ पर इसका प्रहार होता है आंखों के सामने पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है ऐसा लगता है कि अंधे ही हो गए हैं और इतनी देर में पुलिस नियंत्रण स्थापित कर लेती है। डेजलर व्हीकल के बारे में ईटीवी भारत को विस्तार से डीआरडीओ के साइंटिस्ट मनमोहन ने जानकारी दी।


Body:महिंद्रा कंपनी ने डीआरडीओ के साथ मिलकर इस कार का निर्माण किया है। डिफेंस एक्सपो की प्रदर्शनी में यह मार्क्समैन कार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। जल्द ही यह कार भारतीय सेना के हाथ में होगी और पत्थरबाज इस कार को देखते ही किनारे हो जाएंगे। डीआरडीओ के साइंटिस्ट मनमोहन बताते हैं कि ये बुलेट प्रूफ व्हीकल है। टायर भी बुलेट प्रूफ हैं। इसका इस्तेमाल उस जगह किया जाता है जहां पर क्राउड बिल्कुल कहना नहीं मानती है। पुलिस उन पर लाठीचार्ज करती है, उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ती है या फिर वाटर कैनन का इस्तेमाल करती है। उससे लोगों को चोट लग जाती है। लोगों को बिना चोट पहुंचाए शांत करने का तरीका इस व्हिकल में है। इसमें लेजर का बहुत बड़ा स्पॉट बनता है और यह लोगों की आंखों पर पड़ेगा तो बहुत ब्लाइंड हो जाते हैं और यह ब्लाइंडनेस परमानेंट नहीं होती है सिर्फ थोड़े क्षणों के लिए ब्लाइंड होते हैं जिससे पुलिस को समय मिल जाता है और वह उन्हें पकड़ सकती है। इसकी एक खासियत और भी है कि अगर कोई उग्रवादी है जो कहीं छुपा हुआ है पेड़ों के पीछे या किसी कार के पीछे तो इसका प्रयोग हम उग्रवादी का पता लगाने के लिए भी करते हैं। उसके ऊपर लेजर लाइट डालकर थोड़ी देर के लिए ब्लाइंड कर सकते हैं और फिर उसे आसानी से पकड़ा जा सकता है।


Conclusion:साइंटिस्ट मनमोहन बताते हैं कि कश्मीर में तो इस्तेमाल करने की इसे अभी इजाजत नहीं दी गई है, लेकिन हमने नार्दन कमांड में अभी इसका डेमोंसट्रेशन किया है। आने वाले समय में हर जगह जरूर यूज़ की जाएगी। ये मार्क्समैन कार महिंद्रा ने बनाई है लेकिन इसमें जो भी अंदर और ऊपर सिस्टम लगाया गया है वह डीआरडीओ ने बनाया है।


अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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