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लोकबंधु अस्पताल में जल्द मिलेंगी यह सुविधाएं, मरीजों को मिलेगी राहत - सीटी स्कैन की व्यवस्था

राजधानी के लोकबंधु अस्पताल (Lokbandhu Hospital) में भारी संख्या में मरीज पहुंचते हैं. भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने तीन बड़े निर्णय लिए हैं. जल्द ही यहां पर सीटी स्कैन की व्यवस्था उपलब्ध होगी.

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Published : Oct 14, 2022, 5:34 PM IST

लखनऊ : राजधानी के लोकबंधु अस्पताल (Lokbandhu Hospital) में भारी संख्या में मरीज पहुंचते हैं. भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने तीन बड़े निर्णय लिए हैं. जल्द ही यहां पर सीटी स्कैन की व्यवस्था उपलब्ध होगी. इसके अलावा ब्लड बैंक को लेकर कार्य प्रगति पर है. साथ ही गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए विभाग के पास ही पैथोलॉजी की जा रही है. पीडियाट्रिक विंग भी निर्माणाधीन है. दिसंबर तक यह सभी कार्य पूरे हो जाएंगे. इन विभागों के संचालन से अस्पताल परिसर में कम भीड़ होगी.

लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में कार्य प्रगति पर चल रहा है. काफी समस्याएं हो रही थीं, क्योंकि इस समय मरीजों की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. जहां 500 मरीज आते थे, अब दो हजार रोजाना मरीज आ रहे हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने तीन बड़े निर्णय लिए हैं. इससे मरीजों को काफी सहूलियत होगी. प्रदेश के अन्य जिले से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं कई बार होता है कि अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं है. जिसके चलते मरीज को अन्य बड़े संस्थान में रेफर किया जाता है. ब्लड बैंक के साथ ही कई अन्य सुविधाएं बढ़ाने पर भी काम तेजी से चल रहा है. हाल में ही लांड्री, पेशेंट किचन, लिफ्ट, इमरजेंसी आदि की सुविधाओं को बेहतर किया गया है.

लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शंकर त्रिपाठी

उन्होंने बताया कि कई बार यह देखा गया कि गर्भवती महिलाओं को पैथोलॉजी में जांच के लिए घूमकर आना पड़ता था. इस वजह से मरीज के तीमारदारों को काफी दिक्कत होती थी. गर्भवती महिलाओं की सहूलियत को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने यह निर्णय लिया कि महिला रोग विभाग के बगल में ही पैथोलॉजी होगी. इसी के साथ दवा काउंटर को भी बढ़ा दिया गया है. आसानी से वहां जाकर जांच हो जाएगी और साथ ही दवाएं भी उपलब्ध हो जाएंगी. जिसका कार्य प्रगति पर है. दिसंबर महीने तक तैयार हो जाएगी.

अस्पताल में भीड़
अस्पताल में भीड़


उन्होंने बताया कि इसी क्रम में पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट को भी अलग किया जा रहा है, ताकि अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए इधर से उधर अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़ें. पीडियाट्रिक विंग का निर्माण किया जा रहा है, जिसको लेकर कार्य निर्माणाधीन है. इसी तरह से हर विभाग अलग अलग हो जाएगा. इससे अस्पताल का जो मुख्य परिसर है वहां पर भीड़ नहीं लगेगी.

लोकबंधु अस्पताल
लोकबंधु अस्पताल



कृष्णा नगर निवासी शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि ब्लड बैंक न होने के कारण तमाम दिक्कतें होती हैं. कुछ दिन पहले ही पत्नी की डिलीवरी हुई है. उस समय पर ए पॉजिटिव ब्लड की जरूरत पड़ी. ऐसे में ब्लड बैंक नहीं होने के कारण कई ब्लड बैंक के चक्कर लगाने पड़े. लोकबंधु अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा हो जाएगी तो यह काफी अच्छा काम होगा. हम जैसे तीमारदारों को अन्य जगहों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और समय में मरीज को जरूरत के अनुसार खून मिल पाएगा.

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव से पहले आगामी बजट को बेहतर बनाने में जुटा वित्त विभाग, सरकार कर रही यह तैयारी

अर्जुनगंज निवासी कीर्ति सिंह ने बताया कि वह बच्चे का टीकाकरण कराने के लिए आई हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि अस्पताल में बहुत ज्यादा भीड़ होती है. सुबह के समय पर्चा बनवाने में हालत गंभीर हो जाती है. कई बार झगड़े तक की भी नौबत आ जाती है. एक ही पर्चा काउंटर में सभी का पर्चा बनता है. पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट अलग से बन जाएगा तो काफी राहत मिलेगी.

यह भी पढ़ें : SGPGI का 27 वां दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को दी ये नसीहत

लखनऊ : राजधानी के लोकबंधु अस्पताल (Lokbandhu Hospital) में भारी संख्या में मरीज पहुंचते हैं. भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने तीन बड़े निर्णय लिए हैं. जल्द ही यहां पर सीटी स्कैन की व्यवस्था उपलब्ध होगी. इसके अलावा ब्लड बैंक को लेकर कार्य प्रगति पर है. साथ ही गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए विभाग के पास ही पैथोलॉजी की जा रही है. पीडियाट्रिक विंग भी निर्माणाधीन है. दिसंबर तक यह सभी कार्य पूरे हो जाएंगे. इन विभागों के संचालन से अस्पताल परिसर में कम भीड़ होगी.

लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में कार्य प्रगति पर चल रहा है. काफी समस्याएं हो रही थीं, क्योंकि इस समय मरीजों की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. जहां 500 मरीज आते थे, अब दो हजार रोजाना मरीज आ रहे हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने तीन बड़े निर्णय लिए हैं. इससे मरीजों को काफी सहूलियत होगी. प्रदेश के अन्य जिले से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं कई बार होता है कि अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं है. जिसके चलते मरीज को अन्य बड़े संस्थान में रेफर किया जाता है. ब्लड बैंक के साथ ही कई अन्य सुविधाएं बढ़ाने पर भी काम तेजी से चल रहा है. हाल में ही लांड्री, पेशेंट किचन, लिफ्ट, इमरजेंसी आदि की सुविधाओं को बेहतर किया गया है.

लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शंकर त्रिपाठी

उन्होंने बताया कि कई बार यह देखा गया कि गर्भवती महिलाओं को पैथोलॉजी में जांच के लिए घूमकर आना पड़ता था. इस वजह से मरीज के तीमारदारों को काफी दिक्कत होती थी. गर्भवती महिलाओं की सहूलियत को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने यह निर्णय लिया कि महिला रोग विभाग के बगल में ही पैथोलॉजी होगी. इसी के साथ दवा काउंटर को भी बढ़ा दिया गया है. आसानी से वहां जाकर जांच हो जाएगी और साथ ही दवाएं भी उपलब्ध हो जाएंगी. जिसका कार्य प्रगति पर है. दिसंबर महीने तक तैयार हो जाएगी.

अस्पताल में भीड़
अस्पताल में भीड़


उन्होंने बताया कि इसी क्रम में पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट को भी अलग किया जा रहा है, ताकि अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए इधर से उधर अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़ें. पीडियाट्रिक विंग का निर्माण किया जा रहा है, जिसको लेकर कार्य निर्माणाधीन है. इसी तरह से हर विभाग अलग अलग हो जाएगा. इससे अस्पताल का जो मुख्य परिसर है वहां पर भीड़ नहीं लगेगी.

लोकबंधु अस्पताल
लोकबंधु अस्पताल



कृष्णा नगर निवासी शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि ब्लड बैंक न होने के कारण तमाम दिक्कतें होती हैं. कुछ दिन पहले ही पत्नी की डिलीवरी हुई है. उस समय पर ए पॉजिटिव ब्लड की जरूरत पड़ी. ऐसे में ब्लड बैंक नहीं होने के कारण कई ब्लड बैंक के चक्कर लगाने पड़े. लोकबंधु अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा हो जाएगी तो यह काफी अच्छा काम होगा. हम जैसे तीमारदारों को अन्य जगहों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और समय में मरीज को जरूरत के अनुसार खून मिल पाएगा.

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अर्जुनगंज निवासी कीर्ति सिंह ने बताया कि वह बच्चे का टीकाकरण कराने के लिए आई हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि अस्पताल में बहुत ज्यादा भीड़ होती है. सुबह के समय पर्चा बनवाने में हालत गंभीर हो जाती है. कई बार झगड़े तक की भी नौबत आ जाती है. एक ही पर्चा काउंटर में सभी का पर्चा बनता है. पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट अलग से बन जाएगा तो काफी राहत मिलेगी.

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